सरकार एवं किसानों के बीच फिर तकरार- किसानों ने ठुकराई यह पेशकश

सरकार एवं किसानों के बीच फिर तकरार- किसानों ने ठुकराई यह पेशकश

नई दिल्ली। सरकार की ओर से किसानों की मांगों पर विचार विमर्श करने एवं उसकी सिफारिशों के लिए प्रस्तावित समिति में शामिल होने की पेशकश को संयुक्त किसान मोर्चा की ओर ठुकरा दिया गया है। किसानों का कहना है कि सरकार की ओर से लिखित चिट्ठी के बजाय फोन कॉल के माध्यम से आमंत्रण भेजा गया था। जिसका कोई वजूद नही है।

सोमवार को राजधानी के टिकरी, सिंधु एवं गाजीपुर बॉर्डर पर नए कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन चलाने वाले संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से सरकार की प्रस्तावित समिति में शामिल होने की पेशकश को ठुकरा दिया गया है। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से कहा गया है कि सरकार ने लिखित के बजाय फोन कॉल के माध्यम से समिति में शामिल होने को आमंत्रण भेजा था।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते साल 3 नए कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था। साथ ही उन्होंने किसानों की मांगों को लेकर एक समिति गठित करने का प्रस्ताव भी दिया था। जिसके बाद प्रदर्शनकारी किसानों ने 13 महीने लंबे समय चले आंदोलन को खत्म कर दिया था।

सोमवार को किसान नेता दर्शन पाल ने कहा है कि सरकार की ओर से भेजे गए आमंत्रण में लिखित तौर पर कुछ भी नहीं था, सब कुछ जुबा जुबानी तौर पर सरकारी आमंत्रण था। उन्होंने कहा है कि सरकार की तरफ से हमें दो सदस्यों को नामित करने के लिए कहा गया है। फोन कॉल के माध्यम से दिया गया आमंत्रण सरकार का अड़ियल रवैया है।

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