युवाओं की ऊर्जा का सदुपयोग

युवाओं की ऊर्जा का सदुपयोग

लखनऊ। गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 में जब उत्तर प्रदेश में धुंआधार चुनाव प्रचार किया था, तब युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था। कुछ परिस्थितियां ऐसी आयीं कि युवाओं को रोजगार का वादा पूरा नहीं किया जा सका लेकिन यह बात नरेन्द्र मोदी के जेहन में हमेशा रही। अब इस पर तेजी से अमल किया जा रहा है। बीते दो साल कोरोना की भेंट चढ़ गये और इसका अर्थव्यवस्था पर बहुत असर पड़ा था। अब युवाओं की प्रतिभा और ऊर्जा का राष्ट्र निर्माण में सदुपयोग किया जा रहा है। बीते 22 नवम्बर को ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रोजगार मेला के तहत 71 हजार से ज्यादा युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपे है। पिछले एक महीने से इस प्रकार के अभियान राजग शासित राज्यों में भी चलाये जा रहे हैं। देश की सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने भी युवाओं को रोजगार प्रदान किया है। उत्तर प्रदेश में जिस तरह से निवेश आ रहा है, उससे लाखों युवाओं को रोजगार मिलने की संभावना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 22 नवम्बर को नवनियुक्त कर्मियों के लिए आनलाइन ओरिएंटेशन कोर्स- कर्मयोगी प्रारम्भ- की भी शुरुआत की थी। इस प्रकार रोजगार पाने वाले युवाओं को कार्यस्थल के प्रति नैतिकता और ईमानदारी का पाठ भी पढ़ाया जाएगा। बेरोजगारी से देश का बुरा हाल हो गया है। दिसम्बर 2021 तक देश में बेरोजगारों की संख्या 5 करोड़ 30 लाख के करीब थी। इनमंे एक करोड़ 70 लाख महिलाएं बेरोजगारी का दंश झेल रही थीं। यह आंकड़ा सेंटर फार मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी (सीएमआईई) ने दिये थे।

युवाओं को राष्ट्र की सबसे बड़ी ताकत बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 10 लाख कर्मियों के लिए भर्ती अभियान 'रोजगार मेला' के तहत 71,000 से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपें और कहा कि युवाओं को रोजगार देने का यह अभियान अनवरत जारी रहेगा। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले एक महीने से इसी प्रकार के अभियान राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) शासित राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में भी चलाए जा रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि राजग शासित राज्यों में सिर्फ पिछले एक महीने के भीतर हजारों युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपे गए हैं। उन्होंने कहा, ''पिछले एक महीने में सिर्फ महाराष्ट्र और गुजरात ने हजारों युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपे हैं। कुछ दिन पहले ही उत्तर प्रदेश सरकार ने भी नियुक्ति पत्र सौंपे। जम्मू एवं कश्मीर, लद्दाख, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, दादरा और नागर हवेली, दमन और दीव, चंडीगढ़ में भी रोजगार मेले का आयोजन किया गया और युवाओं को नौकरियां दी गई। प्रधानमंत्री ने युवाओं को राष्ट्र की सबसे बड़ी ताकत बताया और कहा कि युवाओं की प्रतिभा और उनकी ऊर्जा राष्ट्र निर्माण में ज्यादा से ज्यादा उपयोग में आए, इसे केंद्र सरकार सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने कहा, स्टार्ट-अप्स से लेकर स्वरोजगार तक, अंतरिक्ष से लेकर ड्रोन तक आज भारत में युवाओं के लिए चौतरफा नए अवसरों का निर्माण हो रहा है। मोदी ने कहा, इसमें प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) जैसी योजनाओं की बड़ी भूमिका होगी। लेकिन इसका मुख्य आधार भारत का कौशल युक्त युवा ही होगा। विकसित देशों में विशेषज्ञों को एक बड़े संकट का डर है लेकिन अर्थशास्त्रियों का कहना है कि भारत के पास आर्थिक क्षमता दिखाने का सुनहरा अवसर है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने नवनियुक्त कर्मियों के लिए आयोजित किए जाने वाले ऑनलाइन ओरिएंटेशन कोर्स 'कर्मयोगी प्रारंभ' की भी शुरुआत की। इसमें सरकारी कर्मचारियों के लिए आचार संहिता, कार्यस्थल नैतिकता और ईमानदारी, मानव संसाधन नीतियां और अन्य लाभ व भत्ते से संबंधित जानकारियां शामिल होंगी, जो उन्हें नीतियों के अनुकूल तथा नयी भूमिका में आसानी से ढल जाने में मदद करेंगी।

