गायब हुए मंत्री का कोर्ट में सरेंडर-फैसला रखा सुरक्षित

गायब हुए मंत्री का कोर्ट में सरेंडर-फैसला रखा सुरक्षित

कानपुर। कचहरी में भारी गहमागहमी के बीच दोषी करार दिए जाने के बाद से गायब हुए कैबिनेट मंत्री राकेश सचान ने अदालत पहुंचकर सरेंडर कर दिया है। अदालत में उनके वकील ने बहस करते हुए अपना तर्क रखा। सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत की ओर से फैसले को सुरक्षित रख लिया गया है। आगामी 10 अगस्त को अब अदालत की ओर से मंत्री की सजा को लेकर अपना फैसला सुनाया जाएगा।

सोमवार को कैबिनेट मंत्री राकेश सचान के बचाव पक्ष में आगे आया कानपुर के दिग्गज वकीलों का पैनल अदालत में पहुंचा। अदालत के बंद कमरे में कैबिनेट मंत्री राकेश सचान के मामले को लेकर सुनवाई हुई। इससे पहले एडवोकेट रामेंद्र सिंह कटियार, बार एसोसिएशन के पूर्व महामंत्री कपिल देव सचान, शिव कांत दीक्षित, नरेश चंद्र त्रिपाठी और राघवेंद्र प्रताप समेत छह वकीलों के साथ कैबिनेट मंत्री राकेश सचान अदालत में पहुंचे। कचहरी में भारी गहमागहमी के बीच एसीएमएम कोर्ट में कैबिनेट मंत्री के मामले पर सुनवाई की गई। एडवोकेट नरेश चंद त्रिपाठी ने मंत्री के फाईल लेकर गायब हो जाने की बाबत अपना पक्ष अदालत के सामने रखा। सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत की ओर से अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया।

गौरतलब है कि राज्य सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के मंत्री राकेश सचान को 31 साल पुराने एक मामले में अदालत द्वारा दोषी ठहराया गया है। अब आगामी 10 अगस्त को इस मामले में अदालत की ओर से फैसला सुनाया जाएगा।

दरअसल वर्ष 1991 में पुलिस द्वारा राकेश सचान के पास में एक अवैध हथियार बरामद किया गया था। उस समय वह समाजवादी पार्टी की लाल टोपी धारण किए हुए थे। इस मामले में मौजूदा कैबिनेट मंत्री के खिलाफ शस्त्र अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।

इसी मामले को लेकर शनिवार को कानपुर की अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट-3 की अदालत में सुनवाई हुई थी जिसमें कैबिनेट मंत्री को अदालत ने दोषी ठहरा दिया था। इसके बाद जैसे ही सजा सुनाने की बारी आई तो आरोप है कि कैबिनेट मंत्री खुद के दोषी घोषित होने के आदेश की फाइल लेकर ही अदालत में चले गए थे।

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