मुआवजा दिए बगैर जमीनों पर कब्जा-हाईकोर्ट खफा, मांगा हलफनामा

मुआवजा दिए बगैर जमीनों पर कब्जा-हाईकोर्ट खफा, मांगा हलफनामा

प्रयागराज। उच्च न्यायालय ने किसानों को मुआवजा दिए बगैर जमीन का अधिग्रहण किए जाने की याचिकाओं पर कड़ा रुख अपनाते हुए एनएचएआई चेयरमैन से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है। हाईकोर्ट ने कहा है कि सरकारी एजेंसियों से इस प्रकार की उम्मीद नहीं है कि वह बेवजह मुकदमें बाजी को बढ़ावा दें। हाईकोर्ट में दाखिल हो रही याचिकाओं में कहा गया है कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण आर्बिट्रेटर द्वारा पारित अवार्ड के बाद भी किसानों को उनकी जमीन का मुआवजा नहीं दे रहा है।

प्रयागराज हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस राजेश बिन्दल व न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने जयपाल व अन्य समेत कई अन्य याचिओं की ओर से दाखिल की गई याचिकाओं पर आदेश पारित करते हुए कहा कि इस प्रकार के कृत्य की सरकारी एजेंसी से उम्मीद नहीं की जा सकती। हाईकोर्ट ने इस मामले में एनएचएआई के चेयरमैन को कई मुद्दों पर उनको व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। कहा है कि वह इस बात का हलफनामा दाखिल करे कि उत्तर प्रदेश में ऐसे कितने प्रोजेक्ट है जिसके लिए भूमि अधिग्रहण व पारित अवार्ड के बाद भी किसानों को मुआवजा नहीं दिया गया है।

चेयरमैन को हलफनामा में यह भी स्पष्ट करना है कि ऐसे कितने मामले हैं जिसमें बगैर अधिग्रहण के कब्जा ले लिया गया है। उन्हें यह भी बताना है कि इस मामले में कितने वाद कोर्ट में लम्बित है। हाईकोर्ट ने यह आदेश तब पारित किया जब अवार्ड हो जाने के बाद भी मुआवजा न मिलने पर मुआवजा की मांग में दर्जनों याचिकाएं दाखिल की गई थी। कोर्ट ने कहा कि ये ऐसे मामले हैं जिसे विवाद होने से टाला जा सकता है।



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