लापरवाही से मरीज की मौत- अस्पताल पर 1.50 करोड का जुर्माना

लखनऊ। इलाज के लिए भर्ती कराए गए मरीज की ट्रीटमेंट के दौरान हुई मौत में बरती गई लापरवाही अस्पताल प्रबंधन के लिए इस कदर भारी पड़ गई कि अब अस्पताल प्रबंधन को मृतक की पत्नी को एक करोड़ 50 लाख रुपए देने होंगे। समय पर यह धनराशि नहीं दिए जाने पर 12 प्रतिशत का अतिरिक्त ब्याज जुर्माने की राशि के साथ अदा करना होगा। दरअसल राजधानी लखनऊ के न्यू हैदराबाद की रहने वाली जीनत जमाल सिद्दीकी की ओर से राज्य उपभोक्ता आयोग के पास इस बात की शिकायत की गई थी कि उसने अपने पति स्वर्गीय अशरफ जमाल सिद्दीकी पूर्व न्यायाधीश जिला उपभोक्ता आयोग प्रथम लखनऊ को स्वास्थ्य खराब होने पर वर्ष 2010 की 27 अप्रैल को सहारा अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया था।
जिस समय मरीज को भर्ती कराया गया था तो मरीज के शरीर के सभी अंग अच्छी तरह से काम कर रहे थे, लेकिन इलाज के दौरान मरीज की तबीयत में सुधार होने के बजाय उसकी लगातार हालत बिगड़ती रही। अस्पताल के चिकित्सकों ने वर्ष 2010 की 5 मई को हालत नाजुक होने पर मरीज को वेंटीलेटर पर रख दिया। इस दौरान बिना जरूरत के भी मरीज को खून चढ़ाया गया और इतना ही नहीं मरीज के होश में आने के बावजूद परिवार के लोगों को उससे नहीं मिलने दिया गया। वर्ष 2010 की 17 मई को डॉक्टर सुनील वर्मा ने मरीज की डायलिसिस करने की जरूरत बताई। डायलेसिस के बाद भी तबीयत में सुधार नहीं होने पर मरीज को डॉक्टरों द्वारा पीजीआई के लिए रेफर कर दिया गया। उसी दिन मरीज की मौत हो गई।
पीड़ित के वकील का कहना है कि मृतक की पत्नी की ओर से वर्ष 2010 की 13 नवंबर को अस्पताल प्रशासन को एक नोटिस भेजा गया था। लेकिन अस्पताल की ओर से उसका कोई जवाब नहीं दिया गया। तब राज्य उपभोक्ता आयोग में अस्पताल के खिलाफ परिवाद दाखिल किया गया राज्य आयोग के पीठासीन न्यायाधीश राजेंद्र सिंह एवं सदस्य विकास सक्सेना ने इस मामले की सुनवाई करते हुए अस्पताल से इलाज से संबंधित मरीज की हिस्ट्रीशीट मंगवाई। अवलोकन करने पर पता चला कि रोगी को कैल्सिगो 120एमजी का इंजेक्शन 8 दिन देने की बात लिखी गई है। यह इंजेक्शन मलेरिया में दिया जाता है और वह भी उस समय जब मलेरिया काफी तीव्र होता है। आयोग ने इसके अलावा इलाज में कई अन्य लापरवाही की बात मानते हुए मृतक की पत्नी को एक करोड़ 50 लाख रुपए देने का आदेश दिया है। समय से नहीं चुकाने पर 12 प्र्रतिशत ब्याज के साथ यह धनराशि देनी होगी।