सरकार को घेरने और बचाने वाली आवाज इस विधानसभा सत्र में नहीं दी सुनाई

सरकार को घेरने और बचाने वाली आवाज इस विधानसभा सत्र में नहीं दी सुनाई

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 2022 का विधानसभा चुनाव जीतने के बाद योगी सरकार पार्ट 02 का कार्यकाल शुरु हो चुका है। 23 मई 2022 से उत्तर प्रदेश विधानसभा की 18वीं विधानसभा का मुख्य बजट सत्र शुरू हुआ, जो दिनांक 31 मई 2022 तक चला। लेकिन इस बार सदन में सरकार को मजबूत तरीके से घेरने वाले नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी की दमदार आवाज सुनाई नहीं दी तो वहीं सरकार के पक्ष में तथ्यात्मक एंव तुलनात्मक आंकड़े सदन में रखने वाले सुरेश राणा की भाषण शैली भी, इसलिए सुनाई नहीं पड़ी, क्योंकि दोनों ही है नेता इस बार विधानसभा का चुनाव हार गए हैं।

2017 के विधानसभा चुनाव में तत्कालीन सत्तारूढ़ पार्टी समाजवादी पार्टी हार गई थी और भारतीय जनता पार्टी ने प्रचंड बहुमत के साथ उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार का गठन कर लिया था। सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री के तौर पर योगी आदित्यनाथ ने कार्यभार संभाला तो वहीं बलिया के बांसडीह से विधायक और कट्टर समाजवादी नेता रामगोविंद चौधरी को समाजवादी पार्टी ने नेता प्रतिपक्ष के रूप में जिम्मेदारी दी।

मार्च 2017 से शुरू हुए सत्र भी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के तौर पर रामगोविंद चौधरी ने सरकार को आंकड़ों के सहित घेरने में कोई कमी नहीं की। रामगोविंद चौधरी सरकार के हर उस कदम पर निगाह रखते थे, जहां वह विधानसभा में सरकार को अपने भाषण के दौरान तथ्य पूरक जवाब के चलते परेशानी में डाल देते थे। वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने चित परिचित अंदाज में विपक्ष पर हमलावर रहते थे। इसी कड़ी में विपक्ष के सवालों का सदन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना के अलावा अगर कोई मंत्री तथ्यात्मक एवं तुलनात्मक आंकड़ों के साथ विपक्ष को करारा जवाब देता था तो उसका नाम था, उत्तर प्रदेश सरकार में गन्ना विभाग के कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शामली जनपद के थानाभवन विधानसभा सीट से तत्कालीन विधायक और गन्ना विभाग के कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा अपने अधीन गन्ना विभाग के साथ-साथ सरकार के विपक्षी विधायकों के उठाए गए सवालों का सरकार की तरफ से सटीक जवाब देते थे। एक तरफ पूर्वांचल की जनपद बलिया की बाँसडीह से विधायक रामगोविंद चौधरी सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ते तो वही पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शामली जनपद के थानाभवन सीट से विधायक एवं उत्तर प्रदेश सरकार में तत्कालीन मंत्री सुरेश राणा विपक्ष के विधायकों के जवाबों का सटीक उत्तर देकर सरकार का बचाव करने में अग्रिम भूमिका निभाते थे। लेकिन 2022 के इलेक्शन में पश्चिम से सरकार का फेवर करने वाले सुरेश राणा जहां चुनाव हारे तो वही पूर्वांचल के जनपद बलिया की बांसडीह से विधायक एवं नेता प्रतिपक्ष के तौर पर रामगोविंद चौधरी ने सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं की, मगर वो भी 2022 का चुनाव केतकी सिंह से हार गए। यूपी के विधानसभा में पूर्वांचल से सरकार को घेरने वाले और पश्चिम से सरकार के फेवर में खड़े होने वाले दोनों दिग्गज नेता चुनाव हार गए हैं।

31 मई 2022 को यूपी की 18 वीं विधानसभा का विधानसभा सत्र समाप्त जरूर हो गया है, लेकिन नेता प्रतिपक्ष के तौर पर रामगोविंद चौधरी और सरकार के बचाव में खड़े रहने वाले तत्कालीन गन्ना मंत्री सुरेश राणा की कमी उत्तर प्रदेश के विधानसभा सदन को जरूर खली है।

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