प्रियंका का PM को पत्र - लखीमपुर के किसानों को मिले इंसाफ

प्रियंका का PM को पत्र - लखीमपुर के किसानों को मिले इंसाफ

नई दिल्ली। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजकर गृह राज्यमंत्री को बर्खास्त करने की मांग की है।

प्रियंका गांधी ने पत्र में लिखा कि कल आपने तीन कृषि कानूनों को किसानों पर थोपने के अत्याचार को स्वीकार करते हुए उन्हें वापस लेने की घोषणा की। मैंने अखबारों में पढ़ा है कि आपका आज लखनऊ में होने वाली डीजीपी कॉन्फ्रेंस में देश की कानून व्यवस्था संभालने वाले आला अधिकारियों से चर्चा करेंगे।

उन्होंने लिखा कि लखीमपुर किसान नरसंहार में अन्नदाता के साथ हुए क्रूरता को पूरे देश ने देखा। आपको यह जानकारी है कि किसानों को अपनी गाड़ी से कुचलने का मुख्य आरोपी आपकी सरकार कि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री का बेटा है। राजनीतिक दबाव के चलते इस मामले में उत्तरप्रदेश सरकार ने शुरुआत से ही न्याय की आवाज को दबाने की कोशिश की। उच्चतम न्यायालय ने इस संदर्भ में कहा कि सरकार की मंशा देखकर लगता है कि सरकार किसी विशेष आरोपी को बचाने का प्रयास कर रही है।

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने लिखा कि, मैं लखीमपुर के शहीद किसानों के परिजनों से मिलीे हूँ। वे असहनीय पीड़ा में है। सभी परिवारों का कहना है कि वह सिर्फ अपने शहीद परिजनों के लिए न्याय चाहते हैं और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पद पर बने रहते हुए उन्हें न्याय की कोई आस नहीं है। लखीमपुर किसान नरसंहार मामले में जांच जांच की हालिया स्थिति उन परिवारों की आशंका को सही साबित करती है। देश की कानून व्यवस्था के जिम्मेदार गृह मंत्री अमित शाह एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आपके उसी मंत्री के साथ मंच साझा कर रहे हैं।

उन्होंने लिखा कि आप देश के प्रधानमंत्री हैं, आप देश के किसानों के प्रति अपनी जिम्मेदारी अच्छी तरह से समझते होंगे। हर देशवासी के लिए न्याय सुनिश्चित करना प्रधानमंत्री का कर्तव्य ही नहीं, उनका नैतिक दायित्व होता है। कल देशवासियों को संबोधित करते हुए आपने कहा कि सच्चे मन और पवित्र ह्रदय से किसानों के हित को देखते हुए कृषि कानूनों को वापस लेने का अभूतपूर्व निर्णय लिया गया है। आपने यह भी कहा कि देश के किसानों के प्रति आप नेक नियत रखते हैं यदि यह सत्य हैं तो लखीमपुर किसान नरसंहार मामले में पीड़ितों को न्याय दिलवाना भी आपके लिए सर्वाेपरि होना चाहिए। लेकिन केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी अभी भी आप के मंत्रिमंडल में अपने पद पर बने हुए हैं। यदि आप इस कॉन्फ्रेंस में आरोपी के पिता के साथ मंच साझा करते हैं तो पीड़ित परिवारों को स्पष्ट संदेश जाएगा कि आप अभी भी कातिलों का संरक्षण करने वालों के साथ खड़े हैं। यह किसान सत्याग्रह में शहीद 700 से अधिक किसानों का घोर अपमान होगा। अगर देश के किसानों के प्रति आपकी नियत सचमुच साफ है तो आज अपने केंद्रीय गृहमंत्री के साथ मंच पर विराजमान मत होइए, उनको बर्खास्त कीजिए। देशभर में किसानों पर हुए मुकदमों को वापस लीजिए और अभी शहीद किसानों के परिवारों को आर्थिक अनुदान दीजिए।



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