अडानी सीमेंट के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग

अडानी सीमेंट के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग

शिमला। अखिल भारतीय मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने अदानी समूह द्वारा हिमाचल प्रदेश के सोलन जिला के दादलाघाट और बिलासपुर जिले के बरमाना में सीमेंट कारखानों के अचानक बंद होने के बाद सात हजार ट्रक संचालकों के आंदोलन को अपना समर्थन देने की घोषणा की है और इसी दौरान, उऩ्होंने कानून के आपातकालीन प्रावधानों के तहत अडानी सीमेंट के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है।

ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के अध्यक्ष कुलतार सिंह अटवाल द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में बताया कि अडाणी प्रबंधन अपना मुनाफा बढ़ाने के लिए संचालकों का शोषण करने का प्रयास कर रहे हैं और उनके प्रति अड़ियल रवैया अपना रहे हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य में अचानक फैक्ट्रियां बंद होने से यहां के करीब एक लाख परिवार प्रभावित हुए हैं। अटवाल ने कहा कि माल ढुलाई की जो दरें 20 साल पहले लागू थीं, वे आज भी उतनी ही हैं। 15 साल पहले डीजल के दाम बहुत कम थे, जो आज 90 रुपये लीटर पर पहुंच गए हैं। पहले टोल टैक्स नहीं होता था, अब नेशनल परमिट वाले ऑपरेटर सालाना चार लाख रुपये से ज्यादा टोल टैक्स चुकाते हैं। पहले टायरों का आयात चीन से होता था लेकिन इस आयात पर एंटी डंपिंग ड्यूटी लगा दी गई है और टायरों के दाम दोगुने हो गए हैं। उन्होंने कहा कि बीमा में कई गुना वृद्धि हुई है। ऐसे में माल ढुलाई शुल्क में बढ़ोतरी होनी चाहिए। अडानी प्रबंधन को भाड़े के मुद्दे पर बातचीत के लिए ट्रक संचालकों को बुलाना चाहिए था। वह सरकार और अन्य हितधारकों को भी शामिल कर सकता है। लेकिन उन्होंने मनमौजी रवैया अपनाते हुए फैक्ट्रियों को बंद करा दिया।

उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से ट्रक संचालकों व अन्य प्रभावित लोगों को पैकेज देने की मांग करते हुए कहा कि परिचालकों की रोजी-रोटी मुश्किल हो गई है। क्या ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस इन ऑपरेटरों के साथ सहयोग करेगी। अटवाल ने कहा कि वह सहयोग जरूर करेंगे, लेकिन देश की अर्थव्यवस्था पहले से ही कमजोर है, ऐसे में सभी को सोच समझकर काम करना होगा। देश भर के करोड़ों ट्रक ऑपरेटर ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस से जुड़े हुए हैं। उन्होंने आज के "चक्का जाम" आह्वान का भी समर्थन किया था लेकिन हिमाचल के ट्रक संचालकों ने चक्का आह्वान स्थगित कर दिया है।

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