देश में खेल संस्‍कृति को बढ़ावा देना जरूरी -किरेन रिजीजू

देश में खेल संस्‍कृति को बढ़ावा देना जरूरी -किरेन रिजीजूThe Minister of State for Youth Affairs & Sports (Independent Charge) and Minority Affairs, Kiren Rijiju at the India Sports Summit – Fitness: $10 Billion Opportunity, in New Delhi on October 10, 2019. The Secretary (Sports), Radhey Shyam Julaniya and other dignitaries are also seen.
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नई दिल्ली । केंद्रीय खेल और युवा मामलों के मंत्री किरेन रिजीजू ने देश में खेल संस्‍कृति को बढ़ावा देने पर जोर दिया है।






आज नयी दिल्‍ली में 'इंडिया स्‍पोर्टस समिट: फिटनेस' दस अरब डॉलर की संभावना वाला क्षेत्र के उद्घाटन अवसर पर रिजीजू ने कहा कि देश में खेल संस्‍कृति आम जीवन का हिस्‍सा होना चाहिए। उन्‍होंने उद्योग और कारोबार जगत से अपील की कि वह लोगों को स्‍वस्‍थ्‍य जीवन जीने के लिए प्रेरित करने में सक्रिय सहयोग करें।





रिजीजू ने कहा ''भारत विश्‍व का नेतृत्‍व करने की आकांक्षा रखता है। अर्थव्‍यवस्‍था,राजनीति और आध्‍यात्मिक स्‍तर पर हमारा प्रदर्शन पहले से ही अच्‍छा है। ऐसे में यदि हम खेल क्षेत्र में भी एक बड़ी ताकत बन गए तो भारत का उत्‍थान समग्र और पूर्ण हो जाएगा।'' उन्‍होंने कहा कि खेल क्षेत्र में जिन देशों का प्रदर्शन अच्‍छा है वहां खेल संस्‍कृति को बढ़ावा मिला है। वहां के नागरिकों और बच्‍चों में खेल स्‍वाभाविक रूप से जीवन का एक हिस्‍सा है लेकिन भारत में ऐसा नहीं है। पर अब समय बदल गया है। सकारात्‍मक और अनुकूल खेल संस्‍कृति विकसित किए बिना वांछित परिणाम प्राप्त नहीं किए जा सकते।qa

रिजीजू ने कहा कि देश के एक अरब तीस करोड़ लोग ही इसकी ताकत हैं। हमें कई अच्‍छे परिणाम मिलने बाकि हैं लेकिन फिर भी हम सफलता का जश्‍न मनाते हैं। परिवारों में बच्‍चों को लेकर मुख्‍य चिंता उनकी आर्थिक सुरक्षा होती है इसलिए उन्‍हें खेल की तरफ ज्‍यादा प्रोत्‍साहित नहीं किया जाता। लेकिन अब समय बदल रहा है पर यह बदलाव एक दिन में नहीं आ सकता। उन्‍होंने कहा आज का समय खिलाडि़यों के लिए काफी अनुकूल है। उन्‍हें नौकरी मिल रही है, पहचान मिल रही है और साथ ही उनकी उपलब्धियों के लिए पूरा सम्‍मान भी मिल रहा है। खेल संस्‍कृति को बढ़ावा देने के लिए सिर्फ बड़े स्‍लोगन से काम नहीं चलेगा। इसके लिए लोगों को खेलों को अपने जीवन का हिस्‍सा बनाने के लिए प्रोत्‍साहित करना पड़ेगा। श्री रिजीजू ने कहा कि देश में क्रिकेट काफी लोकप्रिय है। हर गली कूचे में यह खेला जाता है। लेकिन इसे बढ़ावा देने में सरकार की कोई बड़ी भूमिका नहीं रही है। वह केवल एक उत्प्रेरक की भूमिका मे है। उन्‍होंने कहा कि खेल मंत्रालय धावकों को विश्‍वस्‍तरीय सुविधाएं उपलब्‍ध कराने का हरसंभव प्रयास कर रहा है। उन्‍होंने सरकार से खेलों के बेहतर प्रबंधन के उच्‍च मानक अपनाने का आह्वान करते हुए कहा कि इसमें थोड़ा बहुत प्रयास काफी नहीं होगा सभी हितधारकों को बेहतर परिणाम के लिए अपनी पूरी ताकत लगानी होगी। कबड्डी भी अब एक बड़ा खेल बन चुका है और इसमें भाग लेने वालों को भी अच्‍छी पहचान मिलने लगी है।








