सियासी अनुभवी हरेन्द्र बोले- आ जाती है अखिलेश के शासन काल की याद

सियासी अनुभवी हरेन्द्र बोले- आ जाती है अखिलेश के शासन काल की याद

लखनऊ। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दिग्गज जाट नेताओं में शुमार पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक और उनके पुत्र पूर्व विधायक पंकज मलिक ने आज अपने समर्थकों के साथ समाजवादी पार्टी में शामिल होते हुए साइकिल पर सवार हो गए हैं। समाजवादी पार्टी के मुखिया एवं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पिछले सप्ताह ही कांग्रेस को अलविदा कहने वाले पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक और उनके पुत्र पूर्व विधायक पंकज मलिक को पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराई है।

हरेन्द्र मलिक ने अपने सम्बोधन में कहा है कि आज उत्तर प्रदेश की जनता भाजपा की अत्याचारों से त्राहि-त्राहि कर रही है। किसान, नौजवान, अल्पसंख्यक, बहुसंख्यक, कामगार, कलमगार, छायाकार सभी परेशान है। छात्रों को भविष्य सुरक्षित नहीं है। महिलाएं सुरक्षित नहीं है। ना जाने कब हाथरस कांड हो जाये। कब उन्नाव कांड हो जाये, कब बलिया कांड हो जाये, पूरे देश में त्राहि-त्राहि मची हुई है। उन्होंने कहा कि लोग जाति और धर्म पूछ करके संविधान को एक तरफ छोड़ करके ठो दो का कानून चला रहे हैं, ऐसी हमारी संविधान में कहीं व्यवस्था नहीं है। इन सब बातों से तंग आ करके उत्तर प्रदेश की जनता अतीत का धन करके देश का सबसे बड़ा प्रदेश है। मैं पश्चिमी उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूं और 44 साल की राजनीति का अनुभव है। लोग तंग और परेशान हो करके अतीत का जब अध्ययन करते हैं, तो उन्हें अखिलेश यादव जी के शासन काल की याद आ जाती है।


हरेन्द्र मलिक ने कहा है कि गन्ना किसान जानता है कि किस प्रकार इन्होंने 50 रूपये क्विंटल का अनुदान उत्तर प्रदेश सरकार की मद से गन्ना किसान को दिया था। हम जानते हैं कि चीनी मिल समय पर चलती थी, आज चीनी मिल नहीं चल रही है। उन्होंने कहा कि किसान का 25 से 30 फीसदी गन्ना खड़े कोल्हू 220 रूपये क्विंटल जा रहा है। सरकार यहां गृह राज्यमंत्री के स्वागत में लगी हुई है और मिल मालिक इनके संसाधन जुटाने में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि आज भी गन्ना किसानों का मिलों पर गन्ना मूल्य बकाया है। उन्होंने कहा कि हमारे यहां के गन्ना मंत्री हैं, प्रिय सुरेश राणा जी के विधानसभा क्षेत्र में बजाज शुगर मिल हैं और उनके जिले में तीन शुगर मिल हैं, तीनों मिलों पर किसानों का गन्ना मूल्य बकाया है और बजाज शुगर मिल पर तो सबसे ज्यादा बकाया है। गन्ना किसान की कमर टूट चुकी है। धान और आलू का किसान वैसे बर्बाद हो गया। किसान बोलते हैं चौपाल में बैठकर अगर अखिलेश का राज होता, जो अतिवृष्टि से क्षति हुई है, इसमें किसान को अनुदान जरूर मिल जाता।

