शुकतीर्थ में जलभराव से निर्माण की पोल खुलते ही साधु संतों से भिड़े अफसर

मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के तीर्थस्थलों के विकास की महत्वाकांक्षी योजना में शामिल शुकतीर्थ में अफसरों द्वारा कराए गए विकास कार्यों की जैसे ही मानसून की पहली बरसात ने पोल खोली, वैसे ही मौके पर पहुंचे अफसर निर्माण कार्यों में बरती गई अनियमितताओं पर पर्दा डालने के लिए तीर्थ नगरी के साधु संतों से भिड़ गए। इस दौरान मौके पर इकट्ठा हुए लोगों द्वारा खरी खोटी सुनाई जाने पर अफसर वहां से पतली गली से निकल गए।
दरअसल एक बड़े लंबे इंतजार के बाद शिक्षा ऋषि रहे स्वामी कल्याण देव की कर्म स्थली शुकतीर्थ में बुधवार को मानसून की पहली बरसात हुई थी। झमाझम बारिश होने से जहां लोगों को गर्मी से छुटकारा मिला, वही फसलों को पर्याप्त पानी मिलने से लोगों के बीच खुशी व्याप्त हो गई। लेकिन मानसून की बारिश की वजह से मिली खुशी को शुकतीर्थ तीर्थ में हुए जलभराव से उत्पन्न हुई परेशानियों ने थोड़ी ही देर में पूरी तरह से काफूर कर दिया।
तीर्थ नगरी शुकतीर्थ में जल भराव होने की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंचे अधिकारी फिरोजपुर मार्ग पर स्थित गौड़ीय मठ आश्रम के पास हुए जल भराव को लेकर गौड़ीय मठ के प्रबंधक स्वामी भक्ति भूषण गोविन्द जी महाराज द्वारा शिकायत किए जाने गुस्साकर उनके साथ ही भिड़ गये।
स्वामी जी ने बताया कि उनके आश्रम के सामने दोनों ओर कुछ ही दूर तक नाली बनी हुई है। शेष स्थान पर नाली न होने के कारण बारिश का पानी सड़क पर भर गया। उनके आश्रम का पानी नाली में जाता है। जिससे कभी कोई जल भराव नही हुआ और वह आश्रम के सामने क्यूँकर जल भराव होने देंगे। इसके बावजूद अधिकारी अपनी अक्षमता पर पर्दा डालने के लिए अनावश्यक ही उनसे भिड़ गये तथा धार्मिक टिप्पणी करने लगे।जबकि जलभराव एस डी स्कूल के बराबर में हो रहा है। जहां सड़क तकरीबन पूरी तरह से टूटी पड़ी है
तीर्थ नगरी में हुए जल भराव पर विकास कार्यों में भर्ती गई अन्य नेताओं पर पर्दा डालने के लिए अधिकारियों द्वारा अनावश्यक रूप से साधु के साथ की गई अभद्रता से अब स्थानीय लोगों में भारी रोष व्याप्त हो गया है। जल भराव को लेकर तीर्थ नगरी पहुंचकर साधु संतों के साथ अभद्रता करते हुए अपनी क्षमता पर पर्दा डालने वाले अधिकारियों ने अपने विभाग का नाम भी नहीं बताया है। घटना का वीडियो अब इंटरनेट पर तेजी के साथ वायरल हो गया है।