बिहार के युवराज को जन्मदिन का गिफ्ट

बिहार के युवराज को जन्मदिन का गिफ्ट

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव का नतीजा 10 नवंबर को सुनाया जाएगा। ईवीएम में कैद उम्मीदवारों का भाग्य सामने आने पर ही स्पष्ट रूप से कहा जा सकेगा कि बिहार के मतदाताओं ने राज्य की सत्ता किसको सौंपी है। तेजस्वी यादव का जन्मदिवस 9 नवम्बर को है। तेजस्वी 31 वर्ष के हो गये हैं। उससे पहले बिहार चुनाव के एग्जिट पोल के नतीजे आ गये। पिछले काफी समय से देखा जा रहा है कि एग्जिट पोल के नतीजे ही चुनाव के नतीजों में बदल जाते हैं। एग्जिट पोल में तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले महागठबंधन को बहुमत मिलता दिखाया गया है। यह बिहार की जनता की तरफ से गिफ्ट भी कहा जा सकता है। फिलहाल तेजस्वी को खुशी मनाने का अवसर तो है। इसलिए पार्टी ने निर्देश दिया है कि तेजस्वी हर साल जैसे अपना जन्मदिन मनाते हैं, इस बार भी वैसे ही मनाया जाएगा। हमारी भी शुभकामनाएं हैं।

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए हुए मतदान के बाद अब देशभर की नजरें 10 नवंबर को आने वाले नतीजों पर टिकी हैं। आखिरी चरण के मतदान के बाद आए एग्जिट पोल में महागठबंधन की जीत के अनुमानों को लेकर सियासी दलों के नेताओं की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं लेकिन इस बीच एग्जिट पोल के परिणामों के आधार पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने मतगणना के परिणामों के मद्देनजर तैयारियां शुरू कर दी हैं। बिहार चुनाव में आरजेडी की जीत की संभावनाओं को देखते हुए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कार्यकर्ताओं के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत कार्यकर्ताओं और पार्टी के उम्मीदवारों से कहा गया है कि जीत को लेकर न तो कोई जुलूस निकालना है और न ही पटाखे जलाने हैं। राजद प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कार्यकर्ताओं को सड़क पर पटाखे नहीं छोड़ना है और जुलूस भी नहीं निकालना है। जो भी जनादेश मिलेगा, वो जनता का जनादेश है। ऐसे में पार्टी के कोई भी नेता और कार्यकर्ता सड़क पर हुड़दंग नहीं मचाएंगे। पार्टी की आस्था लालू प्रसाद यादव में है और व्यवस्था की जिम्मेदारी तेजस्वी यादव को जनता देने जा रही है। इसलिए लालू यादव जब जेल से बाहर आएंगे, तभी पार्टी होली-दीवाली मनाएगी। पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए सोशल मीडिया हैंडल के जरिए ट्वीट कर ये निर्देश जारी कर दिए गये हैं। इसमें कहा गया है कि राजद के सभी कार्यकर्ता स्मरण रखें- 10 नवम्बर को चुनाव परिणाम कुछ भी हों उसे पूरे संयम, सादगी और शिष्टाचार से स्वीकारना है। अनुचित आतिशबाजी, हर्ष फायरिंग, प्रतिद्वंद्वियों अथवा उनके समर्थकों के साथ अशिष्ट व्यवहार इत्यादि किसी कीमत पर स्वीकार नहीं होगा।

