अंतर्राज्यीय बैरियर पर अवैध वसूली के मामले की जांच करगी गठित कमेटी

अंतर्राज्यीय बैरियर पर अवैध वसूली के मामले की जांच करगी गठित कमेटी

भोपाल। मध्यप्रदेश में अन्य राज्यों की सीमा पर विभिन्न स्थानों पर स्थापित अंतर्राज्यीय बैरियर (चेक पोस्ट) पर ट्रक और अन्य वाहनों से अवैध वसूली के आरोपों के बीच ट्रांसपोर्टर्स और परिवहन विभाग के बीच हुयी महत्वपूर्ण बैठक के बाद एक उच्च स्तरीय समिति गठित की गयी है, जो मुख्य रूप से इसके विकल्पों पर विचार कर अपनी रिपाेर्ट पेश करेगी।

परिवहन विभाग के अनुसार गुरुवार को यहां ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के प्रतिनिधि मंडल के साथ बैठक हुयी। इसमें परिवहन विभाग के मंत्री गोविंद राजपूत और विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। चर्चा के दौरान चेक पोस्ट बंद करने के संबंध में निर्णय लिया गया कि अतिरिक्त परिवहन आयुक्त (प्रवर्तन) की अध्यक्षता में एक कमेटी बनायी जाए, जो तीन माह में परिवहन चेक पोस्ट के स्थान पर अन्य राज्यों के द्वारा अपनायी गयी प्रक्रिया का अध्ययन और परीक्षण कर वैकल्पिक व्यवस्था के संबंध में अपनी रिपोर्ट देगी। कमेटी चेक पोस्ट बंद करने पर प्रदेश पर पड़ने वाले अतिरिक्त वित्तीय भार आदि के संबंध में भी अपना मत देगी। इस बीच इंदौर ट्रक ऑपरेटर्स और ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सी एल मुकाती ने आज यूनीवार्ता को दूरभाष पर बताया कि कल की बैठक के बाद चेक पोस्ट पर ''अवैध वसूली'' के विरोध में होने वाला आंदोलन फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि बैठक में तय किया गया है कि चेक पोस्ट पर ''अवैध वसूली'' अब नहीं होगी और तीन माह में चेक पोस्ट बंद करने के संबंध में कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि राज्य में परिवहन विभाग के लगभग 40 चेक पोस्ट हैं, जिनमें से 19 ''इंटीग्रेटेड चेक पाेस्ट'' भी शामिल हैं।

मुकाती ने कहा कि इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट पर आधुनिक उपकरण जैसे सीसीटीवी कैमरे, ट्रक और अन्य वाहनों का वजन करने वाली मशीन और स्कैनर आदि लगे होते हैं। इनकी मदद से वाहनों की जल्दी ही जांच कर ली जाती है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि लेकिन इन चेक पोस्ट पर भी ट्रक और अन्य वाहनों से अवैध वसूली परिवहन विभाग और उनके द्वारा तैनात ''लोगों'' द्वारा की जाती है। उनका आरोप है कि सभी चेक पोस्ट पर वर्तमान में ट्रक, ट्राले और अन्य वाहनों से न्यूनतम पांच सौ रुपए से लेकर तीन से चार हजार रुपए तक वसूल किए जाते हैं। इस तरह 200 से 250 करोड़ रुपयों की अवैध रूप से वसूली प्रतिमाह की जाती है। मुकाती का कहना है कि हाल के वर्षों में जीएसटी लागू होने, सभी व्यवस्थाएं ऑनलाइन होने और आधुनिक उपकरणों के उपयोग के कारण इन चेक पोस्ट की कोई उपयोगिता नहीं रह गयी है और केंद्र सरकार ने भी इन्हें बंद करने के लिए कहा है, लेकिन मध्यप्रदेश में इन चेक पोस्ट को बंद नहीं किया गया है। इसी के विरोध में आज यानी 16 दिसंबर को ट्रांसपोर्टर्स ने आंदोलन की चेतावनी दी थी, लेकिन परिवहन विभाग ने एक दिन पहले बैठक बुलायी और एक कमेटी गठित कर दी। उन्होंने कहा कि यदि अब भी अवैध वसूली नहीं राेकी गयी, तो आंदोलन किया जाएगा। इस बीच परिवहन मंत्री राजपूत ने दूरभाष पर यूनीवार्ता से कहा कि चेक पोस्ट पर अवैध वसूली संबंधी आरोप निराधार हैं। पोस्ट पर विधिवत जांच होती है और कमियां मिलने की स्थिति में नियमानुसार कार्रवाई की जाती है। उन्होंने कहा कि व्यवस्था बदलने के संबंध में अतिरिक्त परिवहन आयुक्त की अध्यक्षता में कमेटी बनायी गयी है और वह विभिन्न राज्यों के मॉडल का भी अध्ययन करेगी। उसकी रिपोर्ट और गुणदोष के आधार पर वैकल्पिक व्यवस्था के बारे में विचार किया जाएगा। परिवहन विभाग के अनुसार मध्यप्रदेश में विभिन्न राज्यों की सीमा पर 40 से अधिक चेक पोस्ट हैं। यहां पर अन्य राज्यों से ट्रक, ट्राले और अन्य वाहनों के प्रवेश करते समय और राज्य के बाहर जाते समय उनकी जांच की जाती है। चेक पोस्ट की व्यवस्थाएं इसी वर्ष जुलाई माह में उस समय भी चर्चा में आयी थीं, जब केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी ने राज्य के मुख्य सचिव के नाम एक पत्र लिखकर चेक पोस्ट की कार्यप्रणाली और व्यवस्थाओं पर सवाल उठाए थे। श्री गड़करी ने नागपुर के एक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता द्वारा मध्यप्रदेश में चेक पोस्ट पर कथित गड़बड़ियों संबंधित मामले उनके संज्ञान में लाए जाने पर मुख्य सचिव को पत्र लिखा था। इसकी प्रतिलिपि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री को भी भेजी गयी थी। गड़करी ने कहा था कि इस संबंध में उचित कार्रवाई की जाए।

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