बेरोजगारी को लेकर भाजपा की मातृ संस्था राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ भी चिंतित रहा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने पिछले दिनों बेरोजगारी और आय में बढ़ती असमानता पर चिंता व्यक्त की थी। मानसून के दौरान कृषि गतिविधियां बढ़ने से जुलाई महीने में देश की बेरोजगारी दर घटकर 6.80 प्रतिशत पर आ गई। एक महीने पहले जून में यह 7.80 प्रतिशत पर थी। आर्थिक गतिविधियों पर नजर रखने वाली संस्था सेंटर फॉर मॉनिटरिंग ऑफ इंडियन इकॉनमी ने जुलाई 2022 के आंकड़े जारी करते हुए बेरोजगारी दर में कमी आने का दावा किया था। हालांकि ग्रामीण क्षेत्र के मुकाबले शहरी क्षेत्र में बेरोजगारी बढ़ी है। सीएमआईई के मुताबिक, बीते महीने ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर घटकर 6.14 प्रतिशत रह गई जबकि जून में यह 8.03 प्रतिशत थी। वहीं शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर बढ़कर 8.21 प्रतिशत हो गई जो एक महीने पहले 7.80 प्रतिशत थी। शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी बढ़ने के पीछे उद्योग जगत एवं सेवा क्षेत्र दोनों में ही नौकरियों में आई कमी को जिम्मेदार बताया गया। सीएमआईई की मासिक रिपोर्ट कहती है कि जुलाई में शहरी क्षेत्र में रोजगार छह लाख तक कम हो गए। इस तरह जून के 12।57 करोड़ शहरी रोजगार की तुलना में जुलाई में यह संख्या 12.51 करोड़ रह गई। सीएमआईई के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) महेश व्यास ने कहा कि रोजगार में माह-दर-माह आधार पर आंशिक सुधार देखा गया। जून में रोजगार 1.3 करोड़ घटा था जबकि जुलाई में 63 लाख रोजगार पैदा हुए। जुलाई में बेरोजगारी दर कम होने में मुख्य रूप से कृषि संबंधी रोजगार में वृद्धि की अहम भूमिका रही। दक्षिण-पश्चिम मानसून के सक्रिय होने से खरीफ की फसलों की बुवाई ने तेजी पकड़ी और ग्रामीण रोजगार बढ़ गए। व्यास ने कहा कि जुलाई में कृषि क्षेत्र ने अतिरिक्त 94 लाख रोजगार पैदा किए जबकि जून में 80 लाख लोग बेरोजगार हुए थे।

बीजेपी के नेता और सांसद वरुण गांधी ने भी बेरोजगारी को लेकर अपनी ही पार्टी की सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने ट्वीट किया है कि ससंद में सरकार द्वारा दिए गए यह आंकड़े बेरोजगारी का आलम बयां कर रहे हैं। विगत 8 वर्षों में 22 करोड़ युवाओं ने केंद्रीय विभागों में नौकरी के लिए आवेदन दिया जिसमें से मात्र 7 लाख को रोजगार मिल सका है। जब देश में लगभग एक करोड़ स्वीकृत पद खाली हैं, तब इस स्थिति का जिम्मेदार कौन है?

इसलिए रोजगार देने के प्रयास तेजी से हो रहे हैं। भाजपा शासित यूपी सरकार के माध्यम से भी रोजगार मेला योजना के अंतर्गत 50 लाख बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यूपी मिशन रोजगार के अंतर्गत युवा वर्ग के नागरिकों को आजीविका हेतु निजी एवं सरकारी क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है। यह बेरोजगार शिक्षित युवा वर्ग के नागरिकों के लिए रोजगार के साधन दिलाने हेतु एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। यह योजना राज्य भर में 5 दिसंबर 2020 को लागू की गयी। योजना के तहत बेरोजगारी की दर को कम करने के लिए योजना के माध्यम से युवाओं को स्वरोजगार हेतु भी प्रेरित किया जायेगा जिससे युवा वर्ग के नागरिक स्वरोजगार को स्थापित कर अन्य लोगो को भी रोजगार दिलाने में समर्थ होंगे। उत्तर प्रदेश मिशन रोजगार का मुख्य उद्देश्य है बेरोजगार वर्ग के युवाओं को रोजगार देना। कोरोना महामारी के समय में अधिक युवा वर्ग के नागरिक जॉब को खो चुके है। एवं जीवन निर्वाह करने हेतु उनके पास किसी भी प्रकार के साधन मौजूद नहीं है। सरकार उनको रोजगार देने का प्रयास कर रही है। (हिफी)

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