राजभवन की तरफ बढ़ा किसानों का हुजूम-शहर को किया छावनी में तब्दील

राजभवन की तरफ बढ़ा किसानों का हुजूम-शहर को किया छावनी में तब्दील

नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के विरोध में चलाए जा रहे किसान आंदोलन के 7 माह पूरे होने पर देशभर में संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से मनाए जा रहे खेती बचाओ-लोकतंत्र बचाओ दिवस के चलते भारी संख्या में किसान हरियाणा में राजभवन की तरफ मार्च कर रहे हैं।

शनिवार को नए कृषि कानूनों के विरोध में देशभर में चलाए जा रहे किसान आंदोलन के साथ्त माह पूरे होने पर संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वाधान में खेती बचाओ-लोकतंत्र बचाओ दिवस मनाया जा रहा है। नए कृषि कानूनों के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए भारी संख्या में किसान हरियाणा के पंचकुला में राजभवन की तरफ मार्च करते हुए आगे बढ़ रहे हैं। स्थिति को देखते हुए सड़कों पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात की गई है।

पूरे पंचकूला शहर को पुलिस छावनी में तब्दील करते हुए सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किये गए हैं। उधर हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने किसानों के खेती बचाओ-लोकतंत्र बचाओ दिवस पर करारा तंज कसते हुए कहा है कि किसान सात माह से राजधानी के बाॅर्डरों पर बैठे हुए हैं। सरकार की ओर से सुनवाई न होने पर अब वह निराश हो गए है। इसलिए किसान आंदोलन को जिंदा रखने के लिए उनके नेता रोज एक नया कार्यक्रम बनाने को मजबूर हो गए हैं। आज किसान संगठनों की तरफ से राजभवन में ज्ञापन देने की बात कहीं गई है। ऐसा तो होता ही रहता है।

किसानों के खेती बचाओ-लोकतंत्र बचाओ दिवस पर निकाले जा रहे मार्च को लेकर पंचकूला के डीजीपी मोहित हांडा ने कहा है कि हमारे पास किसी भी हालात से निपटने के लिए पर्याप्त संख्या में पुलिस बल है। हम हर तरह की स्थिति से निपटने के लिए शांति से कोशिश करेंगे। हमें उम्मीद है कि किसान संगठन आज के सभी कार्यक्रम बिना किसी कानून व्यवस्था की स्थिति को आघात पहुंचाएं आयोजित करेंगे। गौरतलब है कि केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शनकारी किसान पिछले साल 26 नवंबर से दिल्ली और हरियाणा की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं। वे इन तीनों कानूनों को रद्द करने और फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी की गारंटी देने के लिए एक नया कानून लाने की मांग कर रहे हैं। इन विवादास्पद कानूनों पर बने गतिरोध को लेकर हुई किसानों और सरकार के बीच कई दौर की वार्ता बेनतीजा रही थी।

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