पूर्व मंत्री के पोते का BJP के खिलाफ विद्रोह- अब ठोकी निर्दलीय ताल

पूर्व मंत्री के पोते का BJP के खिलाफ विद्रोह- अब ठोकी निर्दलीय ताल

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश में 18 वीं विधानसभा के गठन के लिए हो रहे चुनाव में प्रतापगढ़ विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के टिकट के दावेदारों में शामिल पूर्व मंत्री के पोते ने टिकट नहीं मिलने पर बीजेपी से विद्रोह करते हुए निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन कर चुनाव मैदान में ताल ठोक दी है। पूर्व मंत्री के पोते के निर्दलीय उतरने से असमंजस की स्थिति में पड़ी भाजपा की ओर से अब उन्हें मनाने का प्रयास चल रहा है।

दरअसल भारतीय जनता पार्टी के नेता अनिल सिंह प्रतापगढ़ विधानसभा सीट पार्टी का टिकट मांग रहे थे। अनिल सिंह के बाबा अजीत प्रताप सिंह वर्ष 1962, 1967 एवं 1980 में हुए लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए थे। वह प्रदेश सरकार में वन मंत्री भी रहे। अनिल सिंह के पिता अभय प्रताप भी वर्ष 1991 में हुए लोकसभा के चुनाव में जनता दल के टिकट पर सांसद चुने गए थे। इतनी सशक्त राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले भाजपा नेता अनिल सिंह पिछले काफी समय से अपने मन के भीतर पार्टी से टिकट हासिल कर चुनाव लड़ने की लालसा पाले हुए थे। उन्हें पूरी आशा थी कि वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी की ओर से उन्हें सदर विधानसभा सीट पर जरूर टिकट दिया जाएगा, लेकिन जब टिकट की घोषणा की गई तो भारतीय जनता पार्टी की ओर से उनका पत्ता साफ कर दिया गया। भाजपा का टिकट नहीं मिलने पर बुरी तरह से आहत हुए अनिल सिंह ने निर्दल प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है। नामांकन के अंतिम दिन भाजपा नेता के द्वारा पार्टी के विरोध में बिगुल फूंकने से अब भाजपा नेता बुरी तरह से सकते में हैं। पार्टी के जिला अध्यक्ष हरिओम मिश्रा के मुताबिक अनिल सिंह उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेता है। अभी उनसे बातचीत की जा रही है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि अनिल सिंह निर्दलीय तौर पर दाखिल किया गया अपना नामांकन वापस ले लेंगे।

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