ट्रैक्टर ट्रॉली एवं कैंटर में आमने सामने की भिड़ंत- दो लोगों की मौत

ट्रैक्टर ट्रॉली एवं कैंटर में आमने सामने की भिड़ंत- दो लोगों की मौत

खतौली। चौधरी चरण सिंह गंग नहर कांवड़ पटरी मार्ग पर हुए एक बड़े हादसे में ओवरलोड ट्रैक्टर ट्रॉली एवं कैंटर के बीच हुई आमने-सामने की टक्कर में दो लोगों की मौत हो गई है। दिन निकलते ही हुए इस हादसे में जख्मी हुए आधा दर्जन लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसे से काफी समय तक अफरा- तफरी बनी रही। गंग नहर पटरी मार्ग पर पुलिस ने दुर्घटनाग्रस्त हुए वाहनों को मौके से हटवा कर रास्ते को सुचारू कराया है।

सोमवार को जनपद मेरठ के रहने वाले कुछ लोग अपनी ट्रैक्टर ट्राली में मैली लादकर नगर के किनारे से होकर बह रही गंग नहर के रास्ते सरधना की तरफ जा रहे थे। इसी दौरान सामने से आ रहे कैंटर के साथ ट्रैक्टर ट्राली की आमने-सामने की भिड़ंत हो गई। हादसा होते ही जोरदार धमाका हुआ और उसकी आवाज को सुनकर आसपास के खेतों में काम कर रहे लोगों के अलावा राहगीर मौके पर पहुंचे।


जहां के नजारे को देखकर लोगों की आंखें दंग रह गई। क्योंकि टक्कर के बाद ट्रैक्टर ट्राली में सवार लोग बुरी तरह से जख्मी हो चुके थे। राहगीरों द्वारा तुरंत पुलिस को मामले की जानकारी दी गई। सूचना पाते ही घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने हादसे में घायल हुए लोगों को अस्पताल भिजवाया, जिनमें से शादाब पुत्र टोनी निवासी ग्राम खिवाई थाना सरूरपुर जिला मेरठ तथा तैमूर पुत्र बाबू निवासी ग्राम खिवाई थाना सरूरपुर मेरठ को मृत घोषित कर दिया।

बाकी बचे लोगों में शामिल मोहम्मद सलमान पुत्र शौकीन निवासी ग्राम केवी थाना सरूरपुर मेरठ मेराज पुत्र गुलफाम निवासी ग्राम कवि जिला मेरठ आबिद पुत्र ताहिर ग्राम जोला थाना बुढ़ाना मुजफ्फरनगर तथा हामिद पुत्र यामीन निवासी ग्राम जोला थाना बुढ़ाना मुजफ्फरनगर का अभी हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। पुलिस ने दोनों मृतकों के शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिए हैं। पुलिस ने दुर्घटनाग्रस्त हुए दोनों वाहनों को सड़क से हटवाते हुए यातायात व्यवस्था को सामान्य कराया है।

उल्लेखनीय है कि सरधना क्षेत्र में अनेक ट्रैक्टर ट्रोलियां गुड बनाने के कोल्हूओं से निकलने वाली मैली का इस्तेमाल पशुओं को खिलाने में कर रहे हैं। जिसके चलते इलाके में लगे कोल्हूओं पर पहुंचकर मैली का कारोबार करने वाले लोग वहां से मैली खरीद कर सरधना इलाके में ले जाते हैं। जहां इस मैली की पशुपालकों को बिक्री करते हुए आमदनी का इंतजाम किया जाता है।

ट्रैक्टर ट्राली में मैली इतनी भारी मात्रा में लादी जाती है कि सड़क पर चलते समय ट्रैक्टर के अगले पहिए भी ऊपर उठ जाते हैं और ट्राली में भारी यह मैली रास्ते में गिरती चली जाती है। जिससे जरा सी बरसात होते ही सड़कों पर दलदल का आलम बन जाता है।

रिपोर्ट- बिलाल अख्तर

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