टूटा सब्र का बांध- बहन की डिग्री के लिए भाई का अर्धनग्न प्रदर्शन

टूटा सब्र का बांध- बहन की डिग्री के लिए भाई का अर्धनग्न प्रदर्शन

गोरखपुर। यूनिवर्सिटी के अफसरों एवं बाबूओं द्वारा लगातार दी जा रही मीठी गोली के चलते भाई के सब्र का जब बांध टूट गया तो वह अर्धनग्न होकर परीक्षा नियंत्रक के दफ्तर के सामने धरना देकर बैठ गया। युवक के अर्धनग्न होकर धरने पर बैठते ही यूनिवर्सिटी प्रबंधन में हड़कंप मच गया। यूनिवर्सिटी की टरकाऊ नीति से परेशान अन्य छात्रों का साथ मिल जाने के बाद मची गहमागहमी के बीच घंटे भर के भीतर अर्धनग्न प्रदर्शन करने को बैठे युवक की समस्या का समाधान कर दिया गया।

दरअसल बेलघाट क्षेत्र के बडहा के रहने वाले शांतनु यादव की बहन सरिता यादव ने वर्ष 2010 में हरिसहाय पीजी कॉलेज से स्नातक किया था। हाल ही में बिहार सरकार की ओर से निकल गई शिक्षक भर्ती में जब सरिता यादव का चयन हो गया तो उसे स्नातक डिग्री की जरूरत पड़ी।जिसके चलते सरिता यादव ने 1 नवंबर को यूनिवर्सिटी में डिग्री प्राप्ति के लिए आवेदन किया। बहन की डिग्री हासिल करने के लिए इस समय से शांतनु यादव यूनिवर्सिटी के प्रशासनिक दफ्तर के चक्कर लगा रहा था। परीक्षा नियंत्रक एवं मुख्य नियंता समेत अन्य जिम्मेदार विभागों के सामने प्रस्तुत होकर गुहार लगा चुका शांतनु यादव जब आवेदन करने के 48 वे दिन सोमवार को डिग्री के लिए यूनिवर्सिटी में पहुंचा तो उसे अगले हफ्ते आने की बात कहकर फिर से टरका दिया गया। यूनिवर्सिटी के बाबूओं की कारगुजारी की वजह से बहन का भविष्य अंधकारमय हो जाने से परेशान हुए शांतनु यादव ने अपने कपड़े उतार दिए और अर्धनग्न अवस्था में परीक्षा नियंत्रक के दफ्तर के बाहर धरना देकर बैठ गया।

इस दौरान महीनों से डिग्री के लिए यूनिवर्सिटी के चक्कर लगा रहे अन्य दर्जनों अभ्यर्थी भी उसके समर्थन में लामबंद होते हुए धरने पर बैठ गए।इसी दौरान शांतनु यादव को पता चला कि प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा एमपी अग्रवाल कमेटी हाल में मीटिंग लेने के लिए आ रहे हैं। तुरंत वह कमेटी हाल के पास पहुंच गया, लेकिन कमेटी हाल के पास से उसे अलग कर दिया गया। वहां परीक्षा नियंत्रक डॉक्टर कुलदीप सिंह आदि अधिकारी उससे अर्धनग्न प्रदर्शन समाप्त करने की गुहार लगाते रहे लेकिन शांतनु यादव ने साफ तौर पर कह दिया कि वह बहन की डिग्री लिए बगैर कपड़े नहीं पहनेंगा। इसके बाद मौके पर पहुंचे मुख्य नियंता प्रोफेसर सतीश चंद्र पांडे ने उसे 1 घंटे में डिग्री उपलब्ध कराने का आश्वासन देते हुए शांत कराया। मुख्य नियंता ने संबंधित अधिकारियों को भी छात्रों का मामला लटकाए कर रखने के लिए जमकर फटकार लगाई।



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