गोवा विधानसभा की 40 सीटों के लिए मतदान शुरू

गोवा विधानसभा की 40 सीटों के लिए मतदान शुरू

पणजी। गोवा विधानसभा चुनाव के लिए राज्य में दो जिलों की 40 सीटों पर सोमवार को शांतिपूर्ण तरीके से मतदान शुरू हो गया।

मतदान सुबह सात बजे शुरू हुआ और शाम छह बजे तक चलेगा।

चुनाव आयोग के अधिकारियों के मुताबिक साउथ गोवा और नार्थ गोवा जिलों के 1,722 मतदान केंद्रों पर आज मतदान हो रहा है। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव की तुलना में इस बार 80 और मतदान केंद्र जोड़े गए हैं।

राज्य के कुल 11.6 लाख मतदाता 301 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे, जिनमें 14 महिलाएं शामिल हैं। मतदाताओं में 9,590 दिव्यांग , 80 वर्ष से अधिक आयु के 2,997 मतदाता तथा 41 यौनकर्मी और नौ ट्रांसजेंडर शामिल हैं। राज्य में प्रति बूथ पात्र मतदाताओं की औसत संख्या 672 है। वास्को विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक 35,139 पात्र मतदाता हैं, जबकि मोरमुगांव सीट पर सबसे कम 19,958 मतदाता हैं। इस बार कुल 105 (पिंक बूथ) महिला मतदान केंद्र हैं।

आज के चुनाव में मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत (सांखली), उपमुख्यमंत्री बाबू कावलेकर (क्यूपेम), मनोहर अजगांवकर (मडगांव), मौविन गोडिन्हो (डाबोलिम), विश्वजीत राणे (वालपोई), नीलेश कैबराल (कर्चोरम) और जेनिफर मोनसेरेट का भाग्य दांव पर लगा है। इसके अलावा हाल ही में इस्तीफा देने वाले चार मंत्री भी किस्मत आजमा रहे हैं जिनमें दीपक पौस्कर हैं, जो सावोर्देम निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं,वहीं प्रोल से गोविंद गौडे (भाजपा), कलंगुट से माइकल लोबो (कांग्रेस) और वेलिम निर्वाचन क्षेत्र से फिलिप नेरी रोड्रिग्स (राकांपा) शामिल हैं। विधानसभा के डिप्टी स्पीकर इसोडोर फर्नांडीस कानाकोना निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।


चुनाव लड़ने वाले अन्य प्रमुख नेताओं में विपक्ष के नेता दिगंबर कामत (कांग्रेस), पूर्व मुख्यमंत्री चर्चिल अलेमाओ (टीएमसी), रवि नाइक (भाजपा), पूर्व उपमुख्यमंत्री विजय सरदेसाई (जीएफपी), सुदीन धवलीकर (एमजीपी) औँर आम आदमी पार्टी (आप) के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार अमित पालेकर शामिल हैं।

साउथ गोवा में कांग्रेस बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद कर रही है वहीं नार्थ गोवा में भाजपा का दबदबा हो सकता है, हालांकि पूर्व मंत्री माइकल लोबो के कांग्रेस में शामिल होने से सत्तारूढ़ दल की संभावनाओं पर कुछ हद तक असर पड़ सकता है।

गोवा में इस बार के चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने भी तटीय राज्य में चुनावी मैदान में प्रवेश कर लिया है। रिवोल्यूशनरी गोअन्स, गोएंचो स्वाभिमान पार्टी, जय महाभारत पार्टी और संभाजी ब्रिगेड अन्य पार्टियां हैं, जो अपनी किस्मत आजमा रही हैं। इसके अलावा 68 निर्दलीय उम्मीदवार हैं।

चुनावी समर में भाजपा के किले को तोड़ने के लिए कांग्रेस ने गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) तथा तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के साथ गठबंधन किया है। अब तक सामने आ रहे चुनाव प्रचार के रुझानों और कांग्रेस-जीएफपी गठबंधन द्वारा पेश की जा रही चुनौती से अंदाजा लगाया जा रहा है कि 2017 के विधानसभा चुनाव के नतीजों को दोहराना भाजपा के लिए आसान नहीं होगा और शायद यही वजह है. पार्टी पहली बार सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।


भाजपा को मुख्य रूप से पणजी और मंड्रेम निर्वाचन क्षेत्रों में भी विद्रोहियों का सामना करना पड़ रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारेस्कर जहां मंड्रेम निर्वाचन क्षेत्र से एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं, वहीं पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर ने पणजी निर्वाचन क्षेत्र में एक चुनौती दी है। श्री पर्रिकर ने करीब 25 वर्षों तक पणजी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था।

दूसरी ओर कांग्रेस ने अधिकांश निर्वाचन क्षेत्रों में नए चेहरों को मैदान में उतारा है। विपक्ष के नेता दिगंबर कामत एकमात्र मौजूदा विधायक उम्मीदवार हैं जो कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं।

आम आदमी पार्टी (आप) राज्य में दूसरी बार अपनी किस्मत आजमा रही है जबकि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रही है तथा इन दोनों पार्टियों को भाजपा और कांग्रेस के लिए चुनौती माना जा रहा है। वहीं कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों के नेताओं का दावा है कि चुनावी संघर्ष सिर्फ दो राष्ट्रीय पार्टियों के बीच है।

शिवसेना ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा ) के साथ गठबंधन किया है। शिवसेना ने अपने नौ उम्मीदवार खड़े किये हैं , वहीं राकांपा 12 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। राकांपा-शिवसेना गठबंधन ने पणजी निर्वाचन क्षेत्र में उत्पल पर्रिकर को समर्थन दिया है।

वार्ता

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