फिर गर्म होगा किसान आंदोलन-24 जून को सहारनपुर से ट्रैक्टर यात्रा

फिर गर्म होगा किसान आंदोलन-24 जून को सहारनपुर से ट्रैक्टर यात्रा

मुजफ्फरनगर। नये कृषि कानूनों को रदद किये जाने की मांग को लेकर दिल्ली के बॉर्डरों पर चल रहे किसान आंदोलन को एक बार फिर से गर्माने के लिये भाकियू ने किसानों को साथ लेकर 24 जून को सहारनपुर से लेकर गाजीपुर बॉर्डर तक ट्रैक्टर यात्रा निकालने का ऐलान किया है। जिससे सरकार पर तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए दबाव बनाया जा सके।

रविवार को भारतीय किसान यूनियन के महावीर चौक स्थित कार्यालय पर आयोजित की गई बैठक में नए कृषि कानूनों के विरोध में राजधानी दिल्ली के गाजीपुर, टीकरी और सिंघु बॉर्डर पर चलाए जा रहे किसान आंदोलन की स्थित की समीक्षा की गई। जिला अध्यक्ष धीरज लाटियान की अध्यक्षता में आयोजित की गई बैठक में शामिल हुए भाकियू पदाधिकारियों व जनपद भर के विभिन्न गांवों से आये किसानों ने काफी समय तक गंभीरता के साथ किसान आंदोलन की मौजूदा स्थिति और सरकार के इरादों पर विचार विमर्श किया।

इस दौरान किसान आंदोलन को गति देने के लिए रणनीति तैयार की गई। काफी विचार विमर्श के बाद आगामी 24 मार्च को ट्रैक्टर यात्रा निकालने का निर्णय लिया गया। भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष धीरज लाटियान ने बताया है कि आगामी 24 जून को पड़ौसी जनपद सहारनपुर से गाजीपुर बॉर्डर तक किसान ट्रैक्टर यात्रा निकाली जाएगी।

इस यात्रा में जनपद मुजफ्फरनगर के भी हजारों किसान ट्रैक्टरों पर सवार होकर मेरठ के टोल प्लाजा पर पहुंचेंगे। जहां एक रात रुककर किसानों की यह यात्रा अगले दिन 25 जून को गाजीपुर बॉर्डर के लिए कूच करेगी। गौरतलब है कि केंद्र सरकार की ओर से लाए गए तीन कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की मांग करते हुए देशभर के किसान राजधानी दिल्ली के गाजीपुर, टीकरी और सिंघु बॉर्डर पर आंदोलन चलाते हुए धरना दे रहे हैं। राजधानी के बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन को आरंभ हुए लगभग 6 माह से भी अधिक का समय हो चुका है। लेकिन अभी तक इसका कोई समाधान नही निकल सका है। हालाकि इस दौरान आंदोलन चला रहे किसान संगठनों की कई बार केंद्र सरकार के साथ बातचीत हो चुकी है। केंद्रीय कृषि मंत्री कई अन्य मंत्रियों के साथ हुई किसानों की बैठक का अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल सका है। हालांकि किसान संगठनों की ओर से सरकार को बैठक का न्योता भी भेजा गया है। लेकिन सरकार की ओर से इस बाबत अभी कोई जवाब नहीं मिला है। जिसके चलते भाकियू व किसानों की ओर से अब किसान आंदोलन को दोबारा से गरमाने के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं।

epmty
epmty
Top