प्री पोल सर्वे बसपा के खिलाफ षडयंत्र- मायावती

प्री पोल सर्वे बसपा के खिलाफ षडयंत्र- मायावती
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के सिलसिले में एक समाचार चैनल के प्री पोल सर्वे पर भड़कते हुये बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने कहा कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में किया गया सर्वे हवा हवाई और भ्रामक है जिससे लोग बहकावे में नहीं आयेंगे।

सुश्री मायावती ने शनिवार को कहा कि कोरोना प्रकोप और अर्थव्यवस्था की बदहाली के कारण देश में व्याप्त अति-महंगाई, ग़रीबी व बेरोज़गारी की मार ने लोगों का जीवन त्रस्त करके रख दिया है। इससे भाजपा के प्रति जन आक्रोश व्याप्त है तथा इनका रेटिंग ग्राफ भी काफी गिरा है। ऐसे समय में कल मीडिया के एक हिन्दी न्यूज़ चैनल द्वारा यूपी में इस बार विधानसभा का आमचुनाव होने पर भाजपा का वोट प्रतिशत पिछली बार के 40 से भी अधिक दिखाने का प्री-पोल सर्वे प्रायोजित ही नहीं बल्कि हवा-हवाई, शरारतपूर्ण व भ्रमित करने वाला ज्यादा लगता है।

उन्होने कहा कि सी-वोटर्स का सर्वे वैसे ही गले के नीचे से नहीं उतर पा रहा है जिस प्रकार से यहाँ 2007 के हुये विधानसभा आमचुनाव में बसपा के पक्ष में जबरदस्त माहौल होने के बावजूद भी उस समय हर प्री-पोल सर्वे पक्षपाती तौर पर बसपा की सरकार बनाने की बात कबूल नहीं कर रहा था और उस चुनाव में बसपा को पूर्ण बहुमत मिला था।

बसपा सुप्रीमो ने कहा कि सर्वे का मकसद भाजपा को मज़बूत दिखाते रहने से ज्यादा बी.एस.पी. के लोगों का मनोबल गिराना ही लगता है जबकि इनको यह मालूम होना चाहिये कि बसपा के लोग पहले से ही इस प्रकार के षड़यत्रों का सामना करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं और इस सर्वे के भी बहकावे में वे कतई भी आने वाले नहीं है, बल्कि इस सर्वे की चुनौती को स्वीकार करते हुए अब वे और भी ज्यादा ज़िद्, जोश, हिम्मत व मेहनत से काम करेंगे।

उन्होने कहा कि जैसे-जैसे विधानसभा का चुनाव नजदीक आता जाएगा तो वैसे-वैसे बसपा विरोधी तत्वों का षडयंत्र और भी अधिक संकीर्ण, ओछा, विषैला व शरारतपूर्ण न्यूज वाला होता जाएगा, जैसा कि हर चुनाव के पहले भी यहाँ अक्सर देखने को मिलता है। प्रदेश में दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों, मुस्लिम व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ-साथ अपरकास्ट समाज में से ख़ासकर ब्राह्मण समाज भी भाजपा के द्वेषपूर्ण व पक्षपाती रवैये से दुःखी होकर अब अपने सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय के लिए यहाँ बी.एस.पी. के साथ काफी तेजी से जुड़ रहा है। उससे भाजपा की ही नहीं बल्कि सपा व कांग्रेस सहित अन्य और बहुतों की बौखलाहट स्पष्ट तौर पर बढ़ी है।

यही कारण है कि जबसे बसपा के तत्वावधान में प्रबुद्ध वर्ग के सम्मेलन जो पूरे उत्तर प्रदेश में हो रहे हैं, उसका पहला दौर आज खत्म हो जाएगा लेकिन इसका औपचारिक समापन लखनऊ में सात सितम्बर को होगा, और फिर उसके बाद प्रबुद्ध समाज को तैयार करने के लिए दूसरे चरण का यह कार्यक्रम शुरू होगा। इस कार्यक्रम के लगातार सफल होने से सभी विरोधी दुःखी हैं। ये सभी विरोधी पार्टियाँ 2012 के हुये विधानसभा आमचुनाव की तरह बसपा को फिर से नुकसान पहुंचाने के लिए पार्टी के खिलाफ अन्दर-अन्दर एक हो जाएं तो यह भी कोई नई बात नहीं होगी।

वार्ता

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