बड़ा खुलासा- सरकारी और निजी बैंकों के साथ फाइनेंस कंपनियां भी गड़बड़ी में शामिल

बड़ा खुलासा- सरकारी और निजी बैंकों के साथ फाइनेंस कंपनियां भी गड़बड़ी में शामिल

बरेली। सरकारी और निजी बैंकों के साथ ही फाइनेंस कंपनियों में भी घटतोली हो रही है, इसका खुलासा प्रमुख प्रतिष्ठानों पर अचानक हुई चेकिंग के दौरान हुआ।

तोलयंत्र में 900 मिलीग्राम तक हेराफेरी पाई गई। बाट सत्यापन भी कई जगह नहीं मिल पाया, इसलिए बाट माप विभाग ने चालान करने के साथ ही मशीनें सीज कर बाट ज़ब्त कर लिए हैं।

सहायक बांट माप नियंत्रक मनोज कुमार अचानक टीम को लेकर शहर की विभिन्न बैंकों में पहुंच गए और वहां उन्होंने तोलयंत्र व बाट चेक कराए। चेकिंग में कहीं मशीन ठीक नहीं मिली तो कहीं बाटो का सत्यापन नहीं मिला, मशीनों का परीक्षण करने पर पता चला कि 100 से लेकर 900 मिलीग्राम तक एरर पाया गया तो कहीं स्टील से बने बाट प्रयोग किए जा रहे थे, जोकि अवैध श्रेणी में आते हैं। विभागीय अफसरों ने इन बाटों को ज़ब्त कर लिया। एरर पाए जाने पर मशीनें सीजकर चेतावनी दी कि सिस्टम सही करा लें, साथ ही सत्यापन भी कराएं।

एसबीआई ग्रीन पार्क शाखा पर पहुंची टीम ने कॉल यंत्र मशीन ले 300 मिलीग्राम तक एरर पकड़ा, पीलीभीत बाईपास स्थित आईसीआईसीआई बैंक में भी सत्यापन नहीं मिला। सिविल लाइंस स्थित एक्सिस बैंक शाखा में 800 मिलीग्राम तक एरर मिला और वहां स्टील के बाद इस्तेमाल हो रहे थे टीम ने मशीन फ्रिज कराने के साथ ही स्टील बाट जब्त कर अपने कब्जे में ले लिए। डीडी पुरम एक्सिस बैंक शाखा में भी बाट सही नहीं मिले। सत्यापन प्रमाण पत्र भी नहीं मिला। टीम ने सिविल लाइंस स्थित आई आई एफ़ एल फाइनेंस कंपनी कार्यालय में भी 720 मिलीग्राम तक घटतोली पकड़ी। मौजूद बाटो का सत्यापन भी नहीं मिला। इस पर टीम ने मशीन के इस्तेमाल पर रोक लगाने लगा दी, निर्देश दिए गए कि बिना किसी सत्यापन के इस्तेमाल ना किया जाए। फाइनेंस कंपनी सोना गिरवी रख लोन देने का काम करती है। जबकि बैंक के भी लाकर में ज्वेलरी रखने के अलावा लोन देने का भी काम करती है। इसलिए सभी बैंकों में तौलयंत्र सिस्टम आवश्यक होता है। का नियमित सत्यापन भी बाट माप विभाग द्वारा कराया जाना आवश्यक है।

मनोज कुमार, सहायक नियंत्रक बाट माप विभाग ने बताया कि सोने के बदले लोन देने वाली फाइनेंस कंपनी के साथ ही सरकारी और निजी बैंक में चेकिंग कराई गई। वहां पर तौलयंत्र और बाट रखरखाव सही नहीं मिला। मशीनों के परीक्षण में काफी एरर मिला। सत्यापन प्रमाण पत्र भी नहीं उपलब्ध थे। इसलिए चालान किए गए हैं।अवैध बाट ज़ब्त करने के साथ ही निर्देश दिए गए हैं कि सत्यापन किए बगैर मशीनें चालू नहीं हो पाए।

सोने के बदले लोन देने वाली फाइनेंस कंपनी के साथ ही बैंकों में भी तौल यंत्र और बाट आदि सिस्टम दुरुस्त रखना अनिवार्य है लेकिन कुछ बैंक और फाइनेंस कंपनियां इस पर ध्यान नहीं देती है। बताया जाता है कि मशीनों की गड़बड़ी से ग्राहकों को आर्थिक नुकसान होता है।

चेकिंग में सहायक नियंत्रक ने निर्देश दिए कि निर्धारित बाट ही प्रयोग में लाया जाए, इसके साथ ही इसका मशीनों का रखरखाव रखा जाए। क्योंकि इसके बगैर मशीन में एरर आ सकता है। उन्होंने कहा कि इन मशीनों से महंगा धातु यानी सोना तोला जाता है उसमें शुद्धता शत प्रतिशत होना जरूरी है एरर आने का मतलब ग्राहकों से धोखा है। टीम ने सरदाना स्थित बरेली स्वीट्स बेकस और हजियापुर में आरएस मिल्स में चेकिंग कर चालान किए है।

वार्ता














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