खेल मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा हाल में शुरू की गई फिट इंडिया मुहिम एक जन आंदोलन का रूप ले चुकी है। राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर लोगों ने प्‍लॉंगिंग में बढ़-चढ़कर हिस्‍सा लिया और जॉगिंग के दौरान रास्‍ते में पड़े प्‍लास्टिक कचरे को उठाया। उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री सीधे तौर पर देश की जनता से जुड़े हैं। देश के लिए आगे बढ़ने का यह बेहतरीन मौका है। उन्‍होंने खेलों और फिटनेस पर जोर दिए जाने की बात भी कही। श्री रिजीजू ने कहा कि हमें अब शारीरिक और मानसिक रूप से तंदुरूस्‍त रहने के लिए ईलाज की बजाए बचाव पर ज्‍यादा ध्‍यान देना है। बचाव कई तरह की बीमारियों और शारीरिक परेशानियों से बचाता है। उन्‍होंने कहा कि विश्‍व समुदाय आज बड़ी आशा के साथ भारत की ओर देख रहा है। इसमें सरकार के साथ ही उद्योग जगत को भी अपनी ओर से सक्रिय पहल करनी है। हमें फिटनेस के कार्यक्रम को अब खिलाडि़यो तक पहुंचाना है। खेल क्षेत्र में नौकरियों की संभावनाओं पर रिजिजू ने कहा कि जब देश पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्‍यवस्‍था बनने की ओर बढ़ रहा है खेल क्षेत्र में प्रचुर संभावनाएं मौजूद हैं जिसमें निजी क्षेत्र बड़ी भूमिका निभा सकता है। उन्‍होंने कहा कि लोग अब खेलों को काफी गंभीरता से लेने लगे हैं। कश्‍मीर के युवा खेलों में बढ़-चढ़कर हिस्‍सा ले रहे हैं। यह उन्‍हें विघटनकारी विचारधारा से दूर ले जाने में मदद करेगा।





खेल मंत्री ने उद्योग जगत से देश में खेल संस्‍कृति को बढ़ावा देने में बड़ी भूमिका निभाने का आह्वान किया। उन्‍होंने कहा कि युवाओं के लिए पर्याप्‍त अवसर और जगह बनाई जानी चाहिए। उन्‍होंने कहा कि निजी क्षेत्र की कुछ कंपनियों के पास विश्‍वस्‍तर की खेल सुविधाएं मौजूद है। वे इनका इस्‍तेमाल दूरदराज के क्षेत्रों में मौजूद खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देने में कर रहे हैं। रिजीजू ने कहा कि खेलों को प्रोत्‍साहन देने के लिए अच्‍छी सलाह कहीं से भी मिल सकती है। सरकार उन्‍हें स्‍वीकार करने और लागू करने के लिए तैयार है।


खेल मंत्री ने कहा कि आखिर भारत को अब अंतर्राष्‍ट्रीय खेल स्‍पर्धाओं में कुछ पदकों से ही संतोष क्‍यों करना चाहिए। हम आने वाल चार से आठ वर्षों में ओलंपिक खेलों में शीर्ष पदक तालिका वाले देशों में शामिल क्‍यों नहीं हो सकते। उन्‍होंने कहा कि 2022 में जब देश अपनी स्‍वाधीनता की 75वीं वर्षगांठ मना रहा होगा तब देश के 80 प्रतिशत नागरिक शारीरिक और मानसिक रूप से स्‍वस्‍थ होने चाहिए।


खेल सचिव राधेश्‍याम जुलानिया ने कहा कि देश में जीवन शैली से जुड़ी बीमारियां बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में हमें शारीरिक स्‍वास्‍थ्‍य और आरोग्‍य से जुड़े कार्यक्रमों को बढ़ावा देना चाहिए। उन्‍होंने निजी क्षेत्र से इसमें सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की। उन्‍होंने कहा कि निजी क्षेत्र अपने कर्मचारियों को शारीरिक रूप से स्‍वस्‍थ बनाने की पहल कर इस दिशा में एक नई शुरूआत कर सकता है।

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