प्रियंका गांधी ने लगाया हाथरस पीड़िता की मां को गले, बांटा दुख

प्रियंका गांधी ने लगाया हाथरस पीड़िता की मां को गले, बांटा दुख

हाथरस। कांग्रेस महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने हाथरस पहुंच कर गैंगरेप पीड़िता की मां को गले लगा लिया। प्रियंका गांधी वाड्रा और राहुल गांधी हाथरस प्रकरण में लगातार एक्टिव है और वह हाथरस पीड़िता के गांव पहुंच चुके हैं। गांव पहुंचकर प्रियंका गांधी और राहुल गांधी पीड़िता के परिवार से बात कर रहे हैं और उनका दुख बांट रहे हैं। हाथरस पीड़िता बेटी की मां को प्रियंका गांधी ने गले लगा लिया व उनसे उनका दुख बांटा। सियासत कुछ भी हो परंतु यह हर राजनेता का फर्ज बनता है कि वह हाथरस गैंगरेप पीड़िता के परिवार के साथ खड़ा हो व उनसे मिलकर उनका दर्द साझा करें और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पीड़िता के घर पहुंचकर बंद कमरे में उनकी मां से उनके मन का हाल जाना। इंसानियत के लिए यह जरूरी हो जाता है कि वह एक बार अपने सब सियासी मसलों से ऊपर जाकर इंसान का फर्ज अदा करें।



हाथरस पीड़िता के परिवार के लिए यह बेहद मार्मिक घड़ी है क्योंकि उन्होंने अपनी बेटी को खोया है। यही नहीं पीड़ित परिवार अंतिम समय में बेटी का अंतिम संस्कार भी नहीं कर पाया था और ना ही उनके अंतिम दर्शन कर पाया था। इस घड़ी में पीड़ित परिवार के साथ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी व राहुल गांधी मिलने पहुंचे हैं। वही प्रियंका गांधी ने कहा कि हम अन्याय के खिलाफ खड़े हैं और जब तक न्याय नहीं होगा हम यह लड़ाई लड़ेंगे।जहां जहां अन्याय होगा वहां हम जाएंगे और लड़ेंगे।

करीब 1 घंटे हाथरस में गैंगरेप पीड़िता के परिवार से मिलने और बातचीत के बाद राहुल गांधी ने पत्रकारों से वार्ता में कहा कि वह दुख में पीड़ित परिवार के साथ खड़े हैं। वह पीड़ित परिवार को न्याय दिलाएंगे। परिवार की कोई गलती नहीं है।

जहां अन्य विपक्षी दल जैसे सपा और बसपालगातार कमरे के अंदर बैठकर ट्विटर ट्विटर खेल रहे हैं वहीं कांग्रेस इस पूरे मामले में लगातार एक्टिव है और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए लगातार आवाज को लगातार उठा रही है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने जहां दलित वोटों के नाम पर अपनी राजनीति को चमकाया और राजनीति के शिखर पर पहुंची आज वह भी कमरे के अंदर बैठकर ट्विटर के जरिए एक्टिव है वह अब तक अपनी जिम्मेदारी को नहीं समझी और ना पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे और ना ही ऐसी कोई आवाज उन्होंने उठाई। ऐसे ही सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी इस मामले में पीछे दिखाई दे रही हैं। अखिलेश यादव का फर्ज बनता था कि वह पीड़ित परिवार के लिए जमीन पर आकर आवाज उठाएं।

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