सीएम गहलोत खेमे के विधायको ने विधानसभा अध्यक्ष के घर जाकर सौंपा इस्तीफ़ा

सीएम गहलोत खेमे के विधायको ने विधानसभा अध्यक्ष के घर जाकर सौंपा इस्तीफ़ा

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का नामांकन करने से पहले आज शाम सात बजे होने वाली कांग्रेस विधायक दल की बैठक नहीं हो पाई और संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल के घर जुटे गहलोत खेमे के विधायकों ने अशोक गहलोत के समर्थन में अपने इस्तीफे विधानसभा अध्यक्ष डा सी पी जोशी के घर जाकर दे दिए है।

मुख्यमंत्री निवास पर शाम सात बजे आयोजित इस बैठक में भाग लेने के लिए कांग्रेस आलाकमान ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे एवं पार्टी के प्रदेश प्रभारी अजय माकन पर्यवेक्षक के रुप में जयपुर पहुंचे लेकिन बैठक शुरु होने से पहले अशोक गहलोत खेमे के विधायकों के मंत्री शांति धारीवाल के घर पहुंचने से यह बैठक शुरु होने में देरी होने लगी और बताया गया कि अब यह बैठ आठ बजे शुरु होगी लेकिन आठ बजे भी यह बैठक शुरु नहीं हो पाई और इसके बाद रात नौ बजे तक यह बैठक नहीं शुरु हुई और उस मंत्री शांति धारीवाल के घर कुछ मंत्री एवं विधायक बाहर खड़ी बस में बैठने लगने पर यह पता चला कि वे सब अपना इस्तीफा लेकर डा जोशी के घर जा रहे हैं।

खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने मीडिया से कहा कि मंत्री शांति धारीवाल के घर 92 विधायक मौजूद है और सभी विधायक डा जोशी के घर जा रहे है। उन्होंने कहा कि विधायकों की भावना समझनी चाहिए। सियासी संकट केसमय जब ये विधायक होटलों में बंद थे और संघर्ष किया उनकी भावना समझनी चाहिए। उनसे पूछा गया कि क्या सचिन पायलट के प्रति इतनी नफरत क्यों है, इस पर उन्होंने कहा कि नफरत नहीं हैं और यहां बैठक में किसी का नाम नहीं लिया गया है। उन्होंने बताया कि ये सभी विधायक अपने इस्तीफे देने उनके घर जा रहे हैं।

उधर विधायक एवं मुख्यमंत्री के सलाहकार संयम लोढ़ा का कहना है कि यहां 82 विधायक हैं। उल्लेखनीय है कि बैठक के लिए पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और कई विधायक मुख्यमंत्री निवास पहुंच चुके थे लेकिन मंत्री शांति धारीवाल के घर जुटे विधायकों के नहीं आने से बैठक खटाई में पड़ गई। बाद में लगभग साढ़े 9 बजे एक बस में भरकर सभी विधायक विधानसभा अध्यक्ष डा सी पी जोशी के घर इस्तीफा सौंप दिया है। बताया जा रहा है की गहलोत खेमा सचिन पायलट को किसी भी कीमत पर मुख्यमंत्री बनने नहीं देना चाहता है।

वार्ता

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