जयंती - सादगी और समर्पण की मिसाल थे पूर्व सांसद संजय चौहान

मुज़फ्फरनगर। नसीरपुर प्रेरणा स्थल पर बिजनौर लोकसभा के पूर्व सांसद स्वर्गीय संजय चौहान की 59वी जयंती मनाई गई।
आज दिनांक 10 अक्टूबर 2020 को स्वर्गीय पूर्व सांसद संजय चौहान जी की 59वी जयंती मनाई गई। प्रेरणा स्थल नसीरपुर गाँव में उनके फार्म पर स्वर्गीय संजय चौहान के पुत्र चंदन चौहान ने हवन किया और उनके पद चिन्हों पर चलने का संकल्प लेते हुए प्रसाद वितरण किया। मुख्य रूप से सुनील कुमार गुर्जर बाबूजी, वरिष्ठ सपा नेता साजिद हसन, डॉ इसरार अल्वी, शमशेर मलिक, सनवर खान, बन्नी गुज्जर,शाह फैसल , गोविंदा कसाना, शहजाद अलवी, प्रवीण, अरुण गुर्जर आदि उपस्थित रहे।

गौरतलब है कि बिजनौर के पूर्व सांसद संजय चौहान का दो अक्टूबर 2015 हृदयाघात के चलते निधन हो गया था । दिल्ली के अपोलो अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली थी । उनकी मृत्यु की खबर सुनकर मुजफ्फरनगर और बिजनौर जिले में शोक की लहर दौड़ गई थी । संजय चौहान के निधन से गुर्जर राजनीति को कड़ा झटका लगा था। संजय चौहान मूलत: कैराना के गांव बीनड़ा के रहने वाले थे। उनके पिता चौधरी नारायण सिंह गुर्जर राजनीति के आधार स्तंभ व यूपी के उपमुख्यमंत्री रहे। संजय चौहान 1996 में मोरना विधानसभा से सपा के टिकट पर पहली बार विधायक बने, उनके सामने तब बसपा ने माफिया रहे नफीस कालिया को टिकट देकर उन्हें शिकस्त देनी की कोशिश की थी मगर उन्हें मुंह की खानी पड़ी थी, हालांकि 2002 में वह विधानसभा चुनाव हार गए। इसके बाद उन्होंने रालोद ज्वाइन की और बिजनौर लोकसभा सीट से वर्ष 2009 में 15वीं लोकसभा के सदस्य चुने गए। संसद सदस्य के तौर पर संजय चौहान अनुमान समिति, फूड कंज्यूमर अफेयर व लोक वितरण समिति के सदस्य रहे। पूर्व सांसद अपने पीछे पत्नी, पुत्र चंदन सिंह चौहान व एक अन्य पुत्र-पुत्री को छोड़कर गए थे।
संजय चौहान की राजनैतिक विरासत को उनके पुत्र चन्दन चौहान ने सँभालते हुए समाजवादी पार्टी के टिकट पर 2017 में खतौली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा मगर उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा । वर्तमान में चन्दन चौहान सपा मुखिया अखिलेश यादव की युवा टीम का हिस्सा है।
अक्टूबर में जन्म तो अक्टूबर में ही हुई थी मृत्यु
बिजनौर लोकसभा के पूर्व सांसद स्वर्गीय संजय चौहान की ज़िंदगी का यह एक इत्तेफ़ाक़ भी रहा कि उनका जन्म 10 अक्टूबर को हुआ था तो मृत्यु भी अक्टूबर के महीने में ही 2 अक्टूबर को हुई थी ।
