बोले जयंत- अंबानी और अडानी के तुष्टीकरण में लगी है सरकार

बोले जयंत- अंबानी और अडानी के तुष्टीकरण में लगी है सरकार

सहारनपुर। राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार अडानी और अंबानी के तुष्टीकरण में लगी हुई है। उसे किसानों की समस्याओं से कुछ भी लेना देना नहीं है। लेकिन किसानों की बात को अनसुना करना सरकार के लिए ठीक नहीं रहेगा।

बुधवार को जनपद के नकुड में राष्ट्रीय लोकदल द्वारा आयोजित की गई किसान महापंचायत में जनपद व आसपास के क्षेत्र से आए किसानों के बीच पहुंचे राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा नए कृषि कानूनों के खिलाफ जगह-जगह हो रही किसान पंचायतें सरकार को इस बात का संदेश दे रही है कि किसानों की बात को अनसुना करना सरकार के लिए ठीक नहीं रहेगा। उन्होंने केंद्र सरकार पर किसान आंदोलन को शुरू से ही बदनाम करने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार किसानों को कभी खालिस्तानी बताती है तो कभी आतंकवादी।

आंदोलन को पंजाबियों व जाटों का बताने की कोशिश कर रही सरकार को कह देना चाहता हूं कि यह आंदोलन किसी एक जाति का नहीं बल्कि देश के किसानों का आंदोलन है। रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा कि हरियाणा सरकार में मंत्री जेपी दलाल किसानों की शहादत हो का उपहास उड़ाते हैं। इसलिए चाहे किसान का खून बह जाए इनको कोई फर्क नहीं पड़ता। इन्हें तो बस अपनी कुर्सी ही प्यारी है।

प्रधानमंत्री द्वारा संसद में दिए गए बयान पर जयंत चौधरी ने कहा कि वह किसानों को आंदोलनजीवी कह रहे हैं। फिर तो संत कबीरदास, बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, किसान नेता चौधरी चरण सिंह जी आंदोलनजीवी ही थे। इसलिए हम सब आंदोलनजीवी ही हैं। पीएम किसानों को परजीवी भी कहते हैं पर क्या वह किसान परजीवी हो सकता है जिसने हमेशा से ही देशवासियों का पेट भरा हो।

उन्होंने कहा कि स्वयं को किसान हितैषी बताने वाली सरकार में सहारनपुर जनपद में छुटमलपुर स्थित बैंक की शाखा के सामने किसान वेदपाल ने कर्ज और अधिकारियों के दबाव की वजह से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। लेकिन सरकार ने मामले का संज्ञान तक नही लिया।

उन्होंने आरोप लगाया कि जिस जीटी रोड को मुगलों ने भी नहीं खोदा। भाजपा ने उस सड़क को खोदकर किसानों को रोकने के लिए कीलें लगाई। किसान पंचायत को संबोधित करते जयंत चौधरी ने कहा कि भाजपा वाले जब आप की सड़क खोद सकते हैं तो आप वोट की चोट से भाजपा की सडक खोद दें।

उन्होंने आरोप लगाया कि कि मोदी सरकार ने गरीबों की सवारी कहीं जाने वाली रेलों का किराया दोगुना कर दिया है। सरकार की दलील है कि इससे अनावश्यक लोग घरों से नहीं निकलेंगे। उन्होंने कहा कि एक बाबा सार्वजनिक मंचो पर कहते थे कि मोदी जी आएंगे तो डीजल पेट्रोल का भाव 35 रूपये लीटर कर देंगे। लेकिन आज डीजल, पेट्रोल और रसोई गैस के दामों को लेकर लोगों में हाहाकार मचा हुआ है। डीजल के बढ़े दामों की वजह से किसान को ट्रैक्टर चलाना भी मुश्किल हो गया है। रालोद नेता ने आरोप लगाया कि भाजपा ने गैर कानूनी तरीकों से कृषि कानूनों को पास कराया है। सरकार के नये कृषि कानून काले हैं और इनको लाने के पीछे सरकार की जिद भी काली है।

उन्होंने कहा कि चौधरी चरण सिंह ने 1964 में किसानों के फायदे के लिए ही मंडिया बनाई थी। चुनाव से पहले सीएम योगी ने बिजनौर में कहा था कि चौधरी चरण सिंह जी के सम्मान में किसान राहत कोष बनाएंगे। लेकिन कोई भी योजना चैधरी चरण सिंह के नाम से नहीं बनाई गई।

उन्होंने कहा कि मोदी जी के नाम से गुजरात में स्टेडियम बनाया गया है। जिसमें एक छोर अडानी तो दूसरा अंबानी है। किसान महापंचायत के दौरान कुछ फैसले भी लिए गए जिसमें मांग उठाई कि जो निर्दोष किसान शहीद हुए हैं उनका सम्मान किया जाए। पत्रकारों के विरुद्ध उत्पीडन की कार्यवाही बंद की जाए। तीनों कृषि कानून वापस लिए जाएं। कोई भी खरीद एमएसपी से नीचे नहीं होनी चाहिए। फसल चाहे कोई भी खरीदें।

किसान पंचायत को पार्टी के अन्य नेताओं ने भी संबोधित कर किसानों से एकजुट रहने का आह्वान किया। रालोद की किसान पंचायत में उमडी किसानोें की भीड ने आयोजकों के साथ रालोद उपाध्यक्ष को भी गदगद कर दिया। किसान पंचायत में किसानों की समस्याओं के अलावा डीजल, पेट्रोल और रसोई गैस के साथ आवश्यक वस्तुओं की महगांई का मुददा प्रमुखता के साथ छाया रहा।

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