दो दशक बाद मुख्तार नहीं लड़ेंगे विधानसभा चुनाव

दो दशक बाद मुख्तार नहीं लड़ेंगे विधानसभा चुनाव

मऊ। उत्तर प्रदेश में मऊ जिले की सदर विधानसभा से लगातार 20 वर्षों से चुनाव जीत रहे बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी मौजूदा आम चुनाव नहीं लड़ेंगे। मुख्तार ने अपनी राजनीतिक विरासत अपने बड़े पुत्र अब्बास अंसारी को साैंपी है जो पिता के स्थान पर समाजवादी पार्टी (सपा) गठबंधन के उम्मीदवार के तौर पर ताल ठोकेंगे।

अब्बास ने सोमवार को सपा की सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के टिकट पर दो सेटों में नामांकन दाखिल किया। मऊ कलेक्ट्रेट में सदर विधानसभा सीट से अपना पर्चा दाखिला करने के बाद अब्बास ने पत्रकारों से कहा कि इस वर्ष उनके पिता विधायक मुख्तार अंसारी चुनाव नहीं लड़ेंगे बल्कि खुद अब्बास अंसारी उनकी परंपरागत सीट पर सुभासपा - सपा गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में नामांकन कर चुके हैं।

मुख्तार विभिन्न आपराधिक मामलों में बांदा जेल में निरूद्ध हैं। सुभासपा ने पहले उन्हे और उनके पुत्र अब्बास को सदर विधानसभा से नामांकन का प्रस्ताव दिया था। कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद जेल में जरूरी औपचारिकतायें पूरी कर ली गयी थी लेकिन ऐन वक्त पर मुख्तार ने चुनाव लड़ने का इरादा छोड़ दिया जिसके बाद उनके पुत्र ने नामांकन दाखिल किया।

गौरतलब है कि सदर विधानसभा में 2002 से लगातार मुख्तार अंसारी का कब्जा है जबकि 2005 से मुख्तार लगातार जेल में है। ऐसे में वर्ष 2007, 2012 और 2017 का चुनाव अंसारी ने जेल में रहते हुए जीता। दिलचस्प है कि 2017 में जिले की चार विधानसभा सीट में तीन पर भाजपा का कमल खिला था, तब भी यहां सदर सीट पर बसपा उम्मीदवार मुख्तार जीत दर्ज कर चौथी बार विधायक निर्वाचित हुए।

मऊ की सदर विधानसभा सीट बसपा के लिए अजेय बनी हुई है। कई प्रयोगों के बावजूद अब तक यहां एक बार भी कमल नहीं खिल सका। हालांकि 1967 में जनसंघ से दीया बाती चुनाव चिह्न पर लल्लू बाबू विधायक निर्वाचित हुए थे। इसके बाद तो सदर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा जीत को तरसती रही। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने गठबंधन कर यह सीट सुभासपा को दी थी। गठबंधन प्रत्याशी ने भाजपा लहर में मुख्तार अंसारी को कड़ी टक्कर तो दी, लेकिन जीत नहीं सके। सदर विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं ने कम्युनिस्ट पार्टी, कांग्रेस, जनता पार्टी, बसपा और निर्दल को भी मौका दिया है, लेकिन भाजपा को हमेशा ही निराशा हाथ लगी है।

2017 के विधानसभा चुनाव में मुख्तार बसपा के टिकट पर सदर विधानसभा से निर्वाचित हुये थे जबकि उनके पुत्र अब्‍बास ने ’बसपा के ही टिकट पर घोसी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था।

वार्ता

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