झूमे किसान, कहीं लगाई अरदास तो कहीं नाच गाने का दौर, कराया मुंह मीठा

झूमे किसान, कहीं लगाई अरदास तो कहीं नाच गाने का दौर, कराया मुंह मीठा

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरु नानक देव जी महाराज के गुरु पर्व के मौके पर नए कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान करते हुए किसानों को एक बड़ा तोहफा दिया है। इस ऐलान के होते ही राजधानी दिल्ली के सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर पिछले 1 साल से आंदोलन करते हुए डटे किसान खुशी से झूम उठे हैं। मौके पर जश्न का माहौल है और किसान एक दूसरे के गले मिलकर अपनी खुशी जाहिर कर रहे हैं। लंबे संघर्ष की जीत बताते हुए किसानों ने मिठाई बांटकर एक दूसरे का मुंह मीठा कराया है।



राजधानी दिल्ली के सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर कई किलोमीटर के इलाके में नए कृषि कानूनों के विरोध में तकरीबन 1 साल से आंदोलन कर रहे किसानों के तंबू डेरे लगे हुए हैं हालांकि आंदोलन की शुरुआत के मुकाबले इस समय किसानों की संख्या बहुत ही कम है। सर्दियों का सीजन शुरू होते ही किसानों का मंच 10.00 बजे के बाद ही सजता है। लेकिन शुक्रवार को कृषि कानूनों की वापसी के ऐलान के बाद ही किसानों ने अपने टेंट के भीतर ही जश्न मनाना शुरू कर दिया। जगह जगह मिठाई बढ़ने लगी और किसान खुशी से झूमते हुए अपने संघर्ष के दिनों को याद कर सरकार को कोसने के बजाय खुशी मनानी शुरू कर दी। कृषि कानूनों के वापस लेने की बात सुनते ही बड़ी संख्या में किसान बॉर्डर पर बने मंच की तरफ पहुंचने शुरू हो गए हैं। किसान आंदोलन स्थल पर बनाए गए मुख्य मंच पर बढ़ रहे किसानों के बीच रोजाना की तरह भाषण होगा। लेकिन आज सरकार को कोसने की बजाय कानूनों की वापसी के संघर्ष और खुशी का इजहार किया जाएगा।



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