रामपुर में आजम खां पर सात दर्जन मुकदमें, सपा ने कार्रवाई को बताया प्रशासनिक अराजकता

रामपुर में आजम खां पर सात दर्जन मुकदमें, सपा ने कार्रवाई को बताया प्रशासनिक अराजकता

लखनऊ। रामपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद और उत्तर प्रदेश के पूर्व नगर विकास मंत्री मौहम्मद आजम खां व उनके परिवार के लोगों के खिलाफ पुलिस और प्रशासन के खिलाफ लगातार दर्ज किये जा रहे मुकदमों को लेकर समाजवादी पार्टी ने अब सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष ही रोष प्रकट किया है।


आजम खां के खिलाफ सात दर्जन मुकदमे दर्ज किये जाने को सपा ने प्रशासनिक अराजकता करार देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लोकतंत्र की मर्यादा को कायम रखने और विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए द्वेषपूर्ण कार्रवाई से बचने की बात कही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भरोसा दिया है कि आजम खां के खिलाफ सरकार किसी भी स्तर पर अन्याय नहीं होने देगी।






उल्लेखनीय है कि रामपुर में पुलिस और प्रशासन के द्वारा सांसद आजम खां, उनकी पत्नी तंजीम फात्मा, बड़े बेटे अदीब खां और अन्य परिजनों के खिलाफ लगातार मुकदमे दर्ज करते हुए कार्रवाई की जा रही है। आज भी जिला कारागार के फांसी घर की जमीन को कब्जाने के आरोप में आजम खां के पुत्र अदीब खां के खिलाफ तहसीदार द्वारा एफआईआर दर्ज करायी गयी है। इसे सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुखरता के साथ उठाया है। सपा इसके लिए आंदोलन की घोषणा भी कर चुकी है। जबकि रामपुर जिला प्रशासन के द्वारा इसके बाद भी आजम खां को लेकर लगातार कानूनी कार्रवाई की जा रही है।







इसी सिलसिले में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने शुक्रवार को विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन, सपा प्रदेशाध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल, पूर्व मंत्री माता प्रसाद पाण्डेय एवं पूर्व मंत्री बलराम यादव के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की।







इस मुलाकात के बाद नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने मीडिया को जारी बयान में कहा कि उत्तर प्रदेश की सरकार द्वारा राजनीतिक विरोधियों और आलोचकों के खिलाफ लगातार की जा रही द्वेषपूर्ण कार्यवाही का आलम यह है, कि दशकों के अपने राजनीतिक जीवन में तमाम बार मंत्री रहे और वर्तमान में रामपुर लोकसभा क्षेत्र से सपा के सांसद मौहम्मद आजम खान के खिलाफ रामपुर पुलिस प्रशासन द्वारा सात दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं। इसके बाद भी यह प्रक्रिया लगातार जारी रखी गयी है।



उन्होंने कहा कि निष्पक्ष और ईमानदार होने का दावा करने वाली भाजपा सरकार में अफसरशाही का आलम यह है कि सांसद जैसे ओहदे पर होने के बावजूद आजम खान के खिलाफ बकरी चोरी, किताब चोरी जैसे हास्यास्पद मुकदमे दर्ज करने के साथ ही गंभीर और संगीन धाराओं में रोज ही नई-नई एफआईआर तय की जा रही हैं।



रामगोविन्द चौधरी ने कहा, कि सारा देश जानता है कि रामपुर जिला प्रशासन के द्वारा आजम खान के खिलाफ यह पूर्वाग्रहपूर्ण दमन की नीति के कारण ऐसा किया जा रहा है ताकि सरकारी भ्रष्टाचार, कुशासन और निरंकुशता के खिलाफ कोई भी आवाज उठाने से डर जाये। इसमें शासन की भी पूरी मिलीभगत है। जानबूझकर विपक्ष को दबाने और डराने के लिए ऐसा किया जा रहा है। भारत जैसे लोकतांत्रिक व्यवस्था वाले देश के सबसे बड़े प्रदेश में एक सर्वमान्य जनप्रतिनिधि और संसद सदस्य तथा उनके परिवार जनों पर इस तरह की कार्यवाही तानाशाही का ऐसा प्रत्यक्ष उदाहरण है जो राजनीतिक इतिहास में नजीर बन जाएगा। समाजवादी पार्टी और प्रदेश के लोग लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन करने वाली ऐसे कृत्य का पुरजोर विरोध करते हैं। राजनीतिक द्वेष एवं पूर्वाग्रह के कारण किसी वरिष्ठ नेता के विरुद्ध एक दुर्दान्त अपराधी की भांति व्यवहार करना न केवल अशोभनीय है, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों पर भी कुठाराघात है। रामगोविन्द चौधरी ने कहा, कि हमने पूरी ताकत और रोष के साथ रामपुर में आजम खान व उनके परिवार के खिलाफ एक सोची समझी रणनीति व साजिश के तहत हो रही प्रशासनिक अराजकता की वास्तविक स्थिति से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अवगत कराया है। साथ ही विपक्ष की आवाज को दबाने की प्रवित्ति को छोड़कर लोकतंत्र की मर्यादा को बनाये रखने का पुरजोर आग्रह करते हुए आवश्यक कार्यवाही की अपेक्षा जताई, जिसके उत्तर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आजम खान व उनके परिवार के विरु( चल रहे प्रकरण में किसी भी स्तर पर अन्याय न होने देने का आश्वासन दिया है।

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