उमेश मलिक से शुरू हुई काली स्याही की लड़ाई अब पहुंची राकेश टिकैत तक

उमेश मलिक से शुरू हुई काली स्याही की लड़ाई अब पहुंची राकेश टिकैत तक

मुज़फ्फरनगर। नेताओं पर काली स्याही फेंकने की घटनाएं तो कई बार हो चुकी है, मगर उत्तर प्रदेश के बुढ़ाना विधानसभा सीट से तत्कालीन भाजपा विधायक उमेश मलिक की गाड़ी पर राकेश टिकैत के गृह नगर सिसौली में काली स्याही फेंकने की लड़ाई आज कर्नाटक में राकेश टिकैत पर फेंकने तक आ पहुंची है।

सियासत में काली स्याही विरोधियों पर फेंकने का सिलसिला हमेशा से चलता रहा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एवं उनकी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह पर भी राजनीतिक विरोध के कारण काली स्याही फेंकी जा चुकी है। लेकिन उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव से पहले बुढ़ाना विधानसभा से भाजपा के तत्कालीन विधायक पर उमेश मलिक पर भारतीय किसान यूनियन की राजधानी कही जाने वाली और भाकियू नेता राकेश टिकैत के गृह नगर सिसौली में भी चुनाव प्रचार के दौरान कुछ लोगों ने उमेश मलिक की गाड़ी पर काली स्याही फेंककर उन पर कुछ लोगो ने हमला भी किया था। इस घटना के विरोध में मुजफ्फरनगर से सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान उत्तर प्रदेश में मंत्री कपिल देव अग्रवाल एवं तत्कालीन विधायक उमेश मलिक ने कार्रवाई की मांग को लेकर भोराकलां थाने पर धरना भी दिया था। उमेश मलिक की गाड़ी पर काली स्याही फेंकने का आरोप भाकियू एवं रालोद के समर्थकों लगाया गया था।


सिसौली में हुई इस घटना ने काफी तूल पकड़ा था। उसके बाद भाजपा के टिकट पर 2022 के विधानसभा चुनाव में उमेश मलिक ने फिर से चुनाव लड़ा और उन्होंने भाकियू के गढ़ बुढ़ाना विधानसभा में जमकर चुनाव लड़ा था। खुद सिसौली में उमेश मलिक और सपा रालोद गठबंधन के प्रत्याशी राजपाल बालियान के बीच कड़ा मुकाबला हुआ था। सिसौली में तत्कालीन विधायक उमेश मलिक की गाड़ी पर फेंकी गई सियासी स्याही फेंकने की लड़ाई आज कर्नाटक के बेंगलुरु में उस समय भी देखने को मिली, जब भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत मीडिया से बात कर रहे थे। तब एक व्यक्ति ने राकेश टिकैत पर हमला करते हुए उनके ऊपर काली स्याही फेंककर विरोध जताया था। इस घटना के बाद मौके पर मौजूद भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं एवं स्याही फेंकने वालों के बीच मारपीट की घटना भी हुई है।

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