बिहार विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल्स की मानें तो नीतीश कुमार के 15 साल के शासन पर ब्रेक लगने जा रहा है और तेजस्वी यादव की अगुआई में महागठबंधन की सरकार बनने जा रही है। कुछ एग्जिट पोल्स ने कांटे की टक्कर बताई है तो दो एग्जिट पोल्स में महागठबंधन को 150 से 180 सीटें मिलने की भविष्यवाणी की गई है। हालांकि, असली नतीजों के लिए 10 नवंबर का इंतजार करना होगा। वैसे 2015 विधानसभा चुनाव की बात करें तो एग्जिट पोल्स जनता का मूड भांपने में नाकाम रहे थे। उस समय एग्जिट पोल्स के आंकड़े चुनाव परिणाम वाले दिन दोपहर होते-होते पलट गए थे और बीजेपी कार्यालय में लड्डू बने रह गए। आतिशबाजी को बीच में ही बंद करना पड़ा था। हालांकि, बीजेपी इस बार दुआ मांग रही होगी कि एग्जिट पोल्स फेल हो जाएं। पिछले विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल्स की बात करें तो टुडेज चाणक्य ने एनडीए को 155 सीटें मिलने की भविष्यवाणी की थी और महागठबंधन के खाते में 83 सीटें दिखाई थीं। इंडिया टुडे ग्रुप और सिसेरो के एग्जिट पोल में एनडीए को 113-127 सीटें दी गई थीं तो महागठबंधन को 111-123 सीटें मिलने की बात कही थी। सी-वोटर ने महागठबंधन को 112 से 132 सीटें मिलने का अनुमान जाहिर किया था। हालांकि, एनडीए को भी 101 से 121 मिलने की भविष्यवाणी की थी। नील्सन ने महागठबंधन को 130 सीटें दी थीं, जबकि एनडीए के लिए 108 सीटों का अनुमान लगाया गया था। एग्जिट पोल से गदगद बीजेपी ने लड्डू बनवाने शुरू कर दिए थे तो कार्यकर्ताओं ने आतिशबाजी का इंतजाम कर लिया। मतगणना वाले दिन शुरुआती रुझानों में एग्जिट पोल सही होते दिखे तो बीजेपी कार्यकर्ताओं ने एक दूसरे का मुंह मीठा कराना शुरू कर दिया था और पार्टी कार्यालय के बाहर आतिशबाजी हो रही थी। इसी दौरान तेजी से आंकड़े भी पलटते गए और दोपहर होते-होते बीजेपी कार्यालय में सन्नाटा पसर गया तो महागठबंधन के कार्यकर्ता झूम उठे। महागठबंधन ने 178 सीटों पर जीत हासिल की तो एनडीए 58 सीटों पर सिमट गया, अन्य के खातों में 07 सीटें गईं।

इस बार के एग्जिट पोल्स की मानें तो बिहार में तेजस्वी यादव नीतीश कुमार से सत्ता छीनने जा रहे हैं। कुछ एग्जिट पोल्स में एनडीए और महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर होने की बात कही गई है तो कुछ में महागठबंधन को स्पष्ट बहुमत दिया गया है। हालांकि, सभी एग्जिट पोल्स में यह साफ दिख रहा है कि तेजस्वी इस चुनाव में सबसे आगे खड़े हैं। टाइम्स नाउ सी वोटर्स के मुताबिक एनडीए को 116 सीटों पर जीत मिल सकती हैं तो आरजेडी 120 सीटें हासिल कर सकती है। न्यूज 18 टुडेज चाणक्य के मुताबिक, एनडीए को महज 55 सीटों से संतोष करना पड़ेगा और महागठबंधन को 180 सीटों पर जीत हासिल होगी। इंडिया टुडे एक्सिस माई इंडिया ने आरजेडी को 139 से 161 सीटें दी हैं तो एनडीए को 69-91 सीटें मिलने की बात कही है। एलजेपी को अधिकतम 10 सीटें मिल सकती हैं। इस प्रकार तेजस्वी यादव को जन्म दिन मनाने के लिए एग्जिट पोल के गुलदस्ते मिले हैं।

बिहार विधानसभा के चुनाव में आपराधिक प्रवृत्ति के लोग भी उम्मीदवार थे। आशा करनी चाहिए कि जागरूक जनता ने उनको ठुकरा दिया होगा। जनता ने बहुत सोच समझ कर फैसला किया होगा, यह भी अपेक्षा की जा सकती है। चुनाव आयोग की तरफ से गत 7 नवम्बर को उपलब्ध कराए गए आंकड़े के मुताबिक बिहार में तीन चरणों में कराए गए चुनाव में कुल 3,733 उम्मीदवार मैदान में थे, जिनमें महिलाओं की संख्या 371 थी। आयोग के मुताबिक विधानसभा चुनाव में कुल 1,157 उम्मीदवार आपराधिक पृष्ठभूमि वाले थे। इस वर्ष फरवरी में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद चुनाव आयोग ने मार्च में राजनीतिक दलों से कहा था कि वो बताएं कि उन्होंने आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को मैदान में क्यों उतारा। देश में बिहार विधानसभा चुनाव पहला पूर्ण चुनाव है, जिसमें राजनीतिक दलों ने अपने उम्मीदवारों का पूरा ब्योरा सार्वजनिक किया है। यह अच्छा कार्य हुआ और जनता को फैसला करने में सुविधा हुई होगी। चुनाव आयोग ने सितंबर में यह नियम बनाया था कि उम्मीदवारों की आपराधिक पृष्ठभूमि के बारे में चुनाव प्रचार के दौरान जानकारी देना अनिवार्य है। आयोग ने अक्टूबर 2018 में निर्देश जारी कर अनिवार्य किया था कि उम्मीदवार और राजनीतिक दल चुनाव प्रचार के दौरान टीवी और अखबारों में कम से कम तीन बार प्रचार कर आपराधिक इतिहास के बारे में जानकारी देंगे। (हिफी)

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