गुजरात का माॅडल जाएगा बंगाल

गुजरात का माॅडल जाएगा बंगाल

गांधीनगर। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस बार कमर कस ली है कि वामपंथियों का दूसरा गढ़ अपने कब्जे में करना है। सबसे पहले भाजपा ने त्रिपुरा पर कब्जा जमाया। लगभग तीन दशक से जमी माणिक सरकार की सत्ता को उखाड़ फेंका। अब पश्चिम बंगाल पर निशाना है। वहां भले ही तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी की सरकार है लेकिन उसे वामपंथियों का ही गढ़ कहा जाता है। भाजपा के बाद वामपंथी ही हैं जो कैडर बनाकर काम करते हैं। ममता बनर्जी ने भी उसी रास्ते को अपनाया था। अब भगवा कैडर बनाम लाल कैडर का सामना हो रहा है। भाजपा ने वहां वादा किया है कि गुजरात का माॅडल लागू किया जाएगा। इस पर तरह-तरह की बयानबाजी आने लगीं तो गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने ही बताया कि गुजरात का माॅडल क्या है? गुजरात का माॅडल देश भर में सबसे ज्यादा निवेश जुटाने का है और जब निवेश होगा तो लोगों को नौकरी भी मिलेगी और बेरोजगारी दूर होगी। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पश्चिम बंगाल में गुजरात माॅडल लागू करने की बात कही है।

गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी बताते हैं कि अप्रैल से सितम्बर 2020 तक गुजरात में 119566 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आया है। इसके विपरीत पश्चिम बंगाल में सिर्फ 1985 करोड़ का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त हुआ है। अधिकतम निवेश जुटाने वालों में कर्नाटक और महाराष्ट्र भी शामिल हैं जहां क्रमशः 27458 और 27143 करोड़ रुपए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आया। दिल्ली को 19863 करोड़ तमिलनाडु को 7062 करोड़, झारखण्ड को 5990 करोड़, हरियाणा को 5111 करोड़, तेलंगाना को 5045 करोड़ और उत्तर प्रदेश को 1680 करोड़ रूपये प्रत्यक्ष विदेश निवेश प्राप्त हुआ है। अन्य राज्यों में भी थोड़ा-बहुत विदेशी निवेश आया है। कोरोना जैसी महामारी के दौर में आर्थिक गतिविधियां पंगु हो गयीं। इसके बावजूद गुजरात में सर्वाधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का आना यही दर्शाता है कि यह राज्य सही मायने में व्यापार के अनुकूल राज्य है। भारत में 2019 में प्रस्तावित निवेश में जहां 48 फीसद की वृद्धि देखी गयी तो वहीं गुजरात में पिछले वर्ष की तुलना में 333 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गयी है। इंण्डस्ट्रीज के वार्षिक सर्वेक्षण के अनुसार भारत के कुल आउटपुट में से 17.5 प्रतिशत आउटपुट के साथ गुजरात देश के सबसे पहले स्थान पर है। देश में होने वाले निर्यात में भी गुजरात आगे रहा है। इसी वर्ष अप्रैल से सितंबर के बीच गुजरात से 23 फीसद से ज्यादा निर्यात किया गया है। गुजरात के बंदरगाह भारत के 40 फीसद कार्गो को हैंडल करते हैं।

इस प्रकार कोरोना जैसी महामारी के दौरान भी गुजरात ने विकास के क्षेत्र में लम्बी छलांग लगायी है। देश में आये कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का 53 फीसद हिस्सा लेकर गुजरात ने यह साबित कर दिया कि आपदा में भी अवसर तलाशा जा सकता है। इसके लिए मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल का निश्चित रूप से बड़ा योगदान है। गुजरात में औद्योगिक नीति-2020 ने विदेशी निवेश को आकर्षित करने में बड़ी भूमिका बनायी है। इन्क्रीमेंटल बेनिफिट्स के साथ 15 थ्रस्ट सेक्टर्स बनाये गये जहां निवेश ज्यादा हुआ है। राज्य आधारित जीएसटी से इन्सेटिव्स को लिंक करने वाला गुजरात पहला राज्य बना। फिक्स्ड कैपिटल इन्वेस्टमेंट में 12 फीसद की कैपिटल सब्सिडी दी गयी है। सबसे बड़ा काम यह हुआ कि कोरोना वायरस के चलते दूसरे देशों से जो उद्योग पलायन कर रहे थे, उनको गुजरात में लोकेशन देखकर इन्सेंटिव दिया गया और सरकारी जमीन को लम्बी अवधि के लिए लीज पर देकर उनका विश्वास अर्जित किया गया। उद्योग की स्थापना में मेगा आनलाइन परमीशन और सेंट्रल इन्स्पेक्शन से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का आकर्षण गुजरात के प्रति पैदा हुआ है।

भाजपा इसी गुजरात माॅडल को अब पश्चिम बंगाल में लागू करना चाहती है। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता एक समय में उद्योग धंधों की गढ़ थीं। देश भर से कमाने के लिए लोग कोलकाता आते थे। अंग्रेजों ने रेलवे लाइन की शुरूआत भी यहीं से की थी और फैक्ट्रियों की चिमनियां दिनरात धधकती रहती थी। वामपंथियों ने यहां के लाखों मजदूरों को धन और धरती बंट के रहेगी का विप्लवी मंत्र रटा दिया। नतीजा यह कि मजदूरों की हड़ताल और धमकी से उद्योग पतियों ने अपने काम बंद कर दिये। मजदूर सड़क पर आ गये। कोलकाता ही एक ऐसा शहर है जहां हाथ से रिक्शा चलाया जाता है। भाजपा अब कहती है कि वह कोलकाता समेत पूरे राज्य की शक्ल-सूरत बदल देगी यहां पर आधुनिक स्तर के उद्योग लगेंगे जैसे गुजरात में लग रहे हैं।

इसी वर्ष दुर्गा पूजा के अवसर पर दुर्गा पूजा पंडाल का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि आत्मनिर्भर भारत का संदेश भी पश्चिम बंगाल से ही सफल होगा। उन्होंने कहा था कि पश्चिम बंगाल के तेज विकास के लिए निरंतर काम किया जा रहा है। पश्चिम बंगाल में पीएम आवास के तहत 30 लाख घर बनाए जा चुके हैं। उज्ज्वला योजना के तहत 90 लाख महिलाओं को गैस कनेक्शन दिये गये। प्रधानमंत्री ने बताया था कि अब तक पश्चिम बंगाल में 4 करोड़ बैंक खाते खोले गये हैं। कोलकाता में मेट्रो प्रोजेक्ट में तेजी लायी गयी है। मोदी ने कहा था कि केन्द्र सरकार पूर्वोत्तर भारत के राज्यों के विकास में तेजी लाना चाहती है लेकिन कुछ राज्य सरकारें अपेक्षित सहयोग नहीं कर रही हैं। उन्होंने पश्चिम बंगाल के महत्व को दर्शाते हुए कहा कि पूर्वोत्तर भारत के विकास का केन्द्र पश्चिम बंगाल बन सकता है।

इसी संदर्भ में अब पश्चिम बंगाल में गुजरात माॅडल को लागू करने की बात कही जा रही है। वामपंथी दलों और तृणमूल कांग्रेस की तरफ से गुजरात माॅडल को 2002 के दंगों वाला गुजरात माॅडल बताया जा रहा है लेकिन भाजपा ने विजय रूपाणी के गुजरात का माॅडल पेश किया है जो तेजी से औद्योगिक विकास कर रहा है। पश्चिम बंगाल की जनता भी इसकी जरूरत महसूस कर रही है। (हिफी)

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