आंदोलन का एक वर्ष पूर्ण- गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने मनाया जश्न

आंदोलन का एक वर्ष पूर्ण- गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने मनाया जश्न

नई दिल्ली। आंदोलन के एक वर्ष पूर्ण होने पर आज गाजीपुर बॉर्डर पर भारी किसानो ने दिखाईं ताकत, कहा एमएसपी को लेकर रहेंगे। किसान आंदोलन करते हुए अपने हक की लड़ाई लड़ रहे किसानों का नाम आगे चलकर इतिहास में लिखा जाएगा, उनका जिक्र किताबों में होगा। एमएसपी सरकार की ओर से स्वीकार नहीं की गई है। किसानों की अन्य कुछ मांगे और हैं जब तक उन्हें पूरा नहीं किया जाता, उस समय तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा। किसानों का कहना ये हैं कि जब तक संसद में इन कानूनों को औपचारिक रूप से रद्द नहीं किया जाता और एमएसपी की क़ानूनी गारंटी और विद्युत संशोधन विधेयक वापस लेने समेत अन्य मांगें नहीं मान ली जाती हैं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। अब तक सरकार ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी को बर्खास्त नहीं किया है।

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रही है जिसमे किसान पटाखे जलाते हुए नज़र आ रहे है और आंदोलन का एक वर्ष पूर्ण होने पर जश्न मनाते नज़र आ रहे है। ये भारतीय किसान यूनियन के ट्विटर अकाउंट पर शेयर की गई है। किसानो ने कहा की सरकार द्वारा जिन कृषि सुधारों की बात की जा रही है, वह नकली और बनावटी है। इन सुधारों से किसानों की बदहाली रुकने वाली नही है। कृषि एवं किसान के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून बनाना सबसे बड़ा सुधार होगा। नए कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसान भाजपा के दिमाग के भीतर से ट्रैक्टर और किसान को कभी भी नहीं निकलने देंगे। किसान के सामने अब दो ही विकल्प हैं कि या तो वह खेती-बाड़ी को इन कंपनियों के हवाले कर दें और अपने खेत में ही मजदूर बन जाए या इनका विरोध कर आने वाली पीढ़ियों के लिए खेती-बाड़ी के धंधे को सुरक्षित करें। किसानों की अनदेखी कर रही भारतीय जनता पार्टी के दिमाग में किसान और ट्रैक्टर रहना जरूरी है। भाजपा जब ट्रैक्टर के ऊपर प्रचार करेगी तो ठीक रहेगा और किसान भी उसके दिमाग में रहेंगे।



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