ताजमहल का दीदार करने के लिये रात भर करवटें बदलते रहे ब्रायन लारा

ताजमहल का दीदार करने के लिये रात भर करवटें बदलते रहे ब्रायन लारा

आगरा। ताजमहल का नाम दुनिया के सात अजूबों में यूं ही शामिल नहीं है। इसकी वजह है इसकी बेमिसाल खूबसूरती। दूध सी सफेदी में नहाई इस इमारत में एक कशिश है जो लोगों को अपना दीवाना बना देती है।

यही कारण है कि न केवल आमजन बल्कि दुनिया भर का हर सेलेब्रिटी एक बार ताज का दीदार जरूर करना चाहता है, लेकिन क्रिकेट के दीवानों के हीरो और वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान ब्रायन लारा को ताजमहल की खूबसूरती का दीदार करने के लिए एक रात का भी इंतजार भी सदियों जितना लंबा लगा। उन्होंने रविवार को आगरा के एक होटल में पूरी रात करवटें बदलते हुए काटी और भोर होते ही ताजमहल की खूबसूरती निहारने जा पहुंचे।

सुबह करीब पौने सात बजे ताज परिसर में पहुंचे ब्रायन लारा करीब ढाई घण्टे तक वहाँ रहे और ताजमहल की खूबसूरती को अपलक निहारते रहे। इस दौरान उन्होंने न केवल ताज के निर्माण और पच्चीकारी की जानकारी ली, बल्कि मुगल बादशाह शाहजहां और उनकी बेगम मुमताज महल की मुहब्बत के बारे में भी जाना।


दरअसल, ब्रायन लारा रविवार की शाम को आगरा पंहुच गए थे। जब तक वे ताजमहल देखने पहुंच पाते, स्मारक के बंद होने का समय हो गया। इससे मायूस होकर लारा एक बार को वापस जाने की सोचने लगे, लेकिन ताजमहल के दीदार की ख्वाहिश ने उन्हें रुकने पर मजबूर कर दिया। रात भर के इंतजार के बाद सुबह होते ही लारा ताजमहल पहुंच गये।

उन्होंने यलो टीशर्ट, ब्लैक ट्राउजर के साथ ब्लैक कैप पहनी हुई थी। चेहरे पर मास्क भी था। सुबह स्मारक में अधिक पर्यटक नहीं थे। उन्होंने आम पर्यटकों की तरह स्मारक में चहलकदमी की। सुरक्षाकर्मियों व पर्यटकों के आग्रह पर फोटो भी खिंचाए।

अपनी बल्लेबाजी से दुनियाभर को दीवाना बनाने वाले ब्रायन लारा ने इस दौरान बताया कि वह इससे पहले वर्ष 1984 में ताजमहल देखने आए थे। उस समय वह बहुत छोटे थे। इस बार ताजमहल काफी अच्छा लगा। यह एक अजूबा है। रखरखाव पहले से भी बेहतर हो गया है।

वार्ता

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