संसद में किसान आंदोलन-अंदर मानसून सत्र-बाहर किसानों का प्रदर्शन

संसद में किसान आंदोलन-अंदर मानसून सत्र-बाहर किसानों का प्रदर्शन

नई दिल्ली। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने नए कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन को अब संसद ले जाने की बात कही है। उन्होंने कहा है 19 जुलाई से शुरू हो रहे मानसून सत्र के दौरान किसान संसद में अपना विरोध प्रदर्शन करेंगे।

बुधवार को एक न्यूज़ एजेंसी से भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बातचीत करते हुए कहा है कि हम संसद की ओर बस के माध्यम से 200 लोग लेकर जाएंगे। जिसका हम किराया देंगे। सदन के भीतर जब संसदीय कार्यवाही चल रही होगी। उस समय हम संसद के बाहर बैठकर प्रदर्शन करेंगे। यह विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण होगा। आज हमारी एक बैठक होगी और उसमें इस बाबत रणनीति बनाई जाएगी। देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर गाजीपुर, टीकरी और सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से कहा गया है कि हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक के किसान और जो नेता दिल्ली की सीमाओं पर नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं।

वह संसद के बाहर विधिवत और शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन प्रदर्शन में अपनी हिस्सेदारी करेंगे। मोर्चा की ओर से गैर एनडीए सांसदों का आह्वान करते हुए कहा गया है कि 17 जुलाई को उनके कार्यालय अथवा सरकारी आवासों के लिए पत्र जारी किए जाएंगे। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि गैर एनडीए दलों के सांसद सदन के भीतर किसानों के मुद्दों को प्रमुखता के साथ उठाएं। मोर्चा ने कहा है कि यदि विपक्षी दल किसानों को समर्थन देने के प्रति गंभीर हैं तो उन्हें केंद्र सरकार के खिलाफ किसानों की बात को लेकर आवाज उठानी चाहिए। जिनके लिए किसान पिछले 7 महीनों से राजधानी की सड़कों पर पडे हुए रहकर आंदोलन कर रहे हैं।

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