हरेन्द्र मलिक ने कहा कि मैं भारी मन से कह रहा हूं। मेरा भी धान खराब हुआ है। उन्होंने कहा कि जनता का ध्यान इस दौरान सपा की तरफ है। हम यह जानते हुए और मानते हुए कि भाजपा को अगर कोई हरा सकता है तो वह केवल सपा रहा सकती है। उन्होंने कहा कि 2022 में भाजपा से मुक्ति पाने के लिये हमारा विश्वास और हमारे साथियों को विश्वास अखिलेश यादव जी के नेतृत्व में सपा की ओर जमा। उन्होंने कहा है कि हमारे समाज और 36 बिरादरी के लोग यहां बैठें हुए हैं, मैंने सड़क पर चलकर यूं नहीं सपा में आने का फैसला लिया। हम बंजर में खेती करने के आदि हैं। मैंने 18 साल कांग्रेस में अपना जीवन लगा दिया और उन्हें तीन विधायक जीतकर दिये। हरेन्द्र मलिक ने कहा कि मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि आज जिस खेत की मेड पर मैं खड़ा हूं, जिस मिट्ठी में घुसने का प्रयास कर रहा हूं। वह मिट्ठी भी अच्छी है, बीज भी अच्छा है, नेतृत्व भी अच्छा है और किसान भी अच्छा है। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से हम अपने उद्देश्य में कामयाब होंगे और भाजपा को हराने का काम करेंगे। उन्होंने सभी लोगों से अनुरोध करते हुए कहा है कि जो मेर निर्णय में साझी थे, वह अपना शत-प्रतिशत सपा के लिये दें।

हरेन्द्र मलिक ने कहा कि मैंने सपा की सदस्या ली है, प्रिय पंकज ने भी ली है और कई साथियों ने भी सदस्या ग्रहण की है। उन्होंने कहा कि जिस साथी ने भी सदस्या ली है, उन सब की ओर से मैं वादा करता हूं कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जी हम सपा के काम के लिये अपना शत-प्रतिशत लगा देंगे। हमारे किसी क्रियाक्लाप से पार्टी को कभी शर्मिंदा नहीं होना पडेगा। हम निश्चत रूप से पार्टी का सम्मार रखकर अनुशासन में रहते हुए काम करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर आपने साथ दिया तो हमारा एक-एक साथी कहीं मेहनत करने में कसर नहीं छोडेंगे। हम लोग पसीना बहाना जानते हैं, हमारे पुरखों ने पसीना बहाया है। हम उस समाज से आते हैं जो विश्वास के साथ धरती पर खड़े होकर खाद और बिज मिलाकर ऊपर से पटरा फेर दिया करता है कि भविष्य हमारा होगा। उन्होंने कहा कि ना हमें लोभ और ना ही कोई लालच केवल संविधान की रक्षा के लिये, उस किसान के लिये, उस नौजवान के लिये, जिसका रोजगार छिन गया है जब मुझे याद आता है, उसी को देखते हुए सपा की साईकिल का हैंडल हाथों में लिया है। वर्ष 2022 विधानसभा चुनावों में ईमानदार अखिलेश के नेतृत्व में भाजपा सरकार को जनता उखाडने का काम करेगी।

गौरतलब है कि पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक इससे पहले भी समाजवादी पार्टी में रहते हुए वर्ष 1998-99 में हुए लोकसभा चुनाव में मुजफ्फरनगर सीट से चुनाव लड़ चुके हैं। पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक और उनके पुत्र पूर्व विधायक पंकज मलिक ने पिछले सप्ताह ही कांग्रेस से इस्तीफा दिया था। तकरीबन 18 वर्ष तक कांग्रेस के साथ रहे पूर्व सांसद और उनके पुत्र के कांग्रेस को अलविदा कहने से पार्टी को करारा झटका लगा था। पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक की पहचान एक किसान नेता के तौर पर की जाती रही है। वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कद्दावर जाट नेताओं में भी शुमार रहे हैं। जिनका लोगों पर अभी तक भी अच्छा प्रभाव है। उनके बेटे पंकज मलिक भी कांग्रेस से जनपद मुजफ्फरनगर की बघरा और शामनी सदर विधानसभा सीट से विधायक रह चुके हैं पंकज भी समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं।



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