कोरोना से जंग के बीच बिहार के नेताओं का तंज

कोरोना से जंग के बीच बिहार के नेताओं का तंज

पटना। कोरोना की दूसरी लहर भारत को तबाह ही नहीं कर रही बल्कि बदनाम भी कर रही है। कोरोना का भारतीय वैरियंट बहुत घातक बताया जा रहा है। कोरोना संक्रमितों में मिल रहे अन्य बीमारियों के लक्षण डाक्टरों और मरीजों दोनों की उलझन को बढ़ा रहे हैं। अब तक कोरोना संक्रमित मरीजों में ब्लैक फंगस की शिकायत मिलने की बात सामने आयी थी लेकिन अब कोरोना संक्रमितों में ह्वाइट फंगस की समस्या भी सामने आ रही है। पटना मेडिकल कालेज हास्पिटल में भर्ती कोरोना के चार मरीजों में ह्वाइट फंगस मिलने की पुष्टि हुई है। यह फंगस मरीजों की त्वचा को नुकसान पहुंचा रहा है जबकि ब्लैक फंगस आंखों की रोशनी छीन रहा है। ऐसे आपदा भरे क्षणों में बिहार के नेता एक दूसरे पर तंज कर रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अपने सरकारी आवास को कोविड अस्पताल बना दिया तो भाजपा नेता और उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी को इसमें राजनीति नजर आयी। जवाब में लालू यादव और उनकी बेटियां भी शब्द बाण छोड़ने लगे। लालू यादव ने तो मौत के आंकड़े छिपाने का सरकार पर आरोप लगाया। सरकारी व्यवस्था लुंजपुंज हो गयी है, इसका संकेत तो एक गांव की यह तस्वीर भी देती है जब बीमार को ठेले पर ले जाते एक युवक को दिखाया गया है। बेहतर होता कि राज्य के पक्ष-विपक्ष के नेता एक-दूसरे पर तंज करना छोड़कर सामूहिक रूप से कोरोना को पराजित करते।

एक ओर कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है तो दूसरी ओर बिहार में इस पर सियासत भी जारी है। बक्सर में हुई मौतों पर पटना हाईकोर्ट में बिहार सरकार की ओर से दी गई विरोधाभासी जानकारी के बाद अब राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने इस मामले पर ट्वीट कर नीतीश सरकार को घेरते हुए राज्य में महाजंगलराज वाली सरकार कहा। लालू यादव ने मौजूदा सरकार को जालसाज सत्ता भी करार दिया।

राजद प्रमुख ने ट्वीट कर कहा, सत्ता में बैठे जालसाज मौत को भी छुपा रहे हैं। उन्होंने पटना हाईकोर्ट में राज्य के मुख्य सचिव और पटना के कमिश्नर के विरोधाभाषी बयानों का जिक्र किया है। लालू प्रसाद ने आगे कहा कि बक्सर में हुई मौतों के बारे में जब पटना हाईकोर्ट ने पूछा तो मुख्य सचिव ने कोरोना से मरने वालों की संख्या 6 बताई तो वहीं आयुक्त ने 789 शवों का अंतिम संस्कार होने की बात कही। अब दोनों में सच कौन बोल रहा है? लालू प्रसाद ने आगे कहा कि बक्सर जिले में 1100 से अधिक गांव हैं। पता कर लीजिए कि प्रत्येक गांव में औसतन कितनी मौतें हुईं हैं। बता दें कि बीते दिनों बिहार के बक्सर के पास गंगा नदी में बहती मिली लाशों को बिहार के अधिकारियों ने उत्तर प्रदेश का बताया था। इसे लेकर पटना हाई कोर्ट में एक पीआईएल दायर की गई है। याचिका की सुनवाई के दौरान बिहार सरकार की ओर से विरोधाभासी जवाब दिए गए थे।

गौरतलब है कि प्रदेश के मुख्य सचिव ने अपने जवाब में कोर्ट को बताया था कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान 1 से 13 मई के बीच बक्सर में केवल 6 मौतें हुईं। वहीं, पटना के मंडल आयुक्त ने कहा कि 5 मई से 14 मई के बीच बक्सर के केवल एक घाट पर 789 लाशें जलाई गईं। दोनों अधिकारियों के जवाब में विरोधाभास को हाई कोर्ट ने पकड़ लिया और राज्य सरकार को 19 मई तक स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया था।

लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य और बीजेपी नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के बीच भी ट्विटर वॉर चल रहा है। पटना में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की ओर से सरकारी आवास में कोविड केयर सेंटर खोलने को लेकर बयानबाजी का दौर शुरू हुआ था। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव द्वारा कोविड केयर सेंटर के संचालन को लेकर एक वीडियो जारी किया गया। इसी को आधार बनाकर पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने एक ट्वीट किया। इसी पर रोहिणी आचार्य ने पलटवार किया है। उन्होंने सुशील मोदी को राजस्थानी मेंढक तक कह दिया। सुशील मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा, तेजस्वी को सरकारी आवास के बजाय अवैध तरीके से पटना में अर्जित दर्जनों मकानों में से किसी को कोविड अस्पताल बनाना चाहिए था, जहां गरीबों का मुफ्त में इलाज होता। कांति देवी ने मंत्री बनने के बदले जो दो मंजिला भवन तेजस्वी यादव को गिफ्ट किया था, उसमें या राबड़ी देवी के पास जो 10 फ्लैट बचे हैं, उनमें अस्पताल क्यों नहीं खोला गया? इसके अलावा सुशील मोदी ने एक अन्य ट्वीट में लिखा- तेजस्वी यादव के परिवार में दो बहनें एमबीबीएस डॉक्टर हैं। कोरोना संक्रमण के दौर में उनकी सेवाएं क्यों नहीं ली गईं? लालू की बेटी व तेजस्वी की बहन रोहिणी आचार्य सुशील मोदी के ट्वीट पर बुरी तरह से भड़क गईं। उन्होंने ट्वीट करके कहा- आज के बाद से मेरा या मेरी बहनो का नाम लिया न ये लीचर तो मुंह थूर देंगे आकर! भाग यहां से राजस्थानी मेंढक। रोहिणी आचार्य ने एक के बाद एक कई ट्वीट में बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम पर तीखे हमले किए हैं। ट्वीट के जरिए रोहिणी ने सृजन सहित कई घोटालों में सुशील मोदी और उनसे जुड़े लोगों का नाम आने का आरोप भी लगाया है।

इस बीच बिहार के सीवान के मैरवा से एक शर्मसार करने वाली तस्वीर सामने आई है। मामला मैरवा प्रखंड का है, जहां एम्बुलेंस के अभाव में एक बेटे को अपने पिता को ठेले पर लेकर इलाज कराने अस्पताल ले जाना पड़ा। ये तस्वीर सिस्टम पर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है, साथ ही स्वास्थ्य विभाग की हकीकत को बयां करती है। स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले में ऐसी तस्वीर जो शर्मसार कर रही है। बिहार के मुख्य मंत्री नीतीश कुमार कितना भी मीटिंग कर ले, आदेश दे लें लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है।

मैरवा का ये वीडियो प्रखण्ड के रहने वाले कौशल किशोर पाल का है, जिसे एम्बुलेंस या कोई संसाधन नही मिला तो अपने पिता को इलाज कराने ठेले पर निकल पड़े। इस तरह स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था पर सवाल खड़ा हो रहा है। तस्वीर मानवता को शर्मसार कर रही है। जहां एंबुलेंस के अभाव में परिजन को मरीज को ठेले पर लादकर अस्पताल इलाज कराने के लिये ले जाना पड़ा। इसे देखकर लोग आक्रोशित हैं, कोरोना काल में लोगों की सहायता बिहार सरकार कर रही है। ऐसे ही लोगों की क्या जान बचा पाएगी? मैरवा थाना क्षेत्र के सिसवा खुर्द गांव से ठेले पर लादकर अपने पिता को इलाज कराने के लिए अस्पताल उसका बेटे ले जा रहा था।

बताते हैं बेटे द्वारा कई बार एम्बुलेंस के लिए कॉल किया गया, लेकिन स्वास्थ्य विभाग से कोई रिप्लाई नहीं मिला। और अंत में मजबूर होकर बेटा अपने पिता को ठेले पर लादकर अस्पताल चल पड़ा। सीवान सदर अस्पताल के सीएमओ डॉ। एमआर रंजन ने बताया कि इस तरह की बातें सामने आई हैं। जांच की रही है, ये व्यक्ति क्यों ठेले पर अपने पिता को इलाज कराने के लिए ले जा रहा था। क्या उन्होंने एंबुलेंस वाले को कॉल किया था या नहीं। अगर कॉल किया था तो किस नंबर पर कॉल किया था। इसकी जानकारी की जाएगी। अगर इसमें कोई दोषी पाया जाता है तो उस पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। (हिफी)

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