प्रियंका की दरिया दिली-सुजीत को उपहार में दी नाव-बच्चों की पढ़ाई की कोशिश

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प्रयागराज। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी इस समय विधानसभा चुनाव के मद्देनजर उत्तर प्रदेश के विभिन्न स्थानों का दौरा करते हुए लोगों से मुलाकात कर रही है। इस दौरान कांग्रेस नेता परेशान हाल लोगों से मिलकर उनकी परेशानी को पूछते हुए उनकी मदद करने में भी गुरेज नहीं करती है। प्रयागराज के सुजीत निषाद जो गंगा नदी में नाव चलाकर अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं, उनकी मदद करते हुए प्रियंका गांधी वाड्रा ने मानवता की एक मिसाल पेश की है।

दरअसल प्रयागराज के सुजीत निषाद गंगा नदी में नाव चलाकर परिवार का पेट पालते हैं। इस साल फरवरी महीने में मौनी अमावस्या के दिन रोज की तरह ही जब सुजीत यात्रियों का इंतजार कर रहे थे, उस समय सुजीत को एक ऐसी सवारी मिली जिसने किराए के तौर पर नई नाव बनवाकर उन्हें उपहार के रूप में दी। इससे पहले सुजीत किराए पर नाव लेकर चलाते थे लेकिन अब उनके पास अपनी नाव है।

11 फरवरी को यानी मौनी अमावस्या के दिन संगम तट पर जिस यात्री ने उनकी किस्मत बदली वह कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी हैं। प्रियंका गांधी के नजदीकी सूत्र बताते हैं कि मौनी अमावस्या स्नान के लिए प्रयागराज पहुंची प्रियंका ने नाव चलाने में हाथ भी आजमाया था। बातचीत के दौरान सुजीत ने बताया कि वह किराए की नाव चलाता है। प्रियंका ने उनसे नई नाव दिलाने का वादा किया। फरवरी में प्रियंका का वादा कुछ दिनों पहले ही पूरा हुआ है।

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव व उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी की टीम से जुड़े सूत्र ने बताया कि नाव बनाने में काफी समय लगता है। इसी वजह से सुजीत को नाव मिलने में देरी हुई। इस नाव के निर्माण पर करीब 1 लाख रुपये का खर्च आया है। प्रियंका गांधी लगातार अपनी टीम से इस बाबत पूछताछ करती रहीं। बहरहाल यह पहली बार नहीं है जब प्रियंका गांधी ने चुपचाप किसी जरूरतमंद की मदद की हो लेकिन इसका खुलासा तब हुआ जब सुजीत ने अपनी नई नाव पर प्रियंका गांधी जी एवं वाड्रा जी द्वारा सप्रेम भेंट लिखवाकर चलाना शुरू किया। संपर्क करने पर प्रियंका गंाधी की टीम ने पूरी जानकारी दी और कहा कि उनकी नेता किया हुआ वादा भूलती नहीं हैं।

जानकारी के मुताबिक प्रियंका गांधी फोन पर सुजीत निषाद से दो-तीन बार बात भी कर चुकी हैं और उनकी टीम सुजीत के बच्चों की बेहतर पढ़ाई को लेकर कोशिश कर रही है। एक न्यूज़ चौनल से बात करते हुए सुजीत निषाद ने खुशी का इजहार किया और कहा, प्रियंका गांधी को नाव पर क्या बिठाया हमारे दिन बदल गए। उसकी कमाई ज्यादा हो रही है और अपनी नाव होने की खुशी की तो कोई कीमत ही नहीं है। उन्हें इंतजार है कि प्रियंका गांधी जब अगली बार प्रयागराज आए तो अपने तोहफे वाली नाव पर बैठें। बहरहाल हर यात्री को सुजीत यह बताना नहीं भूलते कि नाव प्रियंका गांधी ने दिलाई है।

इस सिलसिले में एक अहम बात यह भी है कि सुजीत निषाद ने प्रियंका गांधी से शिकायत की थी कि उसके गांव बसवार के निषाद समाज के लोगों को प्रशासन के जरिए परेशान किया जाता है।

इसके कुछ दिनों बाद प्रियंका गांधी ने इस गांव का दौरा किया और निषादों के अधिकार की आवाज उठाई. पुलिस द्वारा कथित रूप से जिन लोगों की नाव तोड़ी गई थी, उन्हें यूपी कांग्रेस ने दस लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी,इसके अलावा यूपी कांग्रेस ने प्रयागराज से बलिया तक नदी अधिकार यात्रा निकाली।

निषाद वोटबैंक के मद्देनजर प्रियंका ने लोकसभा चुनाव से पहले गंगा यात्रा भी की थी। साफ है कि निषाद समाज को साधने के लिए कांग्रेस लगातार कोशिश कर रही है।

हालांकि उसे अब तक पूरी तरह कामयाबी नहीं मिली है। सुजीत निषाद को नाव दिलाने जैसे प्रियंका गांधी की दरियादिल पॉलिटिक्स से उन्हें वाहवाही मिलना तो स्वाभाविक है लेकिन यूपी में छह महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की किस्मत बदलने के लिए उन्हें किसी चमत्कार की जरूरत है।

यूपी कांग्रेस में इन दिनों बड़े पैमाने पर प्रशिक्षण अभियान चलाया जा रहा है। जल्द ही प्रियंका गांधी यूपी का दौरा करने वाली हैं।

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