निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची में नाम शामिल करने के आवेदन की तिथि 10 दिन बढ़ाई

निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची में नाम शामिल करने के आवेदन की तिथि 10 दिन बढ़ाई

रायपुर। निर्वाचन आयोग ने छत्तीसगढ़ में राजनीतिक दलों की मांग पर मतदाता सूची में नाम शामिल करने के लिए आवेदन करने की तिथि को 31 अगस्त से बढाकर 11 सितम्बर करते हुए कहा कि राज्य में मतदाता सूचियों का अन्तिम प्रकाशन 04 अक्टूबर को होगा।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने चुनाव आयुक्त अनूपचन्द्र पांडेय एवं अरूण गोयल के साथ विधानसभा चुनावों की तैयारियों की राज्य के तीन दिवसीय दौरे में समीक्षा के उपरान्त आज यहां प्रेस कान्फ्रेंस में यह घोषणा की।उन्होने कहा कि किसी भी मतदाता का नाम स्वतः मतदाता सूची से नही हटाने के निर्देश दिए गए हैं।मतदाता सूची में नाम हटाने के लिए फार्म 7 भरना आवश्यक होगा।इसकी मौके पर जाकर पुष्टि भी करनी होगी। उन्होने कहा कि अगर किसी विधानसभा क्षेत्र में दो प्रतिशत से अधिक नाम हटाने के मामले आते है तो निर्वाचन अधिकारी को इसका सत्यापन करवाना होगा।

उन्होने कहा कि चुनाव आयोग राज्य के पांच संरक्षित जनजातियों के नाम मतदाता सूची में दर्ज करवाने के काम को प्राथमिकता से जहां कर रहा है,वहीं नव विवाहित महिलाओं को का नाम भी सूची में दर्ज करवाने पर विशेष ध्यान दे रहा है।उन्होने कहा कि मतदाता सूची के पुनरीक्षण में चार लाख 43 हजार नए मतदाता जुड़े है जिसमें 60 हजार मतदाता 18 से 19 वर्ष के है जोकि पहली बार मतदान में हिस्सा लेंगे। कुमार ने बताया कि राज्य में कुल 24109 मतदान केन्द्र बनाए जा रहे है जिसमें औसत 815 मतदाता हैं। इनमें से 900 मतदान केन्द्रों की पूरी व्यवस्था महिलाओं के जिसमें होंगी,जबकि 90 मतदान केन्द्रों की पूरी व्यवस्था युवा संभालेंगे।राज्य में कुल 450 माडल मतदान केन्द्र बनाए जायेंगे।सभी मतदान केन्द्रों पर टायलेट,पेयजल,रैम्प,व्हील चेयर और आवश्यक रोशनी की व्यवस्था के निर्देश दिए गए है।उन्होने बताया कि राज्य में 112 मतदान केन्द्र दूरदराज के क्षेत्रों में हैं जहां पर्वहन की कोई व्यवस्था नही है।

उन्होने बताया कि 80 वर्ष से अधिक के मतदाता और 40 प्रतिशत से अधिक विकलांग मतदाताओं को अगर वह चाहेंगे तो घर पर मतदान करने की सुविधा उपलब्ध करवाई जायेंगी। उन्हे इसके लिए नामांकन प्रकिया पूरी होने के पांच दिन बाद फार्म 12डी भरकर देना होगा।उन्होने बताया कि इस प्रयोग का कुछ राज्यों में अच्छा असर हुआ है हालांकि यह भी देखा गया हैं कि जो चलने फिरने में सक्षम मतदाता हैं,वह मतदान केन्द्र पर आकर ही मतदान करना चाहते है।

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