दरों में वृद्धि पर ब्रेक के बाद अब बिजली की दरों में कमी का अभियान

दरों में वृद्धि पर ब्रेक के बाद अब बिजली की दरों में कमी का अभियान

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विद्युत उपभोक्ता परिषद की ओर से की गई व्यापक भागदौड़ के बाद नियामक आयोग द्वारा राज्य में बिजली की दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव खारिज कर दिए जाने से उत्साहित उपभोक्ता परिषद ने अब बिजली की दरों में कमी का अभियान छेड़ दिया है।

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद की ओर से बिजली की दरों में कमी की मांग को लेकर विद्युत नियामक आयोग के सम्मुख लोक महत्व की याचिका दाखिल की जाएगी। सोमवार को विद्युत नियामक आयोग के पास दाखिल की जाने वाली याचिका में वर्ष 2023-24 से सरप्लस निकले 7988 करोड रुपए की एवज में उपभोक्ताओं को बिजली की दरों में 10 प्रतिशत छूट देने की मांग की जाएगी।

दरअसल उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद को सरकार की ओर से बिजली के दामों में कमी किए जाने को लेकर कोई उम्मीद नहीं रही है। उल्टे विद्युत कंपनियों की ओर से समय-समय पर की जाने वाली बिजली की दरों में बढ़ोतरी की कवायद को थामने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद को भागदौड़ करनी पड़ रही है। हाल ही में विद्युत नियामक आयोग ने राज्य की बिजली कंपनियों के बिजली बढ़ोतरी के प्रस्ताव को खारिज किया है यह उपभोक्ता परिषद की पहल पर संभव हो सका है। शनिवार को उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष एवं राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा है कि विद्युत नियामक आयोग द्वारा राज्य में बिजली की नई दर तय करने के बाद प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर 7988 करोड रुपए सर प्लस अनुमोदित कर दिए गए हैं।

इस पर अभी कोई विधिक विवाद नहीं है ऐसे में उपभोक्ता परिषद की ओर से आयोग के समक्ष याचिका दाखिल कर यह मांग की जाएगी कि प्रदेश की बिजली कंपनियों के लिए निर्धारित बिजली दर प्रस्ताव में बिना सब्सिडी का अनुमोदित राजा 85105 करोड रुपए है, इस आधार पर यदि सर प्लस 7988 करोड रुपए की एवज में उपभोक्ताओं को बिजली की दरों में 10 फ़ीसदी की छूट दी जाती है तो लोगों को काफी राहत मिल जाएगी।

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