सिद्धू ने चन्नी सरकार से पूछा, बेअदबी और नशे को लेकर अब तक क्या किया

सिद्धू ने चन्नी सरकार से पूछा, बेअदबी और नशे को लेकर अब तक क्या किया

चंडीगढ़। नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब प्रदेश कांगेस अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा वापिस लेने का आज ऐलान करने के साथ राज्य में पार्टी की सरकार पर फिर से हमला बोलते हुये पूछा कि गत लगभग 45 दिनों में उसने बरगाड़ी बेअदबी और नशे को लेकर उसने क्या कदम उठाये।

सिद्धू ने यहां चंडीगढ़ प्रैस क्लब में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वर्ष 2017 में बेअदबी मामला और नशे की समस्या जैसे दो प्रमुख मुद्दों पर जनता ने कांग्रेस को अपना जनादेश दिया था लेकिन साढ़े साल साल तक कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इन दोनों मुद्दों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की और उन्हें जाना पड़ा। उन्होंने कहा कि बरगाड़ी मामले को लेकर सात एफआईआर, तीन एसआईटी और दो आयोग गठित किये गये लेकिन आज तक इनकी रिपोर्ट सामने नहीं आई। वहीं राज्य के ड्रग रैकेट में कौन बड़े लोग संलिप्त है यह भी सामने नहीं आ पाया है। इस सम्बंध में गठित एसटीएफ की रिपोर्ट भी सार्वजनिक नहीं हुई है। उन्होंने सरकार को चुनौती दी कि अगर उसमें इन रिपोर्टों को सार्वजनिक करने की हिम्मत नहीं है तो वह इन्हें पार्टी को सौंप दें और वह प्रदेश अध्यक्ष के नाते इन्हें साार्वजनिक करेंगे। इतनी हिम्मत उनमें है।

उन्हाेंने कहा कि चरणजीत सिंह चन्नी को हाईकमान ने जिन पांच मुद्दों पर कार्रवाई करने के लिये मुख्यमंत्री बनाया उनमें पहले दो मुद्दे बरगाड़ी बेअदबी और ड्रग माफिया ही थे। लेकिन सरकार को बने हुये लगभग 45 दिन हो चुके हैं लेकिन अभी तक इस दिशा में कुछ नहीं नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि राज्य विधानसभा चुनावों को लेकर अब कुछ ही समय बचा है ऐसे में पार्टी को जनता को उन मुद्दों पर जबाव देना होगा जिन पर वह राज्य में चुन कर आई थी। दोनों मुद्दे पंजाबियों की आत्मा से जुड़े हुये हैं ऐसे में चुनावों में पार्टी राज्य के 12000 से ज्यादा गांवों में जनता के बीच वह किस मुंह से जाएगी।

नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सरकार की पहली कैबिनेट बैठक से ही वह ये दोनों मुद्दे उठाते रहे हैं। उन्होंने अपनी यह मांग मीडिया से लेकर अन्य मंचों पर भी उठाई। उन्होंने राज्य में नशा, शराब और बस माफिया के मुद्दे उठाये। उन्होंने कहा कि उनका न तो पूर्व मुख्यमंत्री और न ही मौजूद मुख्यमंत्री से कोई व्यक्तिगत दुराभाव नहीं है। वह पंजाब और पंजाबियों के हक से जुड़े मुद्दे उठा रहे हैं।




जारी वार्ता

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