MSP कानून की मांग गलत- राजनीतिक है किसानों का आंदोलन

MSP कानून की मांग गलत- राजनीतिक है किसानों का आंदोलन

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ी एक पत्रिका ने किसानो द्वारा एमएसपी गारंटी कानून समेत तकरीबन दर्जन भर मांगों को लेकर चलाए जा रहे आंदोलन को राजनीति से प्रेरित बताते हुए एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग को भी अनुचित करार दिया है।

पंजाब और हरियाणा बॉर्डर पर एमएसपी गारंटी कानून समेत अन्य विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों की एमएसपी गारंटी कानून को अनुचित बताते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबंधित पत्रिका आर्गेनाइजर ने अपने नए अंक में किसानों के इस आंदोलन को राजनीति से प्रेरित बताया है। पत्रिका ने पश्चिम बंगाल में संदेश खाली में हुई घटना को आईएसआईएस से प्रेरित यौन दास्ता से जोड़ने की मांग भी उठाई है।

पत्रिका के संपादक प्रफुल्ल केतकर द्वारा लिखे गए संपादकीय में कहा गया है कि वर्ष 2020 में राजधानी दिल्ली और उसके आसपास एनसीआर इलाके में हमने जिस आंदोलन को देखा था, वह कृषि क्षेत्र में सुधारो से संबंधित तीन विधायकों के संदर्भ में था। लेकिन इस बार आंदोलन के पीछे ऐसा कोई कारण नहीं है।

उन्होंने लिखा है कि कृषि आंदोलन की प्रकृति में राजनीति दिखाई दे रही है, जिसके चलते सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित गारंटी कानून, ऋण माफी और अनुचित मांगों के साथ सड़कों पर बड़े पैमाने पर लामबंदी एवं नाकेबंदी की जा रही है।

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