गठबंधन की हार के साथ चली गई दांव पर लगी शेर अली की 4 बीघा कृषि जमीन

गठबंधन की हार के साथ चली गई दांव पर लगी शेर अली की 4 बीघा कृषि जमीन

बदायूं। उत्तर प्रदेश में 18 वीं विधानसभा के गठन के लिए हुए चुनाव की मतगणना में गठबंधन को मिली हार और बीजेपी की प्रचंड जीत के साथ ही दांव लगी शेर अली की 4 बीघा उस कृषि जमीन को लेकर अब कयास लगने शुरू हो गए हैं जो भाजपा एवं गठबंधन की चुनाव में हार जीत को लेकर लगाई गई थी। लोगों में अब इस बात को लेकर उत्सुकता है कि किए गए करारनामा के मुताबिक क्या भाजपा की जीत के साथ ही शर्त जीतने वाले विजय सिंह अब शेर अली की 4 बीघा जमीन खेती-बाड़ी के लिए वास्तव में ले पाएंगे या नही।

दरअसल 18 वीं विधानसभा के गठन के लिए उत्तर प्रदेश में हुए चुनाव की मतगणना से पहले बदायूं के बिरियादांडी गांव निवासी बीजेपी समर्थक विजय सिंह एवं समाजवादी पार्टी के समर्थक शेर अली के बीच अपने अपने दल की हार-जीत को लेकर शर्त लगी थी। बाकायदा करारनामा के साथ लगाई गई इस शर्त में गवाहों के बीच निर्धारित हुआ था कि यदि बीजेपी चुनाव जीतती है तो शेर अली अपनी 4 बीघा कृषि जमीन 1 साल के लिए विजय सिंह को खेती-बाड़ी करने के लिए देगा। जिसकी कमाई विजय सिंह के पास रहेगी। इसी तरह की शर्त विजय सिंह की और से भी लगी थी, जिसमें राज्य में भाजपा की सरकार नहीं बनने पर विजय सिंह को अपनी 4 बीघा जोत की जमीन शेर अली को देनी थी। इसकी बाकायदा लिखा पढ़ी करते हुए अंगूठे के निशान के साथ करारनामा किया गया था।

सोशल मीडिया पर यह करारनामा जमकर वायरल हुआ था। दोनों पक्षों में किए गए करार को लेकर कोई मुकर ना जाए इसके लिए बाकायदा गांव के किशनपाल सेंगर, जय सिंह शाक्य, कन्ही लाल, राजाराम, उमेश, राजीव कुमार और सतीश कुमार सहित दर्जन भर लोग गवाह बने थे।

10 मार्च को भाजपा के पक्ष में आए नतीजों को लेकर विजय सिंह ने खुशी जताई है। उन्होंने कहा है कि उन्हें इस बात का पूरा भरोसा था कि राज्य में बीजेपी ही इलेक्शन जीतकर राज्य में एक बार फिर से अपनी सरकार बनाएगी। शर्त के मुताबिक अब विजय सिंह खेत लेंगे या नहीं? इस पर विजय सिंह ने कहा है कि वह भले ही शर्त जीत गए हैं लेकिन वह शेर अली से खेत लेंगे या नहीं? यह समय ही बताएगा। पहले शेर अली की स्थिति भी देखेंगे, इसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा।

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