हार्दिक पटेल ने बताया जान को खतरा- थोड़ी ही देर में बयान से पलटे

हार्दिक पटेल ने बताया जान को खतरा- थोड़ी ही देर में बयान से पलटे

अहमदाबाद। कांग्रेस का हाथ छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए हार्दिक पटेल ने आज पहले खुद की जान को खतरा बताते हुए कहा कि उन्हें जान से मारने की धमकियां दी जा रही है। लेकिन इस बात का दावा करने के कुछ मिनटों बाद ही हार्दिक पटेल ने अचानक से पलटी मारते हुए अपने बयान को वापस ले लिया। जब उनसे मैसेज डिलीट करने का कारण पूछा गया तो उन्होंने कोई जवाब देना मुनासिब नहीं समझा।

दरअसल भारतीय जनता पार्टी में पिछले दिनों ही शामिल होने वाले हार्दिक पटेल ने सोमवार को आरोप लगाया कि उन्हें जान से मारने की धमकियां दी जा रही है। इस बात का दावा करने के कुछ समय बाद ही पलटी मारते हुए अचानक से हार्दिक पटेल ने अपने बयान को वापस ले लिया। पाटीदार नेता हार्दिक पटेल की ओर से शुरुआत में दावा किया गया था कि उन्हें जान से मारने की धमकियां दी जा रही है। लेकिन यह बयान देने के कुछ मिनटों बाद ही उनके पीछे हट जाने से अब सवाल उठाया जा रहा है कि वह इस बात को साफ तौर पर कहने से क्यों कतरा रहे हैं कि समाज का एक वर्ग उनसे भाजपा में शामिल होने की वजह से नाराज हैं और उनमें से कुछ लोगों द्वारा उन्हें धमकियां दी जा रही है।

हालांकि हार्दिक पटेल की ओर से सोमवार की सवेरे इस बात की पुष्टि की गई थी कि उन्हें धमकियां मिली हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इस बाबत उनकी ओर से पुलिस को इस मामले की सूचना दे दी गई है। लेकिन अभी तक उन्हें सुरक्षा नहीं मिली है। परंतु इसके कुछ मिनटों बाद ही उन्होंने सोशल मीडिया पर डाले अपने सभी मैसेज डिलीट कर दिए। जब उनसे इसका कारण पूछा गया तो उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब देना मुनासिब नहीं समझा।

दरअसल समाज के एक वर्ग के साथ-साथ पाटीदार समुदाय के बारे में कहा जाता है कि वह दो कारणों से हार्दिक पटेल से नाराज हैं। पहला कारण तो यह है कि वह भाजपा में क्यों शामिल हुए जब सत्ताधारी दल ने अभी तक पाटीदारों के खिलाफ सभी मामलों को वापस नहीं लिया है और परिवार आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले 14 युवाओं के सदस्यों को अभी तक सरकारी नौकरी नहीं दी है। दूसरा कारण यह है कि भाजपा में शामिल होने के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने पाटीदार प्रदर्शनकारियों को असामाजिक तत्व करार दिया था।

बताया जा रहा है कि जिस दिन पाटीदार नेता हार्दिक पटेल भाजपा में शामिल होने के लिए बीजेपी कार्यालय गए थे, उसी दिन से उत्तरी गुजरात में पाटीदारों के एक वर्ग ने होर्डिंग पर उनकी तस्वीरों और नामों पर कालिख पोतना शुरू कर दिया था।

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