अजेय रथ पर सवार Royals के सामने बुलंद हौसलों के साथ उतरेंगे Riders
दुबई। कप्तान दिनेश कार्तिक के नेतृत्व वाली कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) अपनी पिछली जीत से उत्साहित होकर बुधवार को आईपीएल 13 के मुकाबले में अजेय रथ पर सवार राजस्थान रॉयल्स के सामने मजबूत चुनौती पेश करने उतरेगी।
कोलकाता को टूर्नामेंट के पहले मैच में गत चैंपियन मुंबई इंडियंस के हाथों पराजित होना पड़ा था जबकि उसने पिछले मुकाबले में सनराइजर्स हैदराबाद को एकतरफा अंदाज में सात विकेट से हराया था। राजस्थान ने पहले चेन्नई सुपर किंग्स को और पिछले मुकाबले में किंग्स इलेवन पंजाब को मात दी थी।
कोलकाता की टीम दो मैचों में एक जीत और एक हार के साथ दो अंक पाकर छठे स्थान पर है जबकि राजस्थान की टीम दोनों मुकाबले जीत चार अंकों के साथ अंक तालिका में दिल्ली कैपिटल्स के बाद दूसरे नंबर पर है।
केकेआर के सामने राजस्थान जैसी मजबूत टीम की चुनौती होगी जिसने अब तक टूर्नामेंट में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। राजस्थान ने पंजाब के खिलाफ 223 रनों के बड़े लक्ष्य को सफलापूर्वक हासिल किया था। कप्तान स्टीवन स्मिथ की टीम का इस जीत से मनोबल काफी ऊंचा है जिससे कोलकाता को पार पाना होगा।
राजस्थान के लिए पिछले मुकाबले में जोस बटलर को छोड़कर शीर्ष क्रम के अन्य बल्लेबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया था और हारी हुई बाजी अपने नाम की थी। केकेआर के सामने संजू सैमसन की चुनौती होगी जिन्होंने अबतक विस्फोटक बल्लेबाजी की है। सैमसन ने चेन्नई के खिलाफ 74 और पंजाब के खिलाफ 85 रन ठोके थे और वह दोनों ही मुकाबलों में मैन ऑफ द मैच रहे थे।
राजस्थान के लिए कप्तान स्मिथ अपने प्रदर्शन से टीम को लगातार प्रेरित कर रहे हैं और उन्होंने पिछले मुकाबले में सैमसन के साथ मजबूत साझेदारी की थी। राजस्थान के लिए मध्यक्रम के बल्लेबाज राहुल तेवतिया ने पंजाब के खिलाफ जिस तरह का विस्फोटक प्रदर्शन किया था वह अविश्वसनीय था और कोलकाता के लिए खतरे की घंटी है।
बटलर आईपीएल 13 के अपने पहले मुकाबले में फ्लॉप रहे थे। उन्होंने पंजाब के खिलाफ चार रन बनाए थे और उनसे अगले मुकाबले में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद होगी। बटलर की क्षमता किसी से छिपी नहीं है और अगर वह स्मिथ के साथ मिलकर बड़ी साझेदारी करने में सफल रहे तो केकेआर के लिए मुसीबत खड़ी कर सकते हैं।
केकेआर को अगर अपनी जीत की लय बरकरार रखनी है तो उसे राजस्थान के शीर्ष क्रम पर अंकुश लगाना होगा। कोलकाता के गेंदबाजों ने हैदराबाद के खिलाफ कसी हुई गेंदबाजी की थी। केकेआर के गेंदबाजों को अपना प्रदर्शन दोहराना होगा जिससे उसके बल्लेबाजों के लिए राह आसान रहे।
राजस्थान के बल्लेबाजों के सामने कोलकाता के पैट कमिंस,कमलेश नागरकोटी, सुनील नारायण और चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव जैसे खतरनाक गेंदबाजी आक्रमण की चुनौती होगी। राजस्थान को अगर अपना विजयी अभियान जारी रखना है तो उसे केकेआर की गेंदबाजी का डटकर सामना करना होगा।
कोलकाता के गेंदबाजों ने पिछले मुकाबले में सराहनीय प्रदर्शन किया था लेकिन उसके लिए सबसे बड़ी मुसीबत उसकी सलामी जोड़ी का विफल रहना है। केकेआर की तरफ से नारायण और शुभमन गिल ओपनिंग कर रहे हैं जिसमें गिल ने तो हैदराबाद के खिलाफ अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभायी लेकिन नारायण दोनों मुकाबलों में फ्लॉप साबित हुए हैं। नारायण मुंबई के खिलाफ नौ और हैदराबाद के खिलाफ बिना खाता खोले आउट हुए थे।
नारायण विगत वर्षों में टीम के लिए गेंदबाजी के साथ-साथ बल्लेबाजी में भी कोलकाता के लिए तुरुप का पत्ता साबित हुए हैं। इसी कारण टीम मैनेजमेंट ने उन्हें सलामी बल्लेबाज के तौर पर खेलाने का फैसला किया था। यह बात जायज है कि टी-20 क्रिकेट में पहली गेंद से तूफानी पारी खेलनी होती है लेकिन नारायण को यह समझने की जरुरत है कि उन्हें ना सिर्फ बड़े शॉट खेलने बल्कि टीम को मजबूत शुरुआत दिलाने के इरादे से भी ओपनिंग के लिए भेजा जाता है।
ऊंचे शॉट खेलने के चक्कर में नारायण अक्सर गलत गेंद पर शॉट खेल अपना विकेट गंवा देते हैं जिससे कोलकाता का शीर्ष क्रम लड़खड़ा जाता है। हैदराबाद के खिलाफ कम स्कोर लक्ष्य का पीछा करते हुए भी उसकी गाड़ी गड़बड़ा गयी थी। नारायण के अलावा कप्तान दिनेश कार्तिक भी बल्ले से कमाल दिखाने में नाकाम रहे हैं। कार्तिक को जल्द से जल्द अपनी इस कमी का इलाज ढूंढना होगा और ओपनिंग जोड़ी के अलावा मध्यक्रम को मजबूती देने पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
कोलकाता के लिए गिल, नीतीश राणा, इयोन मोर्गन और विस्फोटक ऑलराउंडर आंद्रे रसेल जैसे घातक बल्लेबाज हैं जो बड़े से बड़े लक्ष्य का पीछा करने में सक्षम हैं। कोलकाता के बल्लेबाजों को संयम रखकर पिच में समय बिताने की जरुरत है जिससे बड़ी साझेदारी की जा सके।
इस मुकाबले में भले ही राजस्थान का पलड़ा भारी है लेकिन उसे अपने गेंदबाजी विभाग में सुधार करना होगा जो पंजाब के खिलाफ नाकाम रही थी। केकेआर की मजबूती उसके बल्लेबाज हैं ऐसे में राजस्थान की एक गलती उसका विजय रथ रोक सकती है।