प्रियंका का CM को पत्र- बोली जनता को राहत दे सरकार

प्रियंका का CM को पत्र- बोली जनता को राहत दे सरकार

लखनऊ। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर जनता को तत्काल प्रभाव से राहत के लिए अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन और दवाइयों की घोर किल्लत तथा कालाबाजारी को रोके जाने की मांग की है।

मंगलवार को कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने सीएम योगी आदित्यनाथ को एक पत्र भेजकर कहा है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर प्रदेश में अपना कहर बरपा रही है। प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में कोरोना की जांच नहीं हो रही है। शहरों में भी कोरोना की जांच कराना मुश्किल हो रहा है। अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन और दवाइयों की घोर किल्लत है।

राज्य में जीवन रक्षक दवाइयों, ऑक्सीजन और आवश्यक वस्तुओं के साथ अन्य चीजों की कालाबाजारी करने वाले लोग सक्रिय हो गए हैं। पत्र में कहा गया है कि कोरोना संक्रमण की इस महामारी की लड़ाई में लोगों को लड़ने के लिए अकेला छोड़ने के बजाय सरकार उन्हें राहत दिलाने के उपाय करें। क्योंकि मुख्यमंत्री जनता के प्रति जवाबदेह हैं और वह अपनी जिम्मेदारी से मुंह नहीं मोड़ सकते हैं। प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा है कि कोरोना महामारी के बीच रात दिन मेहनत कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंट लाइन वर्कर्स के लिए सरकार की ओर से आर्थिक पैकेज की घोषणा की जानी चाहिए। बंद किए जा चुके सभी कोविड़ अस्पतालों और देखभाल केंद्रों को फिर से तुरंत अधिसूचित करते हुए युद्ध स्तर पर ऑक्सीजन युक्त बेड की उपलब्धता, अपनी सेवा से निवृत्त हुए सभी चिकित्सा कर्मियों, मेडिकल व पैरामेडिकल स्टाफ को उनके घरों के पास ही स्थित अस्पतालों में काम करने के लिए बुलाया जाए।

कोरोना संक्रमण एवं मौत के आंकड़ों को ढकने या छुपाने की वजह शमशान, कब्रिस्तान प्रबंधन और नगरपालिका निकायों से परामर्श कर पारदर्शिता के साथ लोगों को बताया जाए। सीएम से मांग की गई है कि कोरोना की आरटीपीसीआर जांच की संख्या बढ़ाई जाए और सुनिश्चित किया जाए कि कम से कम 80 प्रतिशत जांच आरटीपीसीआर के माध्यम से ही हो। ग्रामीण क्षेत्रों में नए जांच केंद्र खोले जाएं और पर्याप्त जांच किटों की खरीद तथा प्रशिक्षित कर्मचारियों की नियुक्ति की जाए। आंगनबाड़ी और आशा कर्मियों की मदद से ग्रामीण इलाकों में दवाइयों व उपकरणों की कोरोना संक्रमण किट वितरित की जाए ताकि लोगों को सही समय पर शुरुआती दौर में ही इलाज और दवाई मिल सके और उनके अस्पताल जाने की नौबत ही ना आए। जीवन रक्षक दवाइयों की कालाबाजारी पर रोक लगाई जाए। महत्वपूर्ण जीवन रक्षक दवाइयों के रेट निर्धारित किए जाएं।

ऑक्सीजन के भंडारण की एक नीति तुरंत बनाई जाए ताकि आपात स्थिति के लिए हर जिला मुख्यालय पर ऑक्सीजन का अतिरिक्त भंडार तैयार हो सके। ऑक्सीजन सेवा को पूरे राज्य भर में एंबुलेंस का स्टेटस दिया जाए ताकि परिवहन आसान हो सके। संकट के चलते बंदिशों का दंश झेल रहे सभी गरीबों, श्रमिकों, रेहडी पटरी वाले और देश के अन्य राज्यों से अपनी रोजी-रोटी छोड़कर घर लौटने वाले गरीबों को नकद आर्थिक मदद दी जाए। प्रदेश में युद्ध स्तर पर तुरंत वैक्सीनेशन की शुरुआत कराई जाये। देश की 60 प्रतिशत आबादी का टीकाकरण करने के लिए उत्तर प्रदेश को कम से कम 10000 करोड रुपए की आवश्यकता होगी। जबकि इसके लिए 40 करोड ही आवंटित किए गए हैं। प्रियंका गांधी वाड्रा ने बुलंदशहर में बने भारत इम्यूनोलॉजिकल एंड बायोलॉजिकल कारपोरेशन में टीके के निर्माण की संभावनाएं तलाशने का सीएम से आग्रह किया है। पत्र में कहा गया है कि कोरोना की पहली लहर से बुनकर, कारीगर, छोटे दुकानदार, छोटे कारोबार तबाह हो चुके हैं। दूसरी लहर में उन्हें कम से कम कुछ राहत जैसे बिजली,पानी, स्थानीय टैक्स आदि में राहत दी जाए ताकि वह खुद को संभाल सके।



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