RLD से मुकाबले को खतौली सीट पर फायरब्रांड नेताओं पर दांव लगाएगी BJP ?

RLD से मुकाबले को खतौली सीट पर फायरब्रांड नेताओं पर दांव लगाएगी BJP ?

मुजफ्फरनगर। खतौली विधानसभा सीट से भाजपा के विधायक विक्रम सैनी को 2 साल की सजा के बाद उनकी विधानसभा की सदस्यता चली गई है। इसके साथ ही अब खतौली विधानसभा सीट पर उप चुनाव होने हैं। ऐसे में भाजपा के पास अपनी इस विधानसभा सीट को बचाने की चुनौती सामने आ खड़ी हुई है। वैसे तो प्रत्याशी का फैसला भाजपा हाईकमान करेगा लेकिन भाजपा को ऐसे प्रत्याशी की तलाश रहेगी जो सपा रालोद के मजबूत गठबंधन को हरा सके। इसमें भाजपा 2022 के विधानसभा चुनाव में हारे अपने फायर ब्रांड नेताओं पर भी दांव लगा सकती है। इसके अलावा जातीय समीकरण के आधार पर अति पिछड़े वर्ग के नेता पर भी भरोसा जाता सकती है।

दरअसल 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने मुजफ्फरनगर और शामली जिले में कैराना को छोड़कर सभी 8 विधानसभा सीटों पर अपना कब्जा जमा लिया था। बाद में 2022 के इलेक्शन में सपा रालोद के गठबंधन के कारण दोनों जिलों की 9 विधानसभा सीटों में से भाजपा केवल दो पर ही अपनी वापसी कर पाई थी। इनमें से जहां कपिल देव अग्रवाल मुजफ्फरनगर शहर सीट पर लगातार तीसरी बार जीते थे तो विधायक विक्रम सैनी भी खतौली विधानसभा सीट से दूसरी बार निर्वाचित हुए थे। साल 2013 के दंगों के दौरान दर्ज एक मुकदमे में विक्रम सैनी को 2 साल की सजा के बाद जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत उनकी सदस्यता चली गयी इसके बाद इलेक्शन कमीशन ने खतौली विधानसभा सीट को रिक्त घोषित कर दिया है। अब इस विधानसभा सीट पर उप चुनाव होने हैं।

उपचुनाव में भाजपा के सामने इस सीट को बचा कर रखना सबसे बड़ी चुनौती है। यही वजह है कि इस विधानसभा सीट पर भाजपा किसे अपना प्रत्याशी बनाएगी। दरअसल 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के फायर ब्रांड नेता सुरेश राणा, उमेश मलिक और संगीत सोम चुनाव हार चुके हैं। सुरेश राणा और उमेश मलिक तो 2013 के दंगों के दौरान सपा सरकार के सामने हिंदुत्व के मुद्दे को लेकर अड़ गए थे। इन नेताओं के हिंदुत्व के मुद्दे की धार देने का ही नतीजा था कि 2014 में भाजपा ने मुजफ्फरनगर दंगों के बहाने पूरे देश में लोकसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत हासिल किया था। 2022 के विधानसभा चुनाव में विपक्ष के नेता इन नेताओं को हराने में ही जुट गए थे जिस कारण विपक्ष की लामबंदी के चलते बीजेपी के यह फायर फायर ब्रांड नेता चुनाव हार गए।

ऐसे में इनकी हार के बाद सहारनपुर मंडल में भाजपा को ऐसे नेताओं की विधानसभा में आवश्यकता है जो विधायक रहते हुए सपा रालोद गठबंधन जैसे मजबूत गठबंधन का इन जिलों में मुकाबला कर सके। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि भाजपा को अगर अपने फायरब्रांड नेताओं को संजीवनी देनी है तो इस सीट पर पूर्व मंत्री सुरेश राणा और पूर्व विधायक उमेश मलिक पर दांव चलना चाहिए, क्योंकि उपचुनाव में गठबंधन के चलते राष्ट्रीय लोकदल इस सीट पर दावेदारी कर चुका है और रालोद मुखिया जयंत चौधरी हर हाल में इस सीट को जीतने के लिए दम लगाएंगे।

सपा रालोद जैसे मजबूत गठबंधन का मुकाबला ठाकुर और जाट बिरादरी का बीजेपी का बड़ा चेहरा ही कर सकता है। पूर्व मंत्री सुरेश राणा जहां ठाकुर समुदाय से आते हैं तो उमेश मलिक जाट बिरादरी के हैं। खतौली विधान सभा सीट पर जातिगत आंकड़ा देखा जाए तो ठाकुरों की भी बड़ी तादाद इस विधानसभा सीट पर है। इसके अलावा रालोद सपा गठबंधन फैक्टर का उमेश मलिक जैसा अड़ियल रवैया का नेता ही मुकाबला कर सकता है। 2022 के विधानसभा चुनाव में जब भारतीय किसान यूनियन और रालोद ने बुढ़ाना में उमेश मलिक की घेराबंदी करने की कोशिश की। उसके बाद भी वह इनके मुकाबले खड़े नजर आए।

अगर जातिगत समीकरण के चलते अति पिछड़े पर भाजपा सैनी समाज के विक्रम सैनी की सहानुभूति लहर का लाभ लेने के लिए अति पिछड़े समाज के प्रत्याशी को चुनती है तो भाजपा के पास शाहपुर नगर पंचायत के चेयरमैन प्रमेश सैनी भी बेहतर विकल्प माने जा सकते हैं क्योंकि प्रमेश सैनी मुज़फ्फरनगर की शाहपुर नगर पंचायत पर पहली बार भाजपा का कमल खिला पाए थे। इससे पहले शाहपुर नगर पंचायत पर भाजपा कभी नहीं जीत पाई। इसके अतिरिक्त बीजेपी के पास सैनी प्रत्याशी के तौर पर संघ के पुराने कार्यकर्ता रूपेंद्र सैनी का नाम भी सामने आता है।

जिस तरह से तीन बार खतौली विधानसभा सीट पर सैनी बनाम गुर्जर समाज के प्रत्याशियों के बीच चुनावी रण हुआ, उसके आधार पर भाजपा के पास यशपाल पंवार जैसा पुराना चेहरा भी गुर्जर समाज से आता है। इसके अलावा खतौली विधानसभा क्षेत्र में भारतीय किसान यूनियन का दामन छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले राजू अहलावत भी का नाम भी चर्चा में चल रहा है। राजू अहलावत भी खतौली इलाके के किसानों के बीच भी लोकप्रिय नाम है, हालांकि भाजपा की तरफ से कौन प्रत्याशी खतौली विधान सभा चुनाव में उतरेगा, यह तो भाजपा आलाकमान ही तय कर पाएगा।

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