बिल के फायदे बताये सरकार- मैं खुद किसानों को समझाऊंगा- अजित सिंह

बिल के फायदे बताये सरकार- मैं खुद किसानों को समझाऊंगा- अजित सिंह

मुजफ्फरनगर। रालोद सुप्रीमो चौधरी अजित सिंह ने भाजपा पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार नये कृषि कानूनों के फायदे मुझे समझा दे तो मैं खुद गांव दर गांव जाकर लोगों को इन नए कानूनों से होने वाले फायदों को समझा दूंगा। भाजपा के लोगों को गांव में किसानों के बीच जाने की जरूरत नहीं है। रालोद मुखिया ने पार्टी नेताओं द्वारा 26 फरवरी को गांव सोरम में प्रस्तावित महापंचायत को स्थगित करने का ऐलान करते हुए कहा क्षेत्र के लोग इस बात को तय करेंगे कि कब पंचायत करनी है। चौधरी अजित सिंह ने सोमवार को हुई घटना में घायल हुए लोगों के घर जाकर उनसे व उनके परिजनों से बातचीत कर उनकी कुशलक्षेम पूछी। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने किसानों के साथ मारपीट की है, पुलिस को उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करनी चाहिए।

शाहपुर थाना क्षेत्र के गांव सोरम में सोमवार को हुई मारपीट की घटना के बाद मंगलवार को गांव में पहुंचे रालोद प्रमुख चौधरी अजित सिंह ने घटना के संबंध में लोगों से बातचीत कर जानकारी ली। इस मौके पर ऐतिहासिक सोरम चौपाल पर मौजूद किसानों के बीच अपने संबोधन में रालोद सुप्रीमों चौधरी अजित सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार पूरी तरह से किसान विरोधी है। वह किसानों को फसलों की एमएसपी तक नहीं देना चाहती है। यह भाजपा की किसान विरोधी सोच का ही परिणाम है कि गन्ने का समुचित दाम किसानों को नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा नए कृषि कानून यदि किसानों के हक में रहे होते तो पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह इन्हें भाजपा से कहीं पहले लागू कर देते। पूर्व मंत्री चौधरी अजित सिंह ने सवालिया लहजे में कहा कि भाजपा अपने नेताओं को गांव में किसानों को समझाने के लिए भेजने के बजाय नये कृषि कानूनों से होने वाले लाभ उन्हें समझा दे कि यह कानून किस तरह किसानों के हक में है। इसके बाद वह खुद किसानों के बीच जाकर इसके फायदे उन्हें बताएंगे। भाजपा के लोगों को किसानों के बीच गांव दर गांव जाने की जरूरत नहीं है।

उन्होंने आरोप लगाया कि जिस तरह से अंग्रेजों ने देश के लोगों को आपस में बांटा था उसी तरह भाजपा भी लोगों के बीच वैमनस्य पैदा कर उन्हें बांटने का काम कर रही है। रालोद अध्यक्ष ने सोमवार को हुई घटना को लेकर रिपोर्ट दर्ज न किए जाने पर पुलिस की आलोचना करते हुए कहा कि पुलिस किसी सरकार की नहीं होती बल्कि वह जनता की होती है। उन्होंने कहा कि जिस तरह कुछ लोगों द्वारा गांव में किसानों के साथ मारपीट की गई है वह पूरी तरह से गलत और निंदनीय है। उन्होंने हिदायत दी कि यदि किसानों की एफआईआर दर्ज नहीं की गई तो इसका नतीजा पुलिस को भुगतना होगा। सोमवार को रालोद नेताओं द्वारा गांव सोरम में आहूत 26 फरवरी की महापंचायत के ऐलान को रद्द करते हुए उन्होंने कहा कि गांव के लोग आपस में मिल बैठकर इस पर चर्चा कर ले। वह जब चाहे पंचायत कर सकते हैं। चौपाल में हुई पंचायत के बाद पूर्व मंत्री चौधरी अजित सिंह गांव में उन लोगों से मिलने गए जिनके साथ सोमवार को मारपीट की गई थी। उन्होंने मारपीट व तोड़फोड़ की आलोचना की। गांव सोरम पहुंचे रालोद सुप्रीमो चौधरी अजित सिंह के साथ जिला अध्यक्ष अजीत राठी, पूर्व मंत्री धर्मवीर बालियान व योगराज सिंह, पूर्व विधायक राजपाल बालियान, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष तरसपाल मलिक, रमा नागर व सुधीर भारतीय आदि भी मौजूद रहे।

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