लोकतंत्र से ज्यादा धनबल की राजनीति

लोकतंत्र से ज्यादा धनबल की राजनीति

लखनऊ। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने यह ठीक ही कहा कि अब लोग लोकतंत्र से ज्यादा धनबल की राजनीति कर रहे हैं। मुख्यमंत्री सोरेन ने यह बात झारखंड के तीन कांग्रेसी विधायकों के पास कैश मिलने के बाद कही है। हालांकि इस मामले में पश्चिम बंगाल की सीआईडी जांच कर रही है क्योंकि कांग्रेस के तीन विधायक बड़ी मात्रा में धन के साघ्थ कोलकाता मे पकड़े गये थे। इसलिए उनके बारे में कुछ भी कहना ठीक नहीं है लेकिन हाल ही में महाराष्ट्र से लेकर मध्य प्रदेश तक जिस तरह विधायकों का पाला बदला जाना और उससे पूर्व विधायकों को छिपाकर रखने के लिए करोड़ों-अरबों का खर्च हेमंत सोरेन की ही बात की पुष्टि करता है। कर्नाटक में भी यही हुआ है। यह गलत परम्परा है जो हमारे लोकतंत्र, जिसकी दुनिया भर में तारीफ हो रही है, उसके लिए ठीक नहीं है।

झारखंड में आखिर कांग्रेस विधायकों को पैसा देने के पीछे क्या कहानी हैं और क्या साजिश हो रही थी। इसकी जांच तो बंगाल सीआईडी कर रही हैं लेकिन झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का कहना है कि सबके पीछे भाजपा है। उन्होंने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि भाजपा चाहती है कि देश में उनके अलावा कोई दूसरी पार्टी या व्यक्ति सत्ता में ना रहे। भाजपा हमारी सरकार के पीछे इसलिए है, क्योंकि हम सत्ता में हैं, उन्हें ये सत्ता चाहिए। लेकिन हमें सत्ता जनता ने दी है और उनकी हर उम्मीद पर खरा उतरने की हमेशा कोशिश रहेगी। बहरहाल, झारखंड के जिन तीन कांग्रेस विधायकों के पास से कैश मिला है, उनसे पश्चिम बंगाल की सीआईडी फिलहाल हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। इसी संदर्भ में मुख्यमंत्री सोरेन कहते हैं कि यह चिंता का विषय है कि कांग्रेस के तीन विधायक हिरासत में हैं। ये कोशिश काफी लंबे समय से चल रही थी। अब जांच के बाद यह पता चलेगा कि यह चैनल कहां से कहां जाता है। यह पता चलेगा कि इस कोशिश की शुरुआत भाजपा के कमरे से ही हुई है। इन लोगों का लोकतंत्र पर विश्वास खत्म हो गया है। अब वो धनबल की राजनीति पर विश्वास ज्यादा कर रहे हैं। किसी भी तरह से इस मुहिम में लगे रहते हैं। कभी कुछ हासिल होता है तो कभी मुसीबत में भी फंसते हैं। वर्तमान में जो राजनीतिक स्थिति है इसमें लोकतंत्र को खरीदने की बात है। सीएम सोरेन से जब पूछा गया कि क्या भाजपा से डर लगता है? तो उन्होंने कहा, वो भी राजनीतिक पार्टी है और हम भी। उसमें डरने और नहीं डरने की बात नहीं है। इसमें राजनीतिक ताकत दिखाने की बात है। कौन अपनी राजनीतिक ताकत कितनी दिखा पाता है। कितने लोगों से जुड़ पाते हैं, कितने लोगों के बीच इनकी पकड़ है, कितने लोगों का समर्थन है। जब राज्य की जनता का समर्थन हमें प्राप्त है तो किसी और से डरने की जरूरत नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि फिलहाल सदन का सत्र चल रहा है। हमारे विपक्ष के साथी काफी कुछ संकेत दे रहे हैं कि हम लोग राजनीतिक परिभाषा बदलने जा रहे हैं। अब देखते हैं कि वे कैसे राजनीतिक परिभाषा बदलना चाहते हैं। पिछले तीन दिनों से वो सदन में किस तरह से आचरण कर रहे हैं और वार कर रहे हैं। सरकार का ध्यान भटकाने का हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। चर्चा के लिए जिस भी चीज पर सहमति बनती है, उस पर ही वे लोग हंगामा करते हैं। दूसरी ओर जिन तीन कांग्रेस विधायकों से पश्चिम बंगाल सीआईडी पूछताछ कर रही है उनकी निशानदेही पर दिल्ली में एक व्यक्ति के यहां वारंट के साथ टीम छापेमारी करने पहुंची थी लेकिन दिल्ली पुलिस ने उन्हें अपना काम करने से रोका। उनका आरोप है कि दिल्ली पुलिस उनका सहयोग नहीं कर रही है। इस बीच कांग्रेस के विधायक अनूप सिंह ने रांची में इस मामले में एफआईआर दर्ज करवाई है कि उन्हें आशंका है कि जल्द की केंद्रीय एजेंसियां उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी।

उधर, पश्चिम बंगाल आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) ने दावा किया कि दिल्ली और गुवाहाटी में उसके दलों को झारखंड के तीन विधायकों से नकदी जब्ती मामले की जांच करने से स्थानीय पुलिस ने रोका। सीआईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने 3 अगस्त को उसके एक दल को राष्ट्रीय राजधानी में गिरफ्तार झारखंड के तीन विधायकों में से एक के करीबी सहयोगी से जुड़ी संपत्ति पर छापेमारी करने से रोक दिया और हिरासत में ले लिया। सीआईडी ने इस व्यक्ति को मामले में आरोपी बताया है। झारखंड के कांग्रेस के तीन विधायक इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन बिक्सल कोंगारी जिस कार में यात्रा कर रहे थे, उसमें से 49 लाख रुपये जब्त होने के बाद पश्चिम बंगाल पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। सीआईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एक निरीक्षक, एक एएसआई और दो एसआई समेत कुल चार अधिकारियों को अदालती वारंट होने के बावजूद नयी दिल्ली में साउथ कैंपस थाना क्षेत्र में छापेमारी करने से रोककर हिरासत में ले लिया गया। सीआईडी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 3 अगस्त सुबह दिल्ली पुलिस ने पश्चिम बंगाल अपराध जांच विभाग (सीआईडी) की एक टीम को झारखंड के विधायकों से नकदी जब्त होने के मामले में एक आरोपी से जुड़ी संपत्ति पर छापेमारी करने से रोक दिया। अधिकारी ने कहा, वे नकदी जब्त होने के मामले की जांच के सिलसिले में दिल्ली गए थे। इस तरह रोका जाना पूरी तरह से अवैध है।

केंद्र सरकार के अंतर्गत काम करने वाली दिल्ली पुलिस ने बाद में कहा कि उसने तलाशी वारंट के क्रियान्वयन में कुछ विसंगतियां पायीं लेकिन बाद में उसने सीआईडी दल को पूरा सहयोग किया। सीआईडी ने ट्वीट किया, यह मामला झारखंड के तीन विधायकों के पास से भारी मात्रा में नकदी बरामद होने से संबंधित है।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पार्टी के झारखंड प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तीनों विधायकों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। विधायक अनूप सिंह ने प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर के साथ अरगोड़ा थाने में सरकार को अस्थिर करने को लेकर केस भी दर्ज कराया है। जेपीसीसी अध्यक्ष ने पुष्टि करते हुए कहा है कि झारखंड सरकार को अस्थिर करने के मामले में रांची में एफआईआर दर्ज कराई गई है। कांग्रेस ने झारखंड के अपने तीन विधायकों, इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन बिक्सल को सस्पेंड कर दिया है। इन तीनों विधायकों को पश्चिम बंगाल में उनके वाहन में भारी मात्रा में नकदी मिलने के बाद हिरासत में लिया गया था। बंगाल पुलिस ने कैश बरामदगी मामले में इन तीन विधायकों और दो अन्य को गिरफ्तार भी किया है। झारखंड कांग्रेस के महासचिव एवं प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा है कि, श्श्आने वाले दिनों में कोई भी जनप्रतिनिधि, पार्टी का जिम्मेदार पदाधिकारी या कोई भी कार्यकर्ता हो, हर किसी की जानकारी हमारे पास है। जो कोई भी इससे जुड़ा हुआ या लिप्त पाया जाता है, पार्टी उसके खिलाफ कार्रवाई करेगी। इस प्रकार कांग्रेस ने सोरेन सरकार के साथ जुड़े रहने का भरोसा दिलाया। (हिफी)

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)

epmty
epmty
Top