बोले राकेश-खत्म नहीं हुआ आंदोलन-गाजीपुर बॉर्डर पर डटे हैं किसान

बोले राकेश-खत्म नहीं हुआ आंदोलन-गाजीपुर बॉर्डर पर डटे हैं किसान

नई दिल्ली। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि राजधानी दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर नए कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की मांग को लेकर चल रहा आंदोलन खत्म नहीं हुआ है, बल्कि पहले की तरह गाजीपुर बॉर्डर पर बादस्तूर चल रहा है। उन्होंने गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे धरने को हटाए जाने की खबरों को पूरी तरह मनगढ़ंत और निराधार बताया है।

बृहस्पतिवार की दोपहर को भारतीय किसान यूनियन की ओर से ट्वीट करके कहा गया कि किसानों भाइयों कुछ लोगों की ओर से यह अफवाह फैलाई जा रही हैं कि गाज़ीपुर बॉर्डर खाली किया जा रहा है। यह पूर्णतया निराधार है, हम यह दिखा रहे है कि रास्ता किसानों ने नहीं दिल्ली पुलिस ने बन्द किया है।"

आंदोलनों मेें सड़कों को लम्बे समय तक बंद करने के मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय के सख्त रूख के बाद भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने आज राष्ट्रीय राजमार्ग 24 के दिल्ली-गाजीपुर मुर्गा मंडी की तरफ जाने वाली सर्विस लेन को खुद खुलवा दिया है।

किसान नेताओं का दावा है कि सड़क को उन्होंने बंद नहीं किया है बल्कि पुलिस ने इसे बंद कर रखा है।

इस बीच सर्वाेच्च अदालत के आदेश के बाद किसानों के प्रदर्शन स्थल के पास पुलिस बलों की संख्या बढा दी गयी है। बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने धरनास्थल पर पत्रकारों से कहा, 'अब हम दिल्ली जाएंगे और बताएंगे कि रास्ता खुला हुआ है।" उन्होंने यह पूछने पर कि दिल्ली में कहां जाएंगे के सवाल पर कहा, ' अब हम संसद जाएंगे जहां पर कानून बनता है।'

उच्चतम न्यायालय ने एक याचिका पर सुनवाई के दौरान गुरुवार को केंद्र सरकार को एक बार फिर स्पष्ट कहा कि किसानों को धरना-प्रदर्शन का अधिकार है लेकिन इसके कारण सड़कों को अनिश्चितकाल के लिए बंद नहीं किया जा सकता है। शीर्ष अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद किसान संगठनों से चार सप्ताह में अपना जवाब दाखिल करने को कहा है। इस मामले की अगली सुनवाई 7 दिसंबर को होगी।

गौरतलब है कि संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले 40 से अधिक किसान संगठन दस महीने से अधिक समय से तीन कृषि कानूनों को रद्द करने समेत अन्य मांगों को लेकर राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं।

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