गठबंधन कैंडिडेटों की जीत से सपाइयों में खुशी के गोले- दफ्तर पर जश्न

गठबंधन कैंडिडेटों की जीत से सपाइयों में खुशी के गोले- दफ्तर पर जश्न

मुजफ्फरनगर। जनपद मुजफ्फरनगर में भारतीय जनता पार्टी के लिए सबसे मजबूत कही जाने वाली खतौली विधानसभा सीट के उपचुनाव में सपा रालोद आसपा गठबंधन उम्मीदवार मदन भैया और मैनपुरी लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी की कैंडिडेट डिंपल यादव को मिली जीत से सपा कार्यकर्ताओं के मन के भीतर लगातार पटाखे छूट रहे हैं। खुशी से फूले नहीं समा रहे सपा कार्यकर्ता पार्टी दफ्तर पर इकट्ठा होकर उपचुनाव में मिली जीत का जश्न मना रहे हैं।

बृहस्पतिवार का दिन समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं के लिए खुशी का पैगाम लेकर आया है, क्योंकि समाजवादी पार्टी की मैनपुरी लोकसभा सीट की उम्मीदवार सपा मुखिया अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव भारी-भरकम जीत हासिल करने के साथ सांसद बन गई है। इसके साथ-साथ जनपद मुजफ्फरनगर में भारतीय जनता पार्टी के लिए मजबूत किला कहे जाने वाली खतौली विधानसभा सीट पर सपा आरएलडी एवं एएसपी उम्मीदवार मदन भैया जीत हासिल कर विधानसभा के भीतर पहुंचने का अधिकार पा गए हैं।

दो स्थानों पर मिली इस जीत से उत्साहित समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पार्टी के महावीर चौक स्थित दफ्तर पर पहुंचकर जीत का जश्न मनाया है। समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष प्रमोद त्यागी एडवोकेट ने मैनपुरी लोकसभा सीट और खतौली विधानसभा सीट पर मिली हार को बीजेपी की नीतियों एवं कार्यक्रमों की हार बताया है।

उन्होंने कहा है कि देश भर के लोग महंगाई से बुरी तरह जूझ रहे हैं और युवा रोजगार के लिए धक्के खाते फिर रहे हैं। इसके बावजूद सरकार अन्य सभी मोर्चों पर भी विफलता प्राप्त कर रही है।

उन्होंने आरोप लगाया कि मैनपुरी लोकसभा सीट के साथ-साथ खतौली विधानसभा सीट को जीतने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के साथ केंद्र सरकार ने भी पूरा जोर लगाया। जिसके चलते केंद्र सरकार के साथ-साथ योगी सरकार के मंत्री भी लगातार खतौली विधानसभा सीट पर मतदाताओं के बीच अपनी घुसपैठ बनाने में लगे रहे। लेकिन मतदाता पहले ही बीजेपी को हराने का मन बना चुके थे। जिसके चलते वह साइलेंट तरीके से सबकी हां में हां मिलाते रहे और जब मतदान का दिन आया तो उन्होंने हैंडपंप का बटन दबाया।

इस मौके पर जिलाध्यक्ष प्रमोद त्यागी, पूर्व मंत्री राजकुमार यादव, पूर्व मंत्री महेश बंसल, शमशेर मलिक, साजिद हसन, सलमान त्यागी, डॉ इसरार अली, सुमित खेड़ा, शलभ कुमार गुप्ता आदि बहुत से कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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