20 फरवरी को इस जिले मे पहुंचेगी राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा

20 फरवरी को इस जिले मे पहुंचेगी राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा

रायबरेली। दशकों से कांग्रेस का गढ़ रहे उत्तर प्रदेश के रायबरेली में आगामी 20 फरवरी को कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा प्रवेश करने जा रही है। कांग्रेस के आधिकारिक सूत्रों से रविवार को मिली जानकारी के अनुसार आगामी मंगलवार 20 फरवरी को कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा का आगाज़ होने जा रहा है। बताया गया कि बिहार से सटे चंदौली से उत्तर प्रदेश यह काफिला दाखिल हुआ है और अब धीरे धीरे करके यह रायबरेली पहुंच रहा है।

गौरतलब है कि रायबरेली संसदीय क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ रहा है। एक समय मे सीधा प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का लोकसभा क्षेत्र होने के कारण और उसके बाद कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस कालीन शासन के दौरान रायबरेली वीवीआइपी संसदीय क्षेत्र की हैसियत से अपना जलवा कायम रखे था। सोनिया गांधी ने राजस्थान से राज्यसभा सांसद के उम्मीदवार की हैसियत से अपना पर्चा दाखिल किया है। उसके बाद उन्होंने रायबरेली की जनता को एक भावुक पत्र भी लिखा जिसमे उन्होंने कहा कि रायबरेली की जनता उनके परिवार को वैसे ही सम्भाल लेगी जैसे अब तक संभालती आयी है। साल 2014 में मोदी लहर के बावजूद यहां से सोनिया गांधी विजयी हुई थी और उसके बाद साल 2019 में भाजपा सरकार के राज में दुबारा से यहां की जनता ने सोनिया गांधी को विजयी बनाया था हालांकि उस दौरान राहुल गांधी को अमेठी से पराजय का मुंह देखना पड़ा था।

राहुल को स्मृति ईरानी ने अच्छे खासे वोटों से हराया था इसलिए उत्तर प्रदेश में बची रायबरेली सीट को कांग्रेस शायद ही गवाना चाहे। कांग्रेस के दौर में रायबरेली में आईटीआई, रेल कोच फैक्ट्री, एनटीपीसी एम्स इंजीनियरिंग कॉलेज, निफ्ट समेत कई बड़े काम हुए थे । कांग्रेस जरूर चाहेगी की अपने पहले के कार्यों को जनता को जरूर याद दिलाती रहे।

जानकारी के मुताबिक भारत जोड़ो न्याय यात्रा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में एक वर्तमान आंदोलन है। यह जनवरी, 2024 को मणिपुर के थोउबल से शुरू हुआ और यह भारत के पूर्व-पश्चिम विस्तार को कवर करते हुए मार्च, 2024 को मुंबई में समाप्त होगा।

इस अभियान का उद्देश्य देश भर में पार्टी के चुनावी आधार से जुड़ना है और इसे आगामी राष्ट्रीय चुनावों के लिए एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है लेकिन आगे इसका क्या परिणाम निकलेगा यह भविष्य के गर्भ में छुपा है। यह राजनीतिक यात्रा भारत जोड़ो यात्रा की अगली कड़ी है। हालांकि, पिछली यात्रा के विपरीत, यह यात्रा पूरी तरह से पैदल नहीं होगी , और इसे हाइब्रिड मोड में किया जाएगा। यात्रा के लंबे हिस्से के लिए पार्टी बसों का उपयोग भी करेगी।

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