आश्रम में लोगों पर अत्याचार- यौन उत्पीड़न की जांच के आदेश

आश्रम में लोगों पर अत्याचार- यौन उत्पीड़न की जांच के आदेश

चेन्नई। तमिलनाडु के पुलिस महानिदेशक सी सिलेंद्र बाबू ने विल्लुपुरम जिले में कुंडलापुलियूर गांव के अंबू जोथी आश्रम में कथित रूप से कैदियों के तरह रह रहे लोगों के साथ अत्याचार और यौन उत्पीड़न की जांच के लिए अपराध शाखा-आपराधिक जांच विभाग को आज आदेश दिया।

डीजीपी सी सिलेंद्र बाबू बाबू ने जिला पुलिस से राज्य पुलिस की सीबी-सीआईडी शाखा को जांच स्थानांतरित करने का आदेश जारी किया। जिला पुलिस इस महीने की शुरुआत में एक गुमशुदगी की शिकायत पर पूछताछ करने के लिए आश्रम गई तो वहां कई निराश्रित और मानसिक रूप से बीमार व्यक्तियों को आश्रम प्रशासन द्वारा जंजीरों में बांधकर रखे जाने और उनके साथ बलात्कार किये जाने की घटना का पता चला। आश्रम से 100 से अधिक बंधक लोगों को बचाया गया, जो वहां 2005 से रह रहे थे1 उन्होंने कहा कि आश्रम नल्ला समारियार चैरिटेबल ट्रस्ट के तहत पंजीकृत था लेेकिन उसके पास वहां मानसिक बीमारियों और मंदबुद्धि, निराश्रित महिलाओं, भिखारियों और शराब के आदी लोगों को अपने घर में रखने के मामले में उचित लाइसेंस नही है।

पुलिस उन शिकायतों की भी जांच करेगी कि आश्रम के कई लोगों के लापता होने की भी जांच करेगी। पुलिस ने आश्रम के मालिक जुबिन बेबी (45) पत्नी मारिया (43) और उनके छह सहयोगियों को बलात्कार और मारपीट के आरोप में गिरफ्तार किया है। पुलिस संभावित मानव तस्करी को ध्यान में रखते हुए भी जांच कर रही है। इस बीच तमिलनाडु वन विभाग ने आश्रम में लोगों को डराने और उन पर हमला करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले दो बंदरों को पकड़ा और जुबिन पर वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के प्रावधान के तहत मामला दर्ज किया।

राष्ट्रीय महिला आयोग ने घटना पर स्वतः संज्ञान लिया और आरोपों की जांच करने और एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए एक जांच दल का गठन किया